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कोरोना कहर, छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना के आज मिले 10 हजार 310 नए संक्रमित, 53 की मौत, दुर्ग जिले में मिले 16 सौ से अधिक संक्रमित

  रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर। असल बात न्यूज। 0 चिंतन/ विश्लेषण/ जिंदगी बचाने के लिए 0  अशोक त्रिपाठी  छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना के संक्...

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 रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर। असल बात न्यूज।

0 चिंतन/ विश्लेषण/ जिंदगी बचाने के लिए

0  अशोक त्रिपाठी 

छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना के संक्रमण का फैलाव अत्यंत तीव्र गति पर है। ऐसे हालात पिछले साल के जून के महीने में थे। तब भी कोरोना के संक्रमण के फैलाव की जो गति, तीव्रता थी वह अभी के संक्रमण के फैलाव से लगभग 1 प्रतिशत तक कम थी। जून 2020 में कोरोना के तीव्रता की प्रतिशत 5.5 प्रतिशत के आसपास आंकी गई थी जो कि अब बढ़कर 6.8 प्रतिशत के आसपास पहुंच गई है। यह तीव्रता दर इस अप्रैल महीने के पहले सप्ताह में और बढ़ गई है। वही इस के अभी आगे और बढ़ने की भी आशंका है। यह आंकड़े छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश के 11 राज्य और संघ शासित प्रदेशों के हैं, जहां कोरोना के संक्रमण का फैलाव चिंताजनक तरीके से, गंभीर तरीके से फैलता जा रहा है। देश के महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, पंजाब प्रदेश में इस मामले में विशेष रुप से हालत चिंताजनक हो गए हैं। छत्तीसगढ़ की आम जनता को इस समय बहुत- बहुत धन्यवाद दिया जाना चाहिए कि यहां के लोगों ने बहुत अधिक जागरूकता, सजगता और बड़े आत्म संयम, विवेक शीलता का परिचय दिया है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में यहां की  आम जनता खुद भी मोर्चे पर उतर आई है। जिला प्रशासन के द्वारा दुर्ग जिले में कोरोना के नियंत्रण रोकथाम और बचाव के लिए लाकडाउन किया गया है लेकिन आम लोग इससे पहले ही सतर्क हो गए हैं और सप्ताह भर पहले से अत्यंत जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकल रहे हैं अथवा घर से निकलना कम कर दिया है। लोग स्वयं होकर घर से नहीं निकल रहे हैं।उन्होंने अपनी आंखों से देखा है कि कोरोना का संक्रमण कितना खतरनाक है। लोगों की जान कैसे चली आ रही है। संक्रमित मरीज किस तरह से तड़प- तड़प कर दम तोड़ दे रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों को बेड की कमी की समस्या से कैसे जूझना पड़ रहा है। ऑक्सीजन नहीं मिल रहे हैं। Ventilator की सुविधा ना के बराबर होना स्वाभाविक है । अस्पतालों के चिकित्सक भी कोरोना के खतरनाक संक्रमण कथा सुविधाओं की कमी से डरे, सहमे हुए हैं। ऐसे दयनीय हालात, बदतर व्यवस्थाओं से आम लोगों को समझ में आ जाता है कि अपनी जिंदगी सुरक्षा के लिए, अपने परिवार, रिश्तेदारों की जान बचाने के लिए स्वयं ही सजग होना पड़ेगा। स्वयं ही कदम उठाने पड़ेंगे।जो कमियां हैं उसे स्वयं ही दूर करने का प्रयास करना होगा। दुर्ग जिले के भिलाई नगर निगम क्षेत्र की बात करें तो यहां के लोगों ने निगम प्रशासन को ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करते शायद ही कभी देखा होगा। आज भी नालियां गंदगी से बजबजा  रही हैं। मच्छरों ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। लोग अपने उपायो, प्रयासों से इससे बचने की हर भरसक कोशिश कर रहे हैं। मच्छरों के काटने से भी बीमारियां पैदा हो रही हैं।इस मामले में राज्य के रायपुर नगर निगम की तारीफ करनी होगी कि कोरोना के संक्रमण का फैलाव शुरू होने के बाद  बाद वहां निगम प्रशासन के द्वारा हर गली- गली में कीटनाशक दवाइयों, ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करवाया है। मच्छरों के काटने से भी बुखार हो रहा है। दुर्ग जिले में हर चौथे घर में लोग बुखार, सर्दी, खांसी से पीड़ित हैं। ऐसा नहीं है कि यह कोरोना ही होगा। इसके इलाज के लिए, जांच कराने के लिए पीड़ित, अनहोनी की आशंका से अस्पताल नहीं जा रहे हैं। अस्पताल जाने से डर रहे हैं। उन्हें डर है कि अभी कोरोना  नहीं होगा तब भी अस्पताल जाने पर वे दूसरों के संपर्क में आ जाने से कोरोना से संक्रमित, पीड़ित हो सकते हैं। और ऐसा हो भी रहा है। अस्पताल में भीड़ बढ़ने की वजह से भी कोरोना के संक्रमितो की संख्या बढ़ती जा रही है। अस्पताल में एक से दूसरे तक संक्रमण फैल रहा है। वहां ऐसा खतरा हमेशा बने रहना स्वाभाविक भी है।   कोरोना के फैलाव के जो डरावने आंकड़े आ रहे हैं, जो चिंताजनक आंकड़े सामने आ रहे हैं उसकी एक मुख्य वजह यह भी है। प्रत्येक भीड़ वाली जगह से संक्रमण फैल रहा है।सिर्फ मास्क नहीं पहनने वालों से जुर्माना वसूल लेने से ही संक्रमण फैलने से  रुकने वाला नहीं है। हमें संक्रमण के फैलाव की मुख्य जड़ों पर प्रहार करना होगा। किसी कारण से लोग अस्पताल जा रहे हैं अस्पतालों में भीड़ बढ़ती जा रही है तो हमें प्राथमिकता पूर्वक उस कारण को भी नेस्तनाबूत करने के लिए कदम उठाने पड़ेंगे। Bleaching powder का छिड़काव कर देने से मच्छरों की समस्या खत्म हो जाएगी, लोगों को राहत मिलेगी तो इसका छिड़काव करने से निश्चित रूप से कोई बुराई नहीं है। यहां हर जगह देखा जा सकता बुखार के पीड़ित अस्पताल पहुंच रहे हैं और बाद में उनके कोराना से संक्रमित हो जाने की जानकारी सामने आ रही है। ऐसे गंभीर समय में इस बात को भी गंभीरता से लेना चाहिए कि सिर्फ कागजों में बता दिया जाए कि कीट नाशक दवाइयों का छिड़काव हो गया है और वस्तुतः भौतिक रूप से कुछ किया ही न जाए। वैसे अभी जिले के कलेक्टर डॉक्टर भूरे ने ही निगम मेे भी प्रशासक के तौर पर पूरी कमान संभाली है। वे जिस शिद्दत के साथ सक्रिय हैं, जगह-जगह जाकर वास्तविकताओ की जानकारी ले रहे हैं, लोगों से भी बातचीत कर उनकी समस्याएं सुन रहे हैं उनके रहते हुए इस छोटी मगर गंभीर  इस  गंभीर समस्या का हल, निराकरण जरूर निकलने की संभावना है। कोरोना की समस्या अधिक गंभीर नहीं है, हमारी जो अव्यवस्थाएं हैं, जो कमियां हैं, जिन समस्याओं को दूर करने के लिए बजट बनता है और वे काम नहीं किये जाते उसकी वजह से भी कोरोना खतरनाक और  गंभीर होता जा रहा है। हो गया है। वायरल फीवर से पीड़ित और कोरोना के संक्रमित अस्पताल पहुंचेंगे तो निश्चित रूप से वायरल फीवर से पीड़ित व्यक्ति के भी कोरोना से संक्रमित हो जाने की आशंका 90 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी। और कोरोना ऐसे ही हर जगह बढ़ भी रहा है। तब कोरोना के संक्रमण के फैलाव और उससे जो मौतें हो रही हैं उस के लिए कौन जिम्मेदार है ?  यह खुद ही समझ जाना चाहिए। और इन कमियों को दूर नहीं किया गया तो किसी भी महामारी को रोक पाना, नियंत्रित करना आसान नहीं हो सकता।

दुर्ग जिले में आज कोरोना के 1663 नए पॉजिटिव मिले हैं। कल की तुलना में कम पॉजिटिव मिले हैं लेकिन इससे संतोष कताई नहीं किया जा सकता।दुर्ग जिले में कोरोना के संक्रमण का फैलाव लगातार बढ़ता जा रहा है। नए कंटेनमेंट जोन यहां बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना से मौतें भी बढ़ती जा रही हैं। आज भी कोरोना के संक्रमण से इस जिले में 8 लोगों की जान चली गई है। हालत अत्यंत गंभीर अत्यंत चिंताजनक होते जा रहे हैं। आप यह समझने की कोशिश कीजिए 2 दिन पहले ही अस्पतालों में कोरोना के संत अमित को बेड नहीं मिल रहे थे। बेड की कमी की समस्या तबसे सामने आ रही है। एक दिन पहले 18 सौ से अधिक संक्रमित मिले और आज 1600 से  अधिक संक्रमित मिले हैं, इनको उपचार के लिए अस्पताल में कहां बेड मिल पाएगा कैसे मिल पाएगा यह चिंता का विषय है।

देश में अभी 11 राज्यों/ संघ शासित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया हैजहां पिछले दो हफ्तों के दौरान कोविड-19 के कारण दैनिक मामले और दैनिक मृत्यु की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज हो रही है। 

एक पखवाड़े से कोरोना के संक्रमण के फैलाव के मामले के परिदृश्य लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।  मार्च, 2021 की कोविड मामलों की 6.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी पिछले 5.5 प्रतिशत (जून, 2020) के रिकॉर्ड से पार निकल गई है। इस अवधि के दौरान कोविड से रोजाना मौत के लिहाज से 5.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर भी दर्ज की गई है। वहीं देश में सितंबर, 2020 में कोविड के दैनिक 97,000 मामलों के साथ महामारी उच्चतम स्तर पर थीजो देश में कोविड के अब 81,000 दैनिक मामलों के साथ गंभीर स्थिति में पहुंच गई है।

ऐसे खतरनाक, डरावने हालात में राज्यों को वायरस के बदलते स्वरूप के जीनोम अनुक्रमण के अधिक विस्तृत अध्ययन के लिए नैदानिक और महामारी विज्ञान डेटा साझा करने के लिए  प्रोटोकॉल का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है।पिछले 14 दिनों में कोविड रोगियो की संख्या में 90 प्रतिशत (31 मार्च को) की वृद्धि और 90.5 प्रतिशत रोगियों की मृत्यु (31 मार्च को) अभी सिर्फ 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ही हुई हैं। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले वर्ष की कोविड रोगियों की संख्या और कोविड मृत्यु दर के करीब या उससे अधिक हो गई है।  कोविड रोगियों की लगातार बढ़ती संख्या पर नियंत्रण और उससे होने वाली दैनिक मृत्यु को रोकने के लिए तत्काल और उच्च प्रभावी उपाय तुरंत शुरू  करने की सलाह दी गई थी।चिंताजनक तरीके से देश में एक पहलू यह भी सामने आया है  उपनगरीय क्षेत्रों के साथ श्रेणी- 2 और श्रेणी- 3 शहरों ने कोविड मरीज़ों में हाल ही में उच्च वृद्धि दर दर्ज की गई हैं।



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