रायपुर । असल बात न्यूज। कई लोग तरह-तरह से शोर मचा कर परेशानी खड़ी करने की कोशिश करते हैं तो कई लोग निस्वार्थ भाव से अपनी सेवाएं निरंतर द...
रायपुर । असल बात न्यूज।
कई लोग तरह-तरह से शोर मचा कर परेशानी खड़ी करने की कोशिश करते हैं तो कई लोग निस्वार्थ भाव से अपनी सेवाएं निरंतर देते आते हैं। कोविड 19महामारी गत वर्ष से ही सभी को प्रभावित कर रही है और इससे हर कोई जूझ रहा है। सरकारी अमले के फ्रंटलाइन वर्कर जिसमें स्वास्थ्य विभाग ,पुलिस,नगरीय प्रशासन,ग्राम पंचायता ेंऔर अन्य संबंधित विभागों का अमला आता है,हर कोई अपने स्तर पर ड्यटी कर परिस्थितियों को इसे बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे ही एक कोरोना वारियर हैं बलौदा बाजार जिले के उप स्वास्थ्य केंद्र रवान में पदस्थ ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक धर्मेंद्र जायसवाल जो मार्च 2020 से 17 अप्रेल 2021 तक बिना रुके कोरोना से जुड़े काम करते आ रहे है।
पिछले साल मार्च में जब हमारे राज्य में लोग कोरोना के नाम से ही कांप जाते थे और लोगो में डर चरम पर था तब से ही हमारे डॉक्टर, एमएटी, स्टाफ नर्स के साथ ही धर्मेंद्र जायसवाल द्वारा कोविड 19 की रोकथाम मे अपनी भागीदारी नियमित रूप से देने लगे। मार्च 2020 में जब लोग बाहर राज्य से छत्तीसगढ़ आना प्रारंभ किये तो बिना डरे लोगो को घरों में, स्कूलों में क्वरेंटाइन करना, लाइवली हुड कॉलेज सकरी में कोरोना ड्यूटी जैसे कार्य नियमित करने लगे।
जब लोग कोरोना के मरीज से दूर भागते उस समय धर्मेंद्र जायसवाल कोरोना मरीजो के उपचार में डॉक्टर का सहयोग भी करने लगे...। जिला सर्वलेन्स अधिकारी डॉ राकेश कुमार द्वारा लाईवलीहुड कालेज से ड्यूटी पूरी होने पर धर्मेंद्र जायसवाल को बलोदा बाजार में होम आईसोलेसन में रह रहे लोगो के लिए दवाई देने के साथ कोरोना सेम्पल लेने कोविड 19 से मृत्यु होने पर शव को वापिस लाकर उनके गांव में अंतिम संस्कार करने जैसे काम भी दिए गए जिसे बड़ी ही सहजता स करने लगे।
अप्रैल 2021 में जब कन्याशाला बलौदा बाजार में कोविड 19 का टीकाकरण प्रारंभ हुआ तब भी पूर्व के सभी कार्यों के अतिरिक्त कन्या शाला बालोदा बाजार की जवाबदारी भी धर्मेंद्र जायसवाल के हिस्से में आई...लेकिन उन्होने सभी काम बिना रुके और बड़ी ही सहजता से किया ।धर्मेंद्र जायसवाल का 17 अप्रेल को कोरोना सेम्पल लिया गया जिसमें उसे पॉजिटिव पाया गया । उनकेे साथ साथ उनके दोनों बच्चे भी कोरोना पॉजिटिव है ।
सलाम है ऐसे कोरोना योद्धाओं को जो अपनी और अपने परिवार की परवाह किए बिना ही अपना कार्य बखूबी कर रहे हैं।