कोरोना का संक्रमण अभी जिस तेजी से बढ़ा है और इसके मरीजों की संख्या में जिस तरह से बढ़ोतरी हुई है उसे देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि इस ...
कोरोना का संक्रमण अभी जिस तेजी से बढ़ा है और इसके मरीजों की संख्या में जिस तरह से बढ़ोतरी हुई है उसे देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि इस महीने के अंतिम सप्ताह और अगले महीने के पहले सप्ताह में राज्य में ऑक्सीजन की मांग और बढ़ सकती है।ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए स्पीकर लगातार नजर रखी जा रही है।
देश में पर्याप्त मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करना अभी एक बड़ी चुनौती बन गई है। कई क्षेत्रों में समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाने की वजह से भी कई लोगों की जान चली जाने की खबर है। देश में अभी छत्तीसगढ़ के साथ महाराष्ट्र मध्य प्रदेश गुजरात उत्तर प्रदेश दिल्ली कर्नाटक केरल तमिलनाडु पंजाब हरियाणा व राजस्थान इत्यादि राज्य में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ जाने की वजह से ऑक्सीजन सिलेंडर की बहुत अधिक जरूरत पड़ रही है। केंद्र सरकार के द्वारा इन राज्यों की अनुमानित मांग को पूरा करने के लिए इन 12 राज्यों को क्रमश: 4,880 मीट्रिक टन, 5,619 मीट्रिक टन और 6,593 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आवंटित किए जाने की जानकारी मिली है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी अभी उन 12 राज्यों (महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान) में ऑक्सीजन की आपूर्ति की वर्तमान स्थिति और अनुमानित उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की जहां आने वाले 15 दिनों में इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होगी। प्रधानमंत्री को इन राज्यों में जिला स्तर की स्थिति की जानकारी दी गई।
प्रधानमंत्री को बताया गया कि केंद्र और राज्य नियमित संपर्क में हैं और अनुमानित मांग 20 अप्रैल, 25 अप्रैल और 30 अप्रैल को राज्यों के साथ साझा की गई है।
प्रधानमंत्री को बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए देश की उत्पादन क्षमता के बारे में जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने प्रत्येक संयंत्र की क्षमता के अनुसार ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ाने का सुझाव दिया। यह चर्चा की गई कि स्टील संयंत्रों में ऑक्सीजन की आपूर्ति के अधिशेष स्टॉक की चिकित्सा उपयोग के लिए पेशकश की जा रही है।
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से पूरे देश में ऑक्सीजन ले जाने वाले टैंकरों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने का आग्रह किया। सरकार ने ऑक्सीजन टैंकरों की हर प्रकार की अंतरराज्यीय आवाजाही को परमिट के पंजीकरण से छूट दी है ताकि वे आसानी से आ-जा सकें। प्रधानमंत्री को सूचित किया गया कि राज्यों और ट्रांसपोर्टरों से कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि शिफ्टों में काम करने वाले ड्राइवरों के साथ टैंकर चौबीस घंटे चलें ताकि वे तेजी से पहुंच सकें और मांग में वृद्धि को पूरा करने के लिए पर्याप्त क्षमता सुनिश्चित की जा सके। सिलेंडर भरने वाले संयंत्रों को भी आवश्यक सुरक्षा उपायों के साथ 24 घंटे काम करने की अनुमति दी जाएगी। सरकार औद्योगिक सिलेंडरों को उचित शुद्धिकरण के बाद चिकित्सा ऑक्सीजन के लिए उपयोग करने की अनुमति दे रही है। इसी तरह टैंकरों की संभावित कमी को दूर करने के लिए नाइट्रोजन और आर्गन टैंकरों को स्वचालित रूप से ऑक्सीजन टैंकरों में परिवर्तित करने की अनुमति दी जाएगी।
अधिकारियों ने मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन आयात करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी।