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कोरोना के विभिन्न टेस्ट एवं इलाज की अधिकतम दर तय करे सरकार - बृजमोहन अग्रवाल

       रेमडेसीविर इंजेक्शन की उपलब्धता निर्धारित दर पर तय करे सरकार 0 छोटे निजी अस्पतालों को भी कोरोना इलाज के लिए अधिकृत करें व वहां मरीजों...

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 रेमडेसीविर इंजेक्शन की उपलब्धता निर्धारित दर पर तय करे सरकार

0 छोटे निजी अस्पतालों को भी कोरोना इलाज के लिए अधिकृत करें व वहां मरीजों का खर्च वहन करे सरकार 


रायपुर। असल बात न्यूज।

  भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने  कोविड-19 के इस कठिन संकट के समय में अस्पतालों के द्वारा की जा रही मनमानी, लूट, तथा भर्राशाही की ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित कराया है।। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है तथा कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना के संक्रमितो की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।इस से प्रत्येक वर्ग के लोग संक्रमित होते जा रहे हैं। कई ऐसे भी लोग हैं जिनके पास इलाज कराने के लिए पैसा तक नहीं है लेकिन कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। ऐसे में कोरोना से पीड़ितों को अस्पतालों की लूट से बचाने के लिए त्वरित कदम उठाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना से संबंधित सभी टेस्टों की  न्यूनतम के दर तय होनी चाहिए।  इलाज की  दर भी सरकार को  तय  कर देना चाहिए।

श्री अग्रवाल ने पत्र में कहा है कि इस प्रदेश में केविड-19 के संक्रमण का फैलाव खतरनाक तरीके से काफी तेज गति से हो रहा है।  रेपिड टेस्ट/एंजटीजन टेस्ट/आर.टी.पी.सी. आर टेस्ट/एक्सरे/फेफड़े का सिटी स्केन एवं कोविड से संबंधित ब्लड टेस्ट के अधिकतम् दर शासन द्वारा तय कर, इसका पालन करवाया जाना चाहिए। 

रेमडेसिवीर इंजेक्शन जिसकी एक पैसेन्ट को कम से कम 5 डोज लगानी पढ़ती है ,उसकी कमी हो गई है और मरीजों से इस के कारण इसका  मनमाना दर  वसूला जा रहा है। बाजार में वास्तव में इस इंजेक्शन की  कृत्रिम कमी पैदा कर दी गई है। इसके नियंत्रण के लिए  आवश्यक  कदम उठाया जाना जरूरी है

छत्तीसगढ़ में 1000 से ज्याद ऐसे हाॅस्पिटल है जहाँ पर 10 से 100 बिस्तर की व्यवस्था है। ऐसे अस्पतालों में न्यूनतम् दर तय कर कोविड हाॅस्पिटल के रूप में परिवर्तित किया जाये एवं इसका पूरा खर्च शासन उठाये जिससे कि आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का ईलाज आसान हो सके।


डीकेएस सूपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल जहाँ पर 300 से अधिक बेड है  एवं वर्तमान में अपनी क्षमता से कम मरीज का ईलाज एवं आॅपरेशन  हो रहा है। जहाँ पर वेंटिलेटर बेड, आॅक्सीजन बेड एवं गंभीर मरीज के लिए सुविधाएँ उपलब्ध है। कोरोना से संक्रमित गरीब मरीजो कि जान बचाने हेतु उक्त हाॅस्टिल उपयोगी साबित हो सकता है। अतः उक्त हाॅस्पिटल को कोविड हाॅस्पिटल के रूप में परिवर्तित करने हेतु निर्देश देना चाहेंगे।


उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि जिन शहरों में लाॅकडाॅउन लगाया गया है। उन शहरों मे कजमोर तबके के लोगों को रोजमर्रा की वस्तुएं सब्जी एवं किराना सामान ठेला, वाहनो के माध्यम से उपलब्ध कराने हेतु स्थानीय संस्थाओं, व्यापारिक संस्थाओं से आग्रह कर व्यवस्था कराये, रोज कमाने-खाने एवं खरीदने वाले लोगो को इस समय भोजन आसानी से  मिल सके। कोरोना की डरावनी एवं भयावह स्थिति को देखते हुए शासन द्वारा उक्त कदम उठाया जाना आवश्यक प्रतित होता है। इससे आम जनता के व्याप्त डर एव भय में कमी आयगी।