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कोरोना कहर,सुखद है, महामारी कोरोना पर कही राजनीति नहीं हुई है

  रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग भिलाई। असल बात न्यूज़ 0  चिंतन / विशेषण / , जिंदगी बचाने के लिए 0  अशोक त्रिपाठी सरल, सहज, साथ सभी को अपने में आत...

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रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग भिलाई। असल बात न्यूज़

0  चिंतन/ विशेषण/, जिंदगी बचाने के लिए

0  अशोक त्रिपाठी

सरल, सहज, साथ सभी को अपने में आत्मसात कर लेने वाले छत्तीसगढ़ की यही खासियत है। यहां हर जगह इंसानियत मानवता की भावनाएं प्रबल होती हमेशा दिखती  है। ऐसा नहीं है कि विरोध करना है तो हर चीज का विरोध शुरू कर दिया जाए। हर मुद्दों, विषय को राजनीति से जोड़ दिया जाए।प्रत्येक मुद्दों विषयो में राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की जाए। एक संस्कृति होती है एक संस्कार होते हैं जो आम निवासियों को अपने अनुरूप काम करने की प्रेरणा देते हैं प्रेरित करते हैं। छत्तीसगढ़ कभी भी ऐसा राज्य नहीं रहा है कि उसके चलते किसी दूसरे का नुकसान हुआ हो। यहां जो आया सबको फल- फूलने  का मौका मिला है। अभी कितनी खुशी होती है कि दुनिया भर में जो वैश्विक महामारी फैली है उसकी रोकथाम के लिए उससे बचाव के लिए उसको मिटाने के लिए खत्म करने के लिए छत्तीसगढ़ का पूरा जनसैलाब, प्रत्येक वर्ग एक आदमी एकजुट होकर काम कर रहा है। कहीं अपना स्वार्थ सिद्ध करने की कोशिश नहीं है। कहीं सिर्फ स्वयं का फायदा उठाने की कोशिश नहीं हो रही है। ऐसे मौके पर कई जगह राजनीतिक फायदा उठाने की भरसक कोशिश होती हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में लग रहा है कि इस मुद्दे पर राजनीति को किनारे हाशिए पर रख दिया गया है। सभी की कोशिश है कि कोविड-19 को नियंत्रित करना है, इसे मिटाना है और इसके लिए सब एकजुट होकर आगे आ गए हैं। ऐसे प्रयासों से हर तरह की महामारी को दुम दबाकर भागना ही होगा।

छत्तीसगढ़ राज्य में भी कोरोना महामारी के संक्रमण का फैलाव काफी तेज गति से शुरु हो गया है। हालत यहां पर बिगड़ गई की यहां के कुछ दिनों में प्रत्येक 2 मिनट में एक व्यक्ति संक्रमित हो जा रहा है।ऐसे वातावरण में आम लोगों में कितनी दहशत है, कितनी चिंताएं बढ़ गई होंगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। कई स्थानों पर ऐसे हालात राजनीतिक फायदा उठाने के लिए काफी अनुकूल माने जाते हैं। ऐसे महामारी के दौर में जब बचाव नियंत्रण सहायता पहुंचाने के लिए कार्य किया जाते हैं तो उसमें कुछ न कुछ कमियां रह  जानी स्वाभाविक ही है। ऐसे में लोगों को बखूबी कई तरह के आरोप लगाने का मौका मिल जाता है। छत्तीसगढ़ में ऐसे अवसरो का फायदा उठाने को हमेशा तिलांजलि दी गई है। यहां कभी किसी ने कोशिश नहीं  की है कि नाजुक परिस्थितियों को अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश की  जाए। संक्रमण के बारे में क्या करें प्रतिदिन बढ़ते गए, कोरोना की चपेट में आकर लोगों की मौत होने की संख्या भी बढ़ती गई, लेकिन यहां हमेशा इसी बात पर जोर दिया गया है कि इस महामारी का खात्मा होना चाहिए। यह समस्या जड़ से खत्म होनी चाहिए। इसीलिए जब वैक्सीनेशन का काम शुरू हुआ तो अपनी बारी आने पर सभी वैक्सीन लगाने के लिए घरों से निकल पड़े। माना जा रहा है कि वैक्सीन लगाने  की line लगातार लंबी होती जाएगी। और प्रत्येक घरों में प्रत्येक सदस्य को वैक्सीन का लाभ मिलेगा।

 खबर है कि कोरोना की दूसरी लहर पहले की तुलना में अधिक खतरनाक है। इसी वजह से दूसरी लहर आने के बाद इससे मौत भी अधिक हुई है।स्वास्थ्य विशेषज्ञ के द्वारा जानकारी दी गई है कि देश मेंइस वायरस के 771 चिंताजनक प्रकारों (वीओसी) का पता लगा है। इसमें ब्रिटेन के वायरस (बी.1.1.7.) लिनिएज के 736 पॉजिटिव नमूने भी हैं। दक्षिण अफ्रीकी वायरस लिनिएज (बी.1.351) के 34 नमूने भी पॉजिटिव पाए गए हैं। एक नमूना ब्राजील लिनिएज (पी.1) के वायरस के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं। ये वीओसी युक्त नमूने देश के 18 राज्यों में चिन्हित किए गए हैं।

महाराष्ट्र से लिए गए नमूनों के विश्लेषण से पता चला है कि दिसंबर 2020 की तुलना में ई484क्यू और एल452आर म्यूटेशन के अंशों वाले नमूनों में वृद्धि हुई है। इस प्रकार की म्यूटेशन दर्शाती है कि यह विषाणु शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली से बचने में कारगर है और इसका प्रभाव भी पहले से अधिक है। ये म्यूटेशन लगभग 15 से 20 प्रतिशत नमूनों में पाए गए हैं । ऐसे मामलों में अधिक परीक्षण, करीबी संपर्कों का व्यापक रूप से पता लगाना, पॉजिटिव मामलों और उनके संपर्क में आए लोगों को तत्काल अलग करना और राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल के अनुसार इनके उपचार की आवश्वकता होती  है।केरल के सभी 14 जिलों में से 2032 नमूनों की सिक्वेंसिंग की जा चुकी है और एन440के ऐसा वैरिएंट है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा दे सकता है तथा यह 11 जिलों से लिए गए 123 नमूनों में पाया गया है। यह वैरिएंट इससे पहले आंध्र प्रदेश से लिए गए 33 प्रतिशत नमूनों और तेलंगाना के 104 नमूनों में से 53 में पाया गया था। यह वैरिएंट 16 अन्य देशों में भी पाया गया है। जिनमें ब्रिटेन, डेनमार्क, सिंगापुर, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। अभी तक इस प्रकार के वैरिएंट की बेहतर तरीके से जांच हुई है। वायरस की चिंताजनक किस्मों (वीओसी) और दोहरी म्यूटेशन वाला वैरिएंट भारत में पहले भी पाया जा चुका है,।

छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना का  जो नया वैरिएंट सामने आया है वह विभिन्न तरीके से अपने खतरनाक लुक को दिखा रहा है और जानलेवा साबित हो रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बता रहे हैं कि आम मनुष्य के शरीर में यह वायरस प्रवेश करता है तो पहले दो-तीन दिन में ही इसका तेजी से असर नजर आने लगता है। लोगों को सर्दी खांसी, बुखार, बदन दर्द तो महसूस होता है लेकिन इससे भी आगे बढ़कर यह खतरनाक वैरीअंट शरीर के कई अंगों को भयंकर तरीके से नुकसान पहुंचाने लगता है। शरीर मैं प्रवेश करने के बाद यह खतरनाक वैरिएंट खास तौर पर फेफड़ों को भयंकर तरीके से नुकसान पहुंचाता है। संक्रमितो को ऊपरी तौर पर सूखी खांसी, बदन दर्द, सिर दर्द, बुखारी महसूस होता है लेकिन नजरअंदाज किए जाने पर यह खतरनाक वैरीयेंट शरीर के फेफड़े को इतना अधिक नुकसान पहुंचा देता है कि व्यक्ति को जीवित बचने के लिए वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत पड़ने लग  जाती है। आम भारतीय ऐसे हैं कि वे सर्दी खांसी बुखार बदन दर्द को अक्सर हल्के में लेते रहे हैं और आमतौर पर ये तो होते ही रहता है कहकर इसे टाला जाता रहता है। लेकिन इस संक्रमण की चपेट में आने के बाद हम थोड़ी लापरवाही कर 6-7 दिनों के अंतराल के बाद चिकित्सक के पास पहुंचते हैं तब तक बहुत कुछ बिगड़ गया रहता है। शरीर के कई अंग जवाब दे चुके होते हैं। कोरोनावायरस से संबंधित बीमार लोगों की सेवा में जुटे चिकित्सकों का कहना है कि ऐसी वजह से ही मौतो की संख्या बढ़ रही है।यह खतरनाक वैरीयेंट बहुत कुछ समझने का अवसर ही नहीं देता। आम लोग भूल कर बैठते हैं कि मामूली सर्दी, खांसी, बुखार और बदन दर्द ही है। दिन बीतते जाने के बाद यह  खतरनाक variant अपने वास्तविक खतरनाक रूप को दिखाने लग जाता है और लगातार देरी होने के बाद यह अपना काफी खतरनाक असर दिखाने लग जाता है।

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जो गाइडलाइन दी गई है उसमें मास्क पहनने को सबसे महत्वपूर्ण बताया गया है। लेकिन अभी जो जानकारी आ रही है यह खतरनाक वैरीयेंट  मास्क पहनने में भी कई सावधानियां बरतने को कह रहा है।और मास्क ठीक से नहीं पहना गया, सही मास्क नहीं पहना गया तो इस वैरीयेंट के संक्रमण को रोक पाना, नियंत्रित कर पाना आसान नहीं है। मास्क को  ठीक तरीके से नहीं पहना गया तब भी मास्क के  पहनने के बावजूद ठीक से ना पहने होने की वजह से आप इसके संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे भी संकेत मिल रहे हैं कि single-layer के मास्क पहनने से ही इस खतरनाक variant का कुछ नहीं बिगड़ने वाला है। अब इससे बचाव के लिए double layer का मास्क पहनना जरूरी समझा जाने लगा है।  सिंगल लेयर का मास्क पहनने के बावजूद आप इसके संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।वही इस खतरनाक वैरिएंट की चपेट में आने के बाद शरीर में और भी कई सारे लक्षण आ रहे हैं। कमजोरी, तनाव चिड़चिड़ापन भी इसके संक्रमण से पैदा हो रहे हैं।

ताजा जांच से यह महत्वपूर्ण की जानकारी सामने आ रहे हैं कि कोरोना का नया बेड variant इस तरह से भी अधिक खतरनाक है कि इसका संक्रमण सिर्फ एक से दूसरे तक नहीं फैल रहा है। वरन तीसरे व्यक्ति  जिस में संक्रमण का कोई लक्षण भी नहीं दिखता, महसूस होता, से यह अधिक फैल रहा है।क्योंकि जिस में संक्रमण के लक्षण नहीं नजर आते उससे सभी लोग आम तौर पर सामान्य रूप से मिलते हैं। 

ऐसे में हम सभी को कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए और अधिक सजग होना है। जागरूकता बढ़ानी है। इसके लिए कोशिश करनी है कि यह नया वेरिएंट जीत ना सके।




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