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कोरोना संक्रमण के साथ फ्लू, वायरल फीवर का भी फैलाव, दोनों में सावधानियां बरतने की जरूरत

  रायपुर, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज़। इस समय आम लोगों को दो-दो तरह की संक्रामक बीमारियों से जूझना पड़ रहा है। एक तरफ वैश्विक महामारी कोरोना क...

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 रायपुर, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज़।

इस समय आम लोगों को दो-दो तरह की संक्रामक बीमारियों से जूझना पड़ रहा है। एक तरफ वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण के फैलाव से लोग त्रस्त हैं वहीं दूसरी तरफ फ्लू का भी फैलाव हो रहा है। इन दोनों बीमारियो के लक्षण,पहचान में कई सारी समानताएं हैं।इस वजह से इन दोनों बीमारियों में अंतर कर पाना लोगों के लिए काफी मुश्किल होता है। कहा तो यह भी जा रहा है कि ज्यादातर लोग,फ्लू  से पीड़ित होते हैं और बार-बार  अस्पताल जाने से वे कोरोना से भी संक्रमित हो जा रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर के द्वारा भी यही सलाह दी जा रही है अस्पताल आने से बचने की कोशिश करनी चाहिए।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय से जो जानकारियां सामने आई है उसके अनुसार तेज बुखार , लगातार सूखी खांसी, खाने, Swad और सूंघने की क्षमता चले जाने को कोरोना वायरस का लक्षण माना जाता है।यह भी देखा गया है कि कोरोना संक्रमण के कुछ मामलों में शरीर में दर्द थकान या कमजोरी जैसे लक्षण भी नजर आते हैं। अभी करना कि जो दूसरी लहर आई है उसमें दस्त,पेट से जुड़ी कई समस्याएं भी कोरोना के लक्षण के रूप में सामने आए हैं। कोरोना संक्रमण के गंभीर मामलों की बात करें तो सांस लेने में तकलीफ होना सीने में दर्द या दबाव महसूस होना जैसे लक्षणों को इसे गंभीर प्रकारों में से माना गया है।

अब हम यहां बात करें सूंघने की शक्ति के चले जाने के बारे में। यह आमतौर पर देखा गया है कि जब नाक में किसी भी तरह का संक्रमण होता है, नाक जाम हो जाती है तो हमारी सुनने की क्षमता कम हो जाती है अथवा हम सूंघ नहीं पाते हैं। हमें महक महसूस नहीं होती है। यह किसी भी संक्रमण की वजह से हो सकता है। कोरोना के संक्रमण से भी ऐसा होता है। इसलिए या नहीं कहा जा सकता कि सुंगध  नहीं आ रही हो तो उसे सिर्फ कोरोना का संक्रमण लेना ही उचित नहीं होगा।

जब शरीर किसी संक्रमण से लड़ता है तो इस प्रक्रिया में उसका तापमान बढ़ जाता है। लेकिन या तापमान बढ़ाना अथवा बुखार हर बार कोरोना वायरस के संक्रमण का असर ही नहीं होता। बुखार को कोरोना वायरस का महत्वपूर्ण लक्षण माना गया है लेकिन यह इंफेक्शन, बुखार किसी और वजह से भी हो सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार फ्लू के साथ कफ होना सामान्य बात है। फ्लू में अक्सर खांसी के साथ-साथ मांसपेशियों में दर्द, ठंड लगना, सिर दर्द थकान, नाक बहना और गले में खराश महसूस होता है। आम सर्दी जुकाम से ज्यादा तकलीफ होती है।

अभी यह आम प्रचलन में आ गया है कि सर्दी खांसी जुकाम बुखार होने पर डॉक्टर द्वारा उसे अस्पताल में   अनिवार्य उसे दिखा लेने को  कहा जाता है। कफ वायरल फीवर होने पर खांसी आती है।लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना के संक्रमण की चपेट में आने पर खांसी बार-बार आती है बहुत देर आती है। सांस फूलने लगती है। और यह खासी फ्लू की तुलना में दिन में कई बार आते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने यह भी कहा है कि अगर आपकी नाक बंद है अथवा नाक बह रही है तो बहुत अधिक परेशान नहीं होना चाहिए। कभी-कभी मौसम में बदलाव की वजह से भी ऐसा होता है। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। इस हालत में शरीर के अन्य लक्षण को भी ध्यान में रखना चाहिए।