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स्वरूपानंद महाविद्यालय में तीन दिवसीय एफडीपी कार्यक्रम का सफल आयोजन।

  भिलाई। असल बात न्यूज। स्वरूपानंद  महाविद्यालय में   आईयूएसी एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में   "शोध पत्र के प्रतिमा...

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भिलाई। असल बात न्यूज।


स्वरूपानंद  महाविद्यालय में   आईयूएसी एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में   "शोध पत्र के प्रतिमान" विषय पर तीन दिवसीय एफडीपी वेबीनार  आयोजित किया गया।  कार्यक्रम संयोजक डॉ शमा ए बेग ने कहा कि फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम से प्राध्यापक उच्च शिक्षा व रिसर्च के क्षेत्र में मानक अनुरूप कार्य करने के लिए प्रेरित होते हैं और रिसर्च के क्षेत्र में छोटे स्तर पर भी प्रयास करने से बहुत अच्छा परिणाम प्राप्त हो सकता है।

महाविद्यालय के सीओओ डॉ दीपक शर्मा ने महाविद्यालय परिवार को फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के आयोजन हेतु बधाई देते हुए कहा कि ऐसे कोविड-19 के कठिन समय पर भी सफल आयोजन करने से निश्चित ही प्राध्यापकों में नई ऊर्जा का संचार होगा।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि रिसर्च संबंधी विषयों का चयन करने में  ऐसे फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम से लाभ प्राप्त होता है। प्राध्यापक  स्तरीय जर्नल में शोधपत्र प्रकाशन के लिए अभिप्रेरित होंगे तथा स्व मूल्यांकन से अपने शोधपत्र के मानक स्तर को जांच सकते है इसी उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम के प्रथम दिन मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉक्टर राजीव चौधरी पंडित रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय रायपुर रहे  उनका व्याख्यान विषय शोध पत्र के प्रतिमान के लिए दृष्टिकोण था जिसमें उन्होंने बताया कि जिस प्रकार उनका विभिन्न देशों में भी शोध पत्र प्रकाशन के लिए भ्रमण रहा है। उसके अनुभव से शोध पत्र प्रकाशन के समय किन बातों का हमें ध्यान रखना चाहिए वह कैसे विभिन्न फ्री उपलब्ध वेबसाइट गूगल स्कॉलर ,इनफ्लाइब्नेट, रिसर्च गेट आदि पर हम अपने शोध पत्रों का सफलता पूर्ण संग्रहण कर सकते हैं और नई-नई आवश्यक जानकारी ले सकते हैं। 

कार्यक्रम के द्वितीय दिन पर डॉ शमा ए बेग विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी, स्वरूपानंद महाविद्यालय रहे जिनका विषय"फार्मेटिंग रिसर्च पेपर " रही जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे हम छोटी-छोटी बातों का ध्यान रख कर भ्रमित करने वाले जनरलो से बच सकते हैं वह अपने शोध पत्रों के साईटेशन को बढ़ाने के लिए अपना अकाउंट गूगल स्कॉलर में किस प्रकार बना सकते हैं इसकी सहायता से आसानी से शिक्षक व रिसर्च स्कॉलर स्वयं के शोध पत्रों का सफलतापूर्वक विश्लेषण कर सकते हैं।

एफडीपी कार्यक्रम के तृतीय दिन पर सभी प्रतिभागियों के लिए चर्चा का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न शोधकर्ताओं ने अपने सवाल सामने रखें जिनका समाधान महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ हंसा शुक्ला एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ शमा ए बेग ने किया। अंत में सभी प्रतिभागियों ने महाविद्यालय को सफल कार्यक्रम आयोजन के लिए बहुत-बहुत बधाई दी एवं यह विषय महाविद्यालयों के मूल्यांकन "नेक" के ग्रेडिंग के तत्वावधान में भी बहुत आवश्यक है इससे महाविद्यालय अच्छा ग्रेड प्राप्त कर सकता है। 

कार्यक्रम का सफल संचालन सुश्री शिरीन अनवर सहायक प्राध्यापक, बायोटेक्नोलॉजी रही वह सफल आयोजन में सह-संयोजक सुश्री राखी अरोरा सहायक प्राध्यापक माइक्रोबायोलॉजी ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।