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दुर्ग जिले में कोरोना के पॉजिटिविटी की दर 40% से ऊपर पहुंच गई, जिले में 10 की मौत, संपूर्ण छत्तीसगढ़ में हालात अत्यंत बिगड़ते नजर आ रहे हैं, राजधानी रायपुर में 26 की मौत, आदिवासी बहुल इलाकों में भी फैलने लगा है कोरोना

  रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर। असल बात न्यूज़। 0 चिंतन/ विश्लेषण/ जिंदगी बचाने के लिए 0 अशोक त्रिपाठी यह सही है कि लॉकडाउन के पहले दिन ही...

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 रायपुर, दुर्ग, भिलाई, बिलासपुर। असल बात न्यूज़।

0 चिंतन/ विश्लेषण/ जिंदगी बचाने के लिए

0 अशोक त्रिपाठी

यह सही है कि लॉकडाउन के पहले दिन ही उससे अपेक्षित परिणाम की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।किसी बड़ी चुनौती, मुहिम के तहत काम शुरू किया जाता है तो उसके परिणाम आने में दो-तीन दिन जरूर लग जाते हैं। इसी तरह से Lock down लगने के दो-तीन दिनों के बाद ही कुछ सकारात्मक परिणाम आते दिख सकते हैं। दुर्ग जिले में आज से सख्त लाख डाउन शुरू हो गया है। इस बीच आज पिछले चौबीस घंटों के कोरोना के जो आंकड़े आए हैं वे काफी डरावने हैं, निराश कर देने वाले हैं, दुखी कर देने वाले हैं और नई चिंताएं पैदा करने वाले हैं। आज जो आंकड़े आए हैं उससे दिख रहा है कि इस जिले में कोरोना की पॉजिटिविटी रेट 40 प्रतिशत से ऊपर हो जा रही है। 4 हजार 504 लोगों की टेस्टिंग की गई और उसमें से 1 हजार 838 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। वही कोरोना की चपेट में आकर 10 लोगों की मौत हो गई है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि दुर्ग जिले में कोरोना से हालत कितने बिगड़ गये है। दूसरी तरफ  ऐसे चिंताजनक और निराशाजनक हालत, वातावरण के बीच छत्तीसगढ़ राज्य माध्यमिक शिक्षा मंडल प्रदेश भर  में आगामी 15 अप्रैल से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू करने जा रहा है।

दुर्ग जिले में पिछले 5 महीने से कोरोना के संक्रमण के फैलाव से जो तनाव की स्थिति निर्मित हुई है, चिंताजनक स्थिति पैदा हुई है वह लगातार बढ़ती जा रही हैं। यहां हर दिन संक्रमितो की संख्या बढ़ती जा रही है और अब हर दिन कोरोना की चपेट में आकर लोगों की मौत की संख्या भी बढ़ती जा रही है। हालात इतने भयानक हो गए हैं कि हर एक के मन में यह आशंका पैदा हो गई है कि कहीं वह भी तमाम उपाय करने के बावजूद भी कोरोना से कहीं संक्रमित ना हो जाए। कौन कहां कैसे कोरोना से संक्रमित  मरीज बन जा रहा है, किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा हैं। बस यही खबर आ रही है लोग संक्रमित होते जा रहे हैं। और इनमें से लोगों की मौत भी होती जा रही है। इतने भयंकर माहौल में जबकि अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड की भी कमी पड़ने लगी है भीड़ जुटाने के जैसा कोई कार्यक्रम करने की तो उम्मीद ही नहीं की जा सकती। जिले के कलेक्टर के द्वारा इस जिले में सख्त lockdown लगा दिया गया है। आमतौर पर शासन प्रशासन के द्वारा जो कानून बनाए जाते हैं जो नियम बनाए जाते हैं एक वर्ग में उसको तोड़ने, उससे बचने की भी होड़ लगी रहती है। लेकिन लॉकडाउन के दिन में हालात ऐसे हैं कि लोगों ने घर से निकलना पहले ही कम कर दिया है। Lal down लगने के पहले से ही लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं।अत्यंत जरूरी होने पर ही लोग घर से बाहर निकल रहे हैं। Lockdown स्वस्फूर्त सफल है। बहुत अधिक प्रयास करने की जरूरत ही नहीं पड़ रही है। कोरोना ने जिस तरह से कहर ढाया है उसके बाद घर से बाहर निकलने की किसी की हिम्मत नहीं पड़ रही है। पूरे हालात अत्यंत गंभीर और चिंताजनक हो गए हैं। हर मोहल्ले, कॉलोनी से किसी न किसी परिचित की कोरोना के संक्रमण से  मौत की खबर आ रही है। एक के बाद एक ऐसी खबरें मिलने से लोगों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। श्रद्धांजलि अर्पित करते लोग थक गए हैं। लेकिन जान जाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। मृतक के परिवारों को सांत्वना देने के शब्द खत्म होने लग गए हैं।

इस कठिन हालात में चिंताजनक परिस्थितियों में सबके मन में एक असुरक्षा की भावना घर करती जा रही है। सभी को लग रहा है कि वे किसी न किसी तरह से असुरक्षित हो गए हैं। कोरोना का संक्रमण कैसे भी कभी भी घेर सकता है। हमारे पास जो जानकारी है उसके अनुसार इस जिले में एक कॉलोनी की एक गली में कई कई लोग संक्रमित हो गए हैं।उन घरों के लिए भोजन, पानी, साफ सफाई राशन की व्यवस्था करना अत्यंत कठिन हो गया है। जिस परिवार में 1 सदस्य संक्रमित हो गया है उसके अन्य सदस्य अत्यंत डरे हुए हैं क्योंकि Corona का संक्रमण घर के एक सदस्य से दूसरे सदस्य में बहुत तेजी से फैल जाता है। कोरोना के संक्रमण से  जो परिवार पीड़ित है उस परिवार के सदस्यों की मानसिक स्थिति, तनाव को समझना अत्यंत आसान नहीं है। कि वे किस तरह की परेशानियों से जूझ रहे होंगे।

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कोरोना के संक्रमण के फैलाव के बारे में सिर्फ दुर्ग जिले से ही नहीं संपूर्ण छत्तीसगढ़ से आ रही हैं भयावह खबरें, दिल में दहशत पैदा कर देने वाली खबरें। संपूर्ण छत्तीसगढ़ में पिछले 24 घंटे के दौरान आज 9 हजार 921 नए संक्रमित मिले हैं।हर जगह लग रहा है कि कोरोना को लेकर हालात बेकाबू हो गए हैं।छत्तीसगढ़ में कोरोना से आज 53 लोगों की जान चली गई है। वही सिर्फ 1552 लोग डिस्चार्ज  किए गए हैं।इस तरह के आंकड़े आ रहे हैं। इस तरह के डरावने आंकड़े आ रहे हैं कि कल्पना  नहीं की जा सकती कि इसे जानने के बाद में लोगों में के मन में क्या प्रतिक्रियाये होंगी, लोगों में कितनी  चिंताये बढ़ जाएंगी ? लेकिन हकीकत इसी तरह की है. वास्तविकता यही है। हर जगह से दिल दहला देने वाले  ही आंकड़े ही आ रहे हैं सामने। कोरोना के हालात, खतरनाक रूप के चलते लोग पहले से ही सह में  हुए हैं। फिजिकली हालात भी काफी दर्द भरे, दहशत पूर्ण सामने आ रहे हैं। 1 दिन में 10 हजार के आसपास नए संक्रमित मिल रहे हैं। जबकि हालात पहले से ही बदतर हो चुके हैं। अस्पतालों में मरीजों को बैठ नहीं मिल रहा है। ऑक्सीजन वाले बेड नहीं मिल रहे हैं। वेंटिलेटर नहीं मिल रहा है। समुचित उपचार नहीं हो पा रहा है। उपचार के अभाव में  मरीजों की जान चली जा रही है।ऐसे हालात में इतनी बड़ी संख्या में नए मरीजों के सामने आने के बाद हर एक में यही सवाल उठ रहा है कि आगे क्या होगा। इतने सारे मरीजों की कैसे हो पाएगी व्यवस्थाएं। इनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।तो उन्हें कैसे उपलब्ध हो पाएगा  ऑक्सीजन वाला बेड और वेंटिलेटर।

ताजा जानकारी के अनुसार राजधानी रायपुर में पिछले 24 घंटे के दौरान 2 हजार 821 नए संक्रमित मिले हैं।महासमुंद, बिलासपुर, सरगुजा, जशपुर, कोरबा, बेमेतरा, बालोद, कबीरधाम, धमतरी, कांकेर जिलों में भी कोरोना के संक्रमितो की संख्या काफी बढ़ गई है। हावड़ा मुंबई मार्ग अंतर्गत आने वाले दुर्ग राजनांदगांव राजधानी रायपुर बिलासपुर रायगढ़ में शुरू से बड़ी संख्या में संक्रमित मिल रहे हैं। लोगों की नजर महाराष्ट्र की सीमा से सटे राजनांदगांव जिले क्यों लगी हुई है जहां आज 940 नए संक्रमितो के मिलने की जानकारी सामने आ रही है और यहां तीन लोगों की मौत भी हो गई है। बिलासपुर जिले में 545 नए संक्रमित मिले हैं। धमतरी जिले में कोरोना की चपेट में आकर 5 लोगों की जान चली जाने की खबर है। कांकेर जिले में भी ऐसे एक की जान गई है। पूरे हालात पूरी तरह से बेकाबू नजर आने लगे हैं। कोरोना के नियंत्रण, बचाव के लिए जो उपाय किए गए हैं वे सब धरे के धरे रह गए लग रहे हैं। वैक्सीनेशन का अभी क्या फायदा मिला है इस पर चर्चा नहीं की जा रही है क्योंकि वैक्सीनेशन के दोनों doors लगने के लगभग 1 महीने के बाद ही उसके सकारात्मक परिणाम आने की बात की जा रही है।

छत्तीसगढ़ में कोरोना के एक्टिव केसेस के मामले में दुर्ग जिला अभी भी सबसे ऊपर बना हुआ है। यहां कोरोना के एक्टिव केस अब बढ़कर 14 हजार 245 हो गए हैं।इसके बाद राजधानी रायपुर का नंबर है जहां 13107 एक्टिव केसेस हैं। राजनांदगांव और बिलासपुर जिले में भी एक्टिव केसेस की संख्या काफी बढ़ गई है। राजनांदगांव जिले में 4611 और बिलासपुर जिले में 2573 एक्टिव केस है।

ताजा आंकड़ों को देखकर ऐसा लग रहा है कि छत्तीसगढ़ से सटे महाराष्ट्र प्रदेश में कोरोना के जिस तरह से आंकड़े देखने में आए हैं अब करीब-करीब वही हालत छत्तीसगढ़ भी होती जा रही है। छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र की तुलना में काफी छोटा प्रदेश है लेकिन यहां कोरोना का संक्रमण और तेजी से बढ़ रहा है। यह कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र से आवागमन को रोकने, जांच टेस्टिंग के लिए सरकार द्वारा पहले से सख्त कदम उठाए गए जिससे अब नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिले के कलेक्टर के द्वारा कहीं आंशिक लॉकडाउन तो कहीं सख्त लॉक डाउन लागू किया कर दिया गया है लेकिन अभी से कोई फायदा होता नजर नहीं आ रहा है। हालत  लग रहा है कि पहले से ही बेकाबू हो चुके हैं।आम लोग एक तरफ कोरोना के लगातार बढ़ते संक्रमण से दहशत में हैं तो वही बस्तर संभाग में नक्सल हिंसा ने लोगों को चिंतित कर दिया है। कहां स्थिति काबू में है कोई कुछ कहने की स्थिति में नहीं है।



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