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वैक्सीनेशन में आ रही हैं अनियमितताएं की खबरें, निजी covid टीकाकरण केंद्रों में अनियमितताएं होने की आ रही है शिकायतें, नोटिस जारी किया गया

  45 वर्ष से कम उम्र के कोविड टीकाकरण लाभार्थियों के मामले में केंद्र ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखा निजी कोविड टीकाकरण केंद्रों को कारण बताओ ...

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45 वर्ष से कम उम्र के कोविड टीकाकरण लाभार्थियों के मामले में केंद्र ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखा

निजी कोविड टीकाकरण केंद्रों को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने को कहा गया

नई दिल्ली, छत्तीसगढ़।  असल बात न्यूज़।
कोविड-19 का टीका लगाने में भी अनियमितताये की शिकायतें आ रही हैं। अभी 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को वैक्सीनेशन की अनुमति दी गई है लेकिन कुछ निजी अस्पतालों के द्वारा आयु प्रमाण पत्र में गड़बड़ी कर कम उम्र के लोगों को टीका लगाने की शिकायतें सामने आई है। कोरोना की वैक्सीन एक अनमोल और अत्यंत महत्वपूर्ण वस्तु है और इस मामले को केंद्र सरकार ने अत्यंत गंभीरता से लिया है तथा मामले में आरोपी निजी अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया है।

 कोविड -19 से बचाने के लिए किए जा रहे टीकाकरण  की उच्चतम स्तर पर नियमित तौर पर समीक्षा और निगरानी की जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ निजी कोविड टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) द्वारा, 45 साल से कम उम्र के कोविड टीकाकरण लाभार्थियों की पहचान में हुई अनियमितताओं की ओर ध्यान दिलाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार (जीएनसीटीडी) के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) को पत्र लिखा है।

प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) को लिखे पत्र में कहा गया है कि उत्तर पूर्व दिल्ली के नेहरू नगर क्षेत्र में स्थित विम्हान्स (विद्यासागर इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ, न्यूरो एंड अलाइड साइंसेज) द्वारा लाभार्थियों के पंजीकरण में गंभीर खामियां सामने आई हैं। विम्हान्स एक निजी कोविड टीकाकरण केंद्र के रूप में काम कर रहा है। यह पाया गया है कि संस्थान में 45 वर्ष से कम उम्र के लाभार्थियों को हेल्थ केयर वर्कर्स (स्वास्थ्य सेवा कर्मी) और फ्रंट लाइन वर्कर्स के रूप में पंजीकृत किया गया और उन्हें टीका लगाया गया है।

मौजूदा कोविड-19 टीकाकरण अभियान के प्रावधानों के अनुसार, 45 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों (एक अप्रैल, 2021 से) को 18 साल से ज्यादा उम्र के स्वास्थ्य सेवा कर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ एनईजीवीएसी की सिफारिशों के अनुरुप टीका लगाया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सत्यापित इस निजी कोविड टीकाकरण केंद्र से जुटाए गए टीकाकृत लाभार्थियों के कोविन नमूना डेटा (19 मार्च- तीन अप्रैल 2021) से पता चला है कि कई लाभार्थी पात्रता रखने वाले लाभार्थियों के दायरे से बाहर आते हैं (न कि पहचान किए गए आबादी वाले समूहों के तहत) जो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है।

यह देखते हुए कि टीके एक अनमोल वस्तु हैं, कोविड-19 टीकाकरण से जुड़े दिशा निर्देशों के अनुपालन के मामले में विम्हान्स टीकाकरण केंद्र में हुई ये गंभीर चूक देशव्यापी टीकाकरण अभ्यास को नुकसान पहुंचाते हैं क्योंकि पात्र लाभार्थी टीकाकरण से वंचित हो सकते हैं। दिल्ली प्रशासन से कोविड-19 टीकाकरण नियमों का उल्लंघन करने वाले ऐसे गलत अभ्यासों को लेकर विम्हान्स को तुरंत कारण बताओ नोटिस जारी करने और अगले 48 घंटों के भीतर उनसे लिखित स्पष्टीकरण मांगने को कहा गया है। अस्पताल पर उचित वित्तीय जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा, यह भी सुझाव दिया गया है कि कारण बताओ नोटिस का स्पष्टीकरण असंतोषजनक पाए जाने की स्थिति में अस्पताल पर प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जा सकता है।

एक अन्य मामले में, दिल्ली सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली सलाह के अनुरुप, आबादी समूहों के संबंध में केंद्र द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के लिए दिल्ली के सेक्टर -12 द्वारका इलाके में स्थित बेंसप्स अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अस्पताल में कोविड का टीका लगाने के लिए 45 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों को गलत तरीके से हेल्थ केयर वर्कर्स (स्वास्थ्य सेवा कर्मी) और फ्रंट लाइन वर्कर्स के रूप में पंजीकृत किया गया।