रायपुर, । असल बात न्यूज। छत्तीसगढ़ में पढ़ना-लिखना अभियान लॉकडाउन के कारण अध्ययन-अध्यापन का कार्य प्रभावित होने के कारण भारत सरकार के...
रायपुर, । असल बात न्यूज।
छत्तीसगढ़ में पढ़ना-लिखना अभियान लॉकडाउन के कारण अध्ययन-अध्यापन का कार्य प्रभावित होने के कारण भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा व साक्षारता विभाग राज्य में पढ़ना-लिखना अभियान की समय सीमा 31 जुलाई 2021 तक बढ़ा दी गई है। पहले यह अवधि 31 मार्च 2021 तक निर्धारित थी।
उल्लेखनीय है कि पढ़ना-लिखना अभियान के अंतर्गत प्रदेश के 28 जिलों के 15 वर्ष से अधिक उम्र के ढाई लाख असाक्षरों को साक्षर किए जाने का लक्ष्य है। इस योजना में असाक्षरों को पढ़ना, लिखना और गणितीय कौशल में वृद्धि कर साक्षरता कौशल अर्जित करने के लिए 120 घंटे की पढ़ाई कराई जानी है। पढ़ाने वाले स्वयंसेवी शिक्षक निःशुल्क शिक्षा देंगे। स्कूल कॉलेज के विद्यार्थी, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड, सेवानिवृत्त व्यक्ति टीचर, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के व्यक्तियों का इस कार्य में सहयोग लिया जाएगा।
राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम के समन्वय के लिए स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा पूरे प्रदेश में असाक्षरों व स्वयंसेवी शिक्षकों का चिंहांकन अर्थात सर्वे का कार्य कर लिया गया है। सर्वे के बाद उसे सीजीस्कूलडॉटइन पोर्टल में अपलोड भी कर लिया गया है। स्वयंसेवी शिक्षकों को पढ़ाने के लिए विशेष तकनीकी अपनाई जाती है। उन्हें विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। इसके लिए प्रत्येक जिले में दो-दो रिसोर्स पर्सन वह प्रत्येक ब्लॉक में अनुपातिक रूप से कुशल प्रशिक्षकों का चयन कर उनका ऑनलाइन प्रशिक्षण भी किया जा चुका है।
छत्तीसगढ़ी परिवेश अनुसार बुनियादी साक्षरता प्रवेशिका आखर-झाँपी व स्वयंसेवी शिक्षक मार्गदर्शिका भी तैयार कर जिलों में वितरित कर दी गई है। सभी 24 पाठों का ई-प्राईमर भी बनाकर यूट्यूब में अपलोड किया जा चुका है ताकि डिजिटल माध्यम से भी पढ़ाया जा सके। इसी प्रकार प्रत्येक सामग्री केंद्रों में पहुँचने के पश्चात उसकी मॉनिटरिंग के लिए एक विशेष ऐप सीजी पढ़ना-लिखना अभियान एप बनाया गया है। जिससे जिलों में भेजी गई सामग्री का वास्तविक मूल्यांकन किया जा सके। सभी जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण का गठन कर लिया गया है। इसी प्रकार ब्लॉक स्तर, ग्राम स्तर और नगरीय निकायों में भी विभिन्न प्रकार की समितियां गठित की जा चुकी हैं। अधिक से अधिक तैयार की गई साक्षरता पठन सामग्रियों को व्हाट्सएप्प ग्रुप, टेलीग्राम ग्रुप, यूट्यूब चैनल में उपलब्ध किया गया है।
पढ़ना-लिखना अभियान के अकादमिक व तकनीकी सहयोग व समर्थन के लिए राज्य स्तर पर एससीईआरटी में स्पेशल सेल राज्य साक्षरता केंद्र अर्थात स्टेट सेंटर फॉर लिटरेसी और जिला जिले के डाइट में डिस्टिक सेंटर फॉर लिटरेसी अर्थात जिला साक्षरता केंद्र की स्थापना कर ली गई है। केंद्र प्रवर्तित इस योजना में 60 प्रतिशत केंद्र सरकार का व 40 प्रतिशत राज्य सरकार का हिस्सेदारी होता है।
जिला शिक्षा अधिकारियों को जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण का सदस्य सचिव बनाया गया है। जिला परियोजना अधिकारी इसमें समन्वय का कार्य करेंगे। इसी प्रकार विकास खंड स्तर पर विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को प्रभारी बनाया गया है। साक्षरता केंद्र किसी भी स्कूल कॉलेज के भवन पंचायत और सार्वजनिक भवन में लगाए जा सकते हैं। यह केंद्र किसी के घर में भी लग सकता है। इसके लिए कोई बंधन नहीं है। इसके लिए कोई समय भी निश्चित नहीं है अर्थात शिक्षार्थियों की सुविधा अनुसार यह 2 घंटे कभी भी लगाया जा सकता है। पठन-पाठन सामग्री की व्यवस्था जिला द्वारा की जाएगी। सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है।