भिलाई। असल बात न्यूज। 0 विशेष संवाददाता नगर निगम भिलाई क्षेत्र में कोरोना की दूसरी लहर ने कैसा,कितना भयंकर कहर ढाया है ? कितने अधिक लोगों...
भिलाई। असल बात न्यूज।
0 विशेष संवाददाता
नगर निगम भिलाई क्षेत्र में कोरोना की दूसरी लहर ने कैसा,कितना भयंकर कहर ढाया है ? कितने अधिक लोगों की इसने जान ले ली है ? उसके नए आंकड़े, अब जो मृत्यु प्रमाण पत्र बन रहे हैं उससे सामने आ रहे हैं। इन नए आंकड़ों के अनुसार सिर्फ मई महीने में ही भिलाई नगर निगम में 885 से अधिक मृत्यु का पंजीयन किया गया है। अर्थात इस समयावधि में इतने लोगों की मृत्यु हुई और उनका मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन किया गया। इन मृत्यु प्रमाण पत्रों से स्पष्ट हो रहा है कि कोरोना ने यहां कितनी तबाही मचाई है? कितने परिवारों को तहस-नहस कर दिया है। और कितनों को अकाल मौत का ग्रास बना लिया है ? जो संख्या सामने आ रही है उसमें से कुछ की स्वाभाविक मौत हो सकती है, लेकिन 80 प्रतिशत से अधिक मौतें कोरोना से ही होने की जानकारी सामने आ रही है। अप्रैल महीने के दौरान तो प्रत्येक मुक्तिधाम में प्रतिदिन 50 से अधिक शव जलाए जाने तथा दफनाने की खबरें आ रही थी। उस दौरान कोरोना के कहर से चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ था।
दुर्ग जिले ही नहीं, प्रत्येक स्थान पर कोरोना से हुई मौतों की संख्या पर सवाल उठते रहे हैं।कई लोगों की शिकायत रही है कि मृत्यु के सही आंकड़े सामने नहीं आ रहे है। इन आंकड़ों में संख्या कम दिखाई जा रही है। वैसे इसमें प्रदेश और जिले के आंकड़ों में निरंतर अंतर बना रहा है। उसके पीछे पूरे आंकड़ों के जिले से प्रदेश तक पहुंचने में होने वाली देरी को मुख्य कारण बताया जाता रहा है। लेकिन अब जो मृत्यु प्रमाण पत्र बन रहे हैं उसे कहीं झूठलाया नहीं आ सकता है। इतने बड़ी संख्या में मृत्यु प्रमाण पत्र बन रहे हैं उससे स्पष्ट रहता है कि इस अवधि में कोरोना से कितनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। एक व्यक्ति का दोबारा ओरिजिनल मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बन सकता।इस तरह से मौतों के आंकड़ों की सच्चाई को छुपाया नहीं जा सकता। मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए के लिए आधार कार्ड number सहित मृतक और परिजनों के ढेर सारे कागजात दने पड़ते हैं।
जन्म मृत्यु रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1959 की धारा 12 / 17 तथा छत्तीसगढ़ जन्म मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम 2001 के नियम 8 / 13 के अंतर्गत मृत्यु प्रमाण पत्र बनाया जाता है। घर में मृत्यु होने की दशा में कोई भी व्यक्ति मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए समुचित करदाताओं के साथ 30 दिनों के भीतर आवेदन कर सकता है। अस्पताल में मृत्यु होने पर अस्पताल प्रशासन के द्वारा निगम में एक कागजात उपलब्ध करा दिए जाते हैं। अन्यथा मृत्यु प्रमाण पत्र चाहने वाले को ही यह कागजात देने पड़ते हैं।
वर्ष 2021 के अंतर्गत नगर निगम भिलाई क्षेत्र में कुल मिलाकर 2111 मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। पंजीयन किया गया है। इसमें से जनवरी महीने में 337, फरवरी में 256, मार्च में 258, और अप्रैल महीने में 375 मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए गए। मई महीने में मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का काम जारी है और अभी तक 885 प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं। मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के लिए नगर निगम कार्यालय में दिनभर लंबी लाइन लगने लगी है।
इतने लोगों की मृत्यु नगर निगम भिलाई क्षेत्र के अंतर्गत हुई है। इसमें नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले बीएसपी के कर्मचारी शामिल नहीं है। बीएसपी के कर्मचारियों का ज्यादातर संयंत्र के अस्पताल में इलाज होता है और मृत्यु होने की दशा में संयंत्र के कार्यालय के द्वारा ही प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।जबकि बीएसपी के कर्मचारियों की बड़ी संख्या में मृत्यु हुई है जोकि भिलाई निगम क्षेत्र में निवास करते हैं।