उपराष्ट्रपति ने कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन के उपयोग की चर्चा की और आईआईटी को आतंकवाद से संबंधित क्षेत्रों पर फोकस करने की सलाह दी उपराष्...
उपराष्ट्रपति ने कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोन के उपयोग की चर्चा की और आईआईटी को आतंकवाद से संबंधित क्षेत्रों पर फोकस करने की सलाह दी
उपराष्ट्रपति आईआईटी मद्रास में भारत के पहले 3डी प्रिंटेड हाउस स्थल देखने गए
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज आईआईटी जैसे शोध समुदाय और संस्थानों से देश के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली आतंकवादी ताकतों की भयावह योजनाओं को विफल करने के लिए बुद्धिमत्तापूर्ण समाधान लाने का आह्वान किया। उपराष्ट्रपति श्री नायडू ने यह बात उस समय कही है जबकि देश के कुछ हिस्सों में अति संवेदनशील सुरक्षित स्थानों पर ड्रोन से हमला किया गया है।
आईआईटी मद्रास में भारत के पहले 3डी प्रिंटेड हाउस स्थल का दौरा करने के बाद उपराष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद मानव जाति का शत्रु है और उन्होंने आतंकवादियों द्वारा कम ऊंचाई पर उड़ान भरने वाले ड्रोन के इस्तेमाल का जिक्र किया और बताया कि सैन्य राडार से उनका पता नहीं लगाया जा सक। है उन्होंने आईआईटी जैसे संस्थानों को आतंकवाद से संबंधित क्षेत्रों पर भी फोकस करने और आतंकवादियों के प्रयासों का मुकाबला करने के लिए समाधान लाने की सलाह दी।
इससे पहले श्री नायडू ने आईआईटी मद्रास और स्टार्टअप टीवैस्टा मैन्यूफैक्चरिंग सॉल्यूशंस के साझा सहयोग से तैयार भारत की पहली 3डी प्रिंटेड हाउस परियोजना के पीछे टीम के प्रयासों की सराहना की।
उपराष्ट्रपति ने प्रौद्योगिकी के विकासात्मक विशेषाधिकार पर बल देते हुए उभरती प्रौद्योगिकियों को बढ़ाने और वाणिज्यिक व्यवहार्यता हासिल करने में उद्योग-संस्थान साझेदारियों के महत्व की चर्चा की।
श्री नायडू ने कहा कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां भविष्य की झलक प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को बढ़ाया जाना चाहिए ताकि वे आम आदमी के लिए सुलभ हों। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकियां केवल अवधारणा के प्रमाण होने तक सीमित नहीं होनी चाहिए। प्रौद्योगिकियां मानव पीड़ा को बहुत कम कर सकती हैं और आम आदमी के जीवन को आरामदायक बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह किसी भी शोध का अंतिम उद्देश्य है।
श्री नायडू ने कहा कि इस परियोजना ने चौथी औद्योगिक क्रांति के संभावित लाभों को दिखाया, जहां 3डी प्रिंटिंग और रोबोटिक्स जैसी स्मार्ट प्रौद्योगिकियों के विलयन में मैन्युफैक्चरिंग के पारंपरिक प्रथाओं को बदलने की क्षमता है।
श्री नायडू ने राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और स्थानीय प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए अपने देश में तकनीकी हस्तक्षेप के लिए फोकस क्षेत्रों को चिन्हित करने के लिए आईआईटी की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सामाजिक रूप से प्रासंगिक शोध समस्याओं पर सर्वश्रेष्ठ दिमाग लगाकर आईआईटी अपने दिए गए कार्य और उद्देश्य को पूरा करने में सक्षम होंगे।