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खेतों में पेड़ लगाइए, बड़े होने पर कटाई की अनुमति मिल जाएगी सरलता से, मुनाफा अधिक होगा

  किसान खेतों में अधिक वृक्षारोपण कर सकें, इसके लिए पेड़ों की कटाई की अनुमति देने की प्रक्रिया को सरल करने के निर्देश प्लांटेशन को बढ़ावा देन...

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 किसान खेतों में अधिक वृक्षारोपण कर सकें, इसके लिए पेड़ों की कटाई की अनुमति देने की प्रक्रिया को सरल करने के निर्देश

प्लांटेशन को बढ़ावा देने पेड़ कटाई की अनुमति की प्रक्रिया की जाएगी सरल

-प्रभारी सचिव ने दिया निर्देश, पेड़ कटाई की अनुमति प्रक्रिया सरल होने से बहुत से किसान प्लांटेशन के लिए आगे बढ़ेंगे

-उन्होंने कहा कि फसल वैविध्य को बढ़ावा देने का सुनहरा मौका

दुर्ग । असल बात न्यूज़।

अधिक से अधिक वृक्षारोपण हो सके, इसके लिए पेड़ों की कटाई की अनुमति देने की प्रक्रिया को भी सरल किया जाएगा।अब यह बात सामने आ रही है कि पेड़ों की कटाई की अनुमति देने की प्रक्रिया के जटिल होने की वजह से किसान अपने खेत में पेड़ लगाने में हिचकिचाते हैं। जिले के प्रभारी सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने भी इस बात को स्वीकार किया है और इसे देखते हुए वृक्षारोपण को बढ़ावा देने उन्होंने पेड़ों की कटाई की अनुमति देने की प्रक्रिया को सरल करने का निर्देश दिया है। प्रभारी सचिव श्री परदेसी ने क्षेत्र में सुगंधित चावल की फसल लेने के लिए भी किसानों को प्रोत्साहित करने को कहा है। आज यहां पाटन ब्लाक में  जिले के अधिकारियों की बैठक ली।

राज्य को हरा-भरा बनाने वृक्षारोपण पर जोर दिया जा रहा है। तो वही किसानों को धान के साथ ही कई फसलें एक साथ लेने को भी कहा जा रहा है। यह सब किसानों का मुनाफा बढ़ाने की कवायद के तहत किया जा रहा है। एक बात यह भी है कि विभिन्न योजना के तहत राज्य में जगह-जगह वृक्षारोपण तो प्रत्येक वर्ष किया जाता है लेकिन पेड़ कहीं नजर नहीं आते। हरियाली कहीं नहीं दिखती। यहां तक की लगाए गए पौधों के ठूंठ भी कहीं नहीं दिखते। ऐसी योजनाएं माना जाता है कि इसलिए भी फ्लॉप हो जाते हैं क्योंकि इसमें आम जनता की भागीदारी ना के बराबर रहती है। आम लोगों को ऐसे वृक्षारोपण से कोई फायदा होता नजर नहीं आता।वृक्षारोपण के ऐसी योजनाओं से आम लोगों को भी खास तौर पर किसानों को भी जोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसी के तहत खेतों में वृक्षारोपण का काम शुरू किया जा रहा है। खेतों में पौधे लगाए जाएंगे। वे बड़े होंगे, तब उसकी कटाई में दिक्कत आएगी तो ऐसे में किसान खेतों में वृक्षारोपण करना कतई उचित नहीं समझेंगे। इसलिए अब खेतों के पेड़ की कटाई के अनुमति की प्रक्रिया को सरल किया जा रहा है।

जिले के प्रभारी सचिव कोमल सिद्धार्थ परदेसी ने आज जिले के अधिकारियों की बैठक ली और विभिन्न कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने इस दौरान किसानों को भी वृक्षारोपण से सीधे जोड़ने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसान  प्लांटेशन की ओर बढ़ें, सागौन एवं बांस जैसे पौधे भी अपने खेतों में लगाएं।,  पेड़ के कटाई की अनुमति देने की प्रक्रिया को सरल    किया जाएगा। इससे किसानों की आमदनी काफी बढ़ेगी।

 प्रभारी सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेसी ने समीक्षा बैठक में पेड़ों की कटाई के अनुचित देने की प्रक्रिया को सरल करने का  निर्देश देते हुए पाटन ब्लाक में अधिकारियों को कहा कि पेड़ कटाई के लिए अनुमति की अभी की प्रक्रिया थोड़ी जटिल है इससे किसान प्लांटेशन करने से थोड़ा हिचकते हैं। प्रक्रिया सरलीकृत होने से किसान बड़े पैमाने पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ लेने आगे आएंगे। श्री परदेसी ने कहा कि किसान वैविध्य की दिशा में अब आगे बढ़ना चाह रहे हैं। किसान राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत तीनों तरह से फसल ले सकते हैं अर्थात धान के बदले दलहन-तिलहन की फसल ले सकते हैं फलदार पेड़ लगा सकते हैं अथवा इमारती लकड़ी के लिए भी प्लांटेशन कर सकते हैं। अपनी फसल के कुछ हिस्सों में इस तरह से अलग-अलग तरह की खेती करने से शासन की योजना का लाभ भी बेहतर मिल सकेगा और इन फसलों में रेट भी अच्छा आएगा। बीमा की सुविधा उपलब्ध होने से किसी तरह का जोखिम नहीं रहेगा। 

कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने इस दौरान बताया कि जिले में तीनों ब्लाकों में सभी स्थानीय अमले को योजना के संबंध में लोगों को जानकारी देने तथा हितग्राहियों का चिन्हांकन करने निर्देशित किया गया है। कृषि विस्तार अधिकारी, पटवारी, रोजगार सहायक, बीट गार्ड आदि का दल ग्रामीणों से मिलकर योजना की जानकारी देकर हितग्राहियों का चिन्हांकन कर रहा है। प्रभारी सचिव ने खाद-बीज की स्थिति की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि किसान फसल वैविध्य की ओर झुकेंगे तो उनकी जरूरतों के मुताबिक गुणवत्तापूर्वक खाद-बीज आदि सुनिश्चित कर लें। उन्होंने कंपोस्ट खाद के विक्रय की स्थिति तथा नालों के जीर्णोद्धार पर हो रहे कार्यों की जानकारी भी ली। बैठक में मुख्यमंत्री के ओएसडी  आशीष वर्मा भी उपस्थित थे। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ  सच्चिदानंद आलोक, एसडीएम  विपुल गुप्ता, जनपद सीईओ  मनीष साहू भी उपस्थित थे।

सुगंधित धान के लिए भी करें प्रेरित, बसना से मंगवाएंगे बीज- प्रभारी सचिव ने योजना के क्रियान्वयन की स्थिति के बारे में पूछा। अधिकारियों ने बताया कि किसान सुगंधित धान के बारे में सबसे ज्यादा पूछ रहे हैं। इसका कारण यह है कि सुगंधित धान का रेट भी अच्छा है और घर में भी इस्तेमाल करने के लिए किसान इसे लगाना चाह रहे हैं। प्रभारी सचिव ने कहा कि छोटे किसानों के साथ ही बड़े किसानों को भी फसल वैविध्य के लिए तैयार करना चाहिए क्योंकि अधिक खेत होने की वजह से वे फसल वैविध्य के सभी रूपों को अपना सकते हैं।

*निर्माण कार्य भी देखें*-  प्रभारी सचिव ने पाटन ब्लाक में चल रहे विविध निर्माण कार्यों को देखा। उन्होंने स्कूलों के अलावा लिफ्ट इरीगेशन की योजनाओं को एवं जलजीवन मिशन की योजनाओं के क्रियान्वयन पर नजर डाली। उन्होंने निर्माण कार्यों को तेजी से और गुणवत्तापूर्वक पूरा करने निर्देश दिये।