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भारत फॉस्फेटिक उर्वरकों के मामले में बनेगा आत्मनिर्भर

    डीएपी और एनपीके उर्वरकों का मुख्य कच्चा माल भारत विभिन्न स्थानों प्रचुर मात्रा में  उपलब्ध  : श्री मनसुख मांडविया नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। ...

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  डीएपी और एनपीके उर्वरकों का मुख्य कच्चा माल भारत विभिन्न स्थानों प्रचुर मात्रा में  उपलब्ध  : श्री मनसुख मांडविया

नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज़।
भारत अब फॉस्फेटिक उर्वरकों (डीएपी व एनपीके) की उपलब्धता के मामले में आत्म निर्भर बनने की ओर कदम उठा रहा है।रॉक फॉस्फेट,डीएपी और एनपीके का मुख्य कच्चा माल है। देश के रॉक फॉस्फेट की उपलब्धता में आत्मनिर्भर बन जाने पर इसके आयातित कच्चे माल पर निर्भरता कम हो जाएगी और देश में है स्वस्थ और रासायनिक खाद किसानों को उपलब्ध होने लगेगा।रॉक फॉस्फेट के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार के द्वारा कार्य योजना तैयार की जा रही है। 
रॉक फॉस्फेट डीएपी और एनपीके उर्वरकों के लिए प्रमुख कच्चा माल है और इसके लिए भारत 90 फीसदी आयात पर निर्भर है।भारत का इसे अभी काफी अधिक दामों में आया त करना पड़ता है। इसके अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में अस्थिरता, उर्वरकों की घरेलू कीमतों को प्रभावित करती है और देश में कृषि क्षेत्र की प्रगति और विकास में बाधा डालती है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए ही श्री केंद्रीय सैनिक उर्वरक मंत्री श्री मंडाविया ने भारत में उपलब्ध रॉक फॉस्फेट भंडार की खोज और खनन में तेजी लाने के लिए हितधारकों के साथ एक बैठक बुलाई ।इस बैठक में  उक्त योजना पर कार्य शीघ्र से शीघ्र शुरू करने के बारे में विस्तृत चर्चा की गई है।

स्वदेशी संसाधनों के जरिए भारत को उर्वरक उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य योजना बनाई गई है। श्री मंडाविया ने राजस्थान, प्रायद्वीपीय भारत के मध्य भाग, हीरापुर (मध्य प्रदेश), ललितपुर (उत्तर प्रदेश), मसूरी सिंकलाइन, कडप्पा बेसिन (आंध्र प्रदेश) में उपलब्ध मौजूदा 30 लाख मीट्रिक टन फॉस्फोराइट का व्यावसायिक रूप से दोहन करने और उत्पादन बढ़ाने का निर्देश दिया। राजस्थान के सतीपुरा, भरूसारी व लखासर और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में संभावित पोटाश अयस्क संसाधनों की खोज में तेजी लाने के लिए खनन विभाग और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के साथ चर्चा और योजना चल रही है। संभावित भंडारों का खनन जल्द से जल्द शुरू करने के लिए सभी विभाग संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। इस कार्य योजना में विदेशों से आयातित महंगे कच्चे माल की आयात निर्भरता को कम करने और इसे किसानों के लिए सुलभ व सस्ता बनाने के कदम शामिल हैं।


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इस बैठक में श्री मांडविया ने कहा, "मुझे खुशी है कि उर्वरक विभाग रॉक फॉस्फेट के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक कार्य योजना के साथ तैयार है। यह डीएपी और एनपीके का मुख्य कच्चा माल है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के आह्वाहन का अनुपालन करके भारत निश्चित रूप से आने वाले समय में उर्वरकों के मामले में आत्मनिर्भरता को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।"