खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने मैनपाट के पैगा में सुनी जनता की समस्याएं अम्बिकापुर । असल बात न्यूज़। छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति ए...
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने मैनपाट के पैगा में सुनी जनता की समस्याएं
अम्बिकापुर । असल बात न्यूज़।
छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत भगत मैनपाट के दूरस्थ एवं डायरिया बीमारी के संवेदनशील गांव पैगा के ग्रामीणों से रू-ब-रू हुए। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी और शीघ्रता से कार्यवाही करने अधिकारियों को निर्देशित किया।
मंत्री श्री भगत ने कहा कि जनता की सुविधा विस्तार के लिए सरकार दिन रात काम कर रही है लेकिन कुछ अधिकारी एवं कर्मचारी सुविधा पहुंचाने में गड़बड़ी करने पर तुले है। उन्होंने कहा कि जनता की सुविधा में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी गड़बड़ी करने की कोशिश करेगा उस पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी। सभी विभाग अपने जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि पैगा, सुपलगा क्षेत्र डायरिया और मलेरिया के लिए संवेदनशील है हालांकि अब काफी सुधार आया है। स्वास्थ्य विभाग सतर्क रहें और सूचना तंत्र मजबूत करें। पंचायतो में बैठक कर लोगो को जागरूक करें। किसी की भी डायरिया से मृत्यु नहीं होनी चाहिए।
मंत्री श्री भगत ने कहा कि मैनपाट अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और सांस्कृतिक विविधता के कारण देश प्रदेश में अलग पहचान रखता है। यहाँ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बौद्ध सर्किट से जोड़ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। इसके साथ ही यहाँ हवाई पट्टी भी बनेगा जिससे बाहर से हेलीकाप्टर या प्लेन से आने वाले सीधे मैनपॉट में उतर सकेंगे। उन्होंने कहा कि मैनपाट में छत्तीसगढ़ी व्यंजन भी मिलेगा इसके लिए गढ़कलेवा शुरू होगा। कोविड से निपटने में छत्तीसगढ़ सरकार ने बेहतर कार्य किया है। लोगो को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही घर घर निःशुल्क राशन पहुंचाया गया। मई और जून में बाद अब नवंबर तक मुफ्त राशन दिया जाएगा। इसके पूर्व खाद्य मंत्री ने मैनपाट के अमगांव, बिसरपानी और पटेलपारा में वृक्षारोपण कर हरियाली बढ़ाने में संदेश दिया।
इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि श्री गणेश सोनी, पूर्व जनपद उपाध्यक्ष श्री अटल बिहारी यादव, मुख्य वन संरक्षक श्री अनुराग श्रीवास्तव, जिला पंचायत सीईओ श्री विनय कुमार लंगेह, वन मंडलाधिकारी श्री पंकज कमल, एस डी.एम. सुश्री दीपिका नेताम सहित अन्य स्थानीय जन प्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी एवं ग्रामीण मौजूद थे।