नई दिल्ली। असल बात न्यूज़। देश में खरीफ विपणन सत्र 2019-20 के दौरान पिछले उच्च स्तर 773.45 लाख मीट्रिक टन को पार करते हुए इस साल अब तक उसक...
नई दिल्ली। असल बात न्यूज़।
देश में खरीफ विपणन सत्र 2019-20 के दौरान पिछले उच्च स्तर 773.45 लाख मीट्रिक टन को पार करते हुए इस साल अब तक उसकी तुलना में काफी अधिक धान की खरीदी की गई है। ताजा जानकारी अनुसार मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में लगभग 129.03 लाख किसानो को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी का फायदा मिला है और उन्हें 1,64,951.77 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
वर्तमान खरीफ 2020-21 में धान बेचने वाले राज्य से धान की खरीद, सुचारू रूप से जारी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 23 अगस्त तक 873.68 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान का क्रय किया जा चुका है (इसमें खरीफ फसल का 707.69 लाख मीट्रिक टन और रबी फसल का 165.99 लाख मीट्रिक टन धान शामिल है), जबकि पिछले वर्ष की इसी समान अवधि में 763.01 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया था।
गेहूं की खरीद का कार्य वर्तमान रबी विपणन सत्र 2021-22 के लिए इसकी खरीद वाले राज्यों में पूरा हो चुका है। अब तक (18.08.2021 तक) 433.44 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई थी (जो कि अब तक की खरीद का सबसे उच्चतम स्तर है, क्योंकि इसने आरएमएस 2020-21 के पिछले उच्च स्तर 389.93 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद के आंकड़े को पार कर लिया है), जबकि पिछले साल की इसी समान अवधि में 389.93 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था।
लगभग 49.20 लाख किसान मौजूदा रबी विपणन सत्र में एमएसपी मूल्यों पर हुए खरीद कार्यों से लाभान्वित हो चुके हैं और उन्हें 85603.57 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
इसके अलावा, प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020-21 एवं रबी विपणन सत्र 2021 तथा ग्रीष्म सत्र 2021 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 109.58 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई। आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.74 लाख मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) को क्रय करने के लिए भी स्वीकृति दी गई थी। यदि अधिसूचित फ़सल अवधि के दौरान संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बाजार की दरें एमएसपी से नीचे चली जाती हैं, तो राज्य की नामित ख़रीद एजेंसियों के माध्यम से केंद्रीय नोडल एजेंसियों द्वारा इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के अंतर्गत दलहन, तिलहन और खोपरा फसल की खरीद के प्रस्तावों की प्राप्ति पर भी मंजूरी दी जाएगी, ताकि पंजीकृत किसानों से वर्ष 2020-21 के लिए अधिसूचित किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सीधे इन फसलों के एफएक्यू ग्रेड की खरीद की जा सके।
खरीफ 2020-21 और रबी 2021 तथा ग्रीष्म सत्र 2021 के तहत 23.08.2021 तक सरकार द्वारा अपनी नोडल एजेंसियों के माध्यम से 11,91,926.47 मीट्रिक टन मूंग, उड़द, अरहर, चना, मसूर, मूंगफली की फली, सूरजमुखी के बीज, सरसों के बीज और सोयाबीन की खरीद एमएसपी मूल्यों पर की गई है। इस खरीद से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, ओडिशा और राजस्थान के 6,96,803 किसानों को 6,686.59 करोड़ रुपये की आय हुई है। (**इसमें ग्रीष्म सत्र की 1,00,000 मीट्रिक टन मूंग भी शामिल है, जिसकी खरीद मूल्य स्थिरीकरण निधि योजना के तहत मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर प्रगति पर है)।
इसी तरह से, फसल सत्र 2020-21 के दौरान 5,089 मीट्रिक टन खोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद कर्नाटक और तमिलनाडु राज्यों से की गई है। इसके लिए 3,961 किसानों को लाभान्वित करते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 52 करोड़ 40 लाख रुपये की अदायगी की गई है। विपणन सत्र 2021-22 के लिए तमिलनाडु से 51000 मीट्रिक टन खोपरा खरीदने की मंजूरी दी जा चुकी है और 23.08.2021 तक तमिलनाडु में 36 किसानों को लाभान्वित करते हुए 0.09 करोड़ रुपये के एमएसपी मूल्य वाले 8.30 मीट्रिक टन खोपरा की खरीद की गई है।