नई दिल्ली।।असल बात न्यूज़। 0 विशेष संवाददाता दिल्ली में जितना घमासान चल रहा था, शक्ति प्रदर्शन की होड़ लगी हुई थी,छत्तीसगढ़ की राजधानी राय...
नई दिल्ली।।असल बात न्यूज़।
0 विशेष संवाददाता
दिल्ली में जितना घमासान चल रहा था, शक्ति प्रदर्शन की होड़ लगी हुई थी,छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज उतना ही सूनापन सन्नाटा था। सड़कों पर अमूमन फर्राटा भरते नजर आने वाली चमचमाती नई गाड़ियां आज गायब थी।शायद इनमें से बहुत सारे लोग दिल्ली पहुंच गए थे और जो नहीं गए थे वे घर में ही आराम करते हुए दिल्ली में क्या हो रहा है उस पर नजर रखे हुए थे। लोगों में दिनभर यह जानने को लेकर उसका बनी रही कि दिल्ली में आखिर हो क्या रहा है। जोबट के हो रही है उसमें क्या निर्णय हो रहा है। क्या निर्णय होने वाला है। दिल्ली की एक एक गतिविधियों को जानने को लेकर लोगों में उत्सुकता बनी हुई थी। ढेर सारे लोग समाचार पत्रों, मीडिया के कार्यालय में भी बातचीत कर पूछते नजर आएगी कितने में क्या हो रहा है और क्या हो सकता है। जब मुख्यमंत्री की कुर्सी से जुड़ा हुआ मामला हो तो ऐसी हलचल स्वाभाविक भी है। अभी जो खबर मिली है उसके अनुसार छत्तीसगढ़ की राजनीतिक उठापटक खींचतान पर विराम लगाने, शांत करने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी अगले सप्ताह यहां आएंगे। राहुल गांधी के यहां आगमन के बाद ही प्रदेश मैं सप्ताह में नेतृत्व परिवर्तन पर कुछ भी निर्णय किया जाएगा। इसके पहले कुछ भी नहीं होने की खबर आ रही है।
खबर के अनुसार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की आज शुक्रवार को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ लंबी बैठक हुई है।इस के बाद उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक और राज्य की योजनाओं से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई तथा ‘मुख्यमंत्री के तौर पर’ उनकी ओर से दिये गए निमंत्रण पर राहुल गांधी अगले सप्ताह राज्य का दौरा करेंगे. वैसे तो परिवर्तन को लेकर उठ रहे सवालों को इस दौरान उन्होंने यह कहकर विराम देने की कोशिश की है कि कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी एल पुनिया ने जो पिछले दिनों कहा था, उसके बाद कोई बात बाकी नहीं रह जाती.
दरअसल, राहुल गांधी के साथ गत मंगलवार को हुई बघेल और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस ंिसह देव की बैठक के बाद पुनिया ने कहा था कि नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है. राहुल गांधी के आवास पर शुक्रवार को बघेल के साथ बैठक में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और पुनिया मौजूद थे.
इस बीच, बघेल के समर्थक 30 से अधिक विधायक एवं पूर्व विधायक दिल्ली में मौजूद हैं और कांग्रेस मुख्यालय में वेणुगोपाल से मुलाकात कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा के मद्देनजर वे मुख्यमंत्री का समर्थन करने पहुंचे हैं. इससे पहले करीब 20 विधायकों ने कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी एल पुनिया से मुलाकात की. माना जा रहा है कि इन विधायकों ने नेतृत्व परिवर्तन नहीं करने और बघेल को ही मुख्यमंत्री बनाये रखने की पैरवी की है.
मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस ंिसहदेव के बीच चल रही तनातनी की स्थिति को देखते हुए विधायकों के दिल्ली पहुंचने से यह चर्चा गर्म है कि मुख्यमंत्री की ओर से कांग्रेस आलाकमान के समक्ष शक्ति प्रदर्शन करने का प्रयास है, हालांकि बघेल के करीबियों ने इससे इनकार किया है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री का सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरा विश्वास है तथा शक्ति प्रदर्शन जैसी कोई बात नहीं है.
बघेल के समर्थक विधायक देवेंद्र यादव ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में हम छत्तीसगढ की जनता की सेवा कर रहे हैं. हम आलाकमान से बात करेंगे. सभी विधायक एकजुट हैं.’’ पिछले दिनों बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस ंिसह देव ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद बुधवार को रायपुर लौटने पर बघेल ने कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आदेश से वह इस पद पर आसीन हुए हैं और उनके कहने पर तत्काल इस पद को त्याग देंगे. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री पद के ढाई—ढाई वर्ष के बंटवारे का राग अलाप रहे लोग प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें वह कभी सफल नहीं होंगे.
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री ंिसहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे. ंिसहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब ंिसहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए.
पिछले दिनों बघेल गुट और ंिसहदेव गुट के बीच मतभेद उस वक्त और बढ़ गये जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति ंिसह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस ंिसहदेव पर आरोप लगाया था कि वह उनकी हत्या करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. बृहस्पति ंिसह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है.