लीजिए, छत्तीसगढ़ के गांव- गांव में भी होने लगी है मोतियाबिंद की जांच औंधी पाटन में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक मेे मोतियाबिंद की जांच के...
लीजिए, छत्तीसगढ़ के गांव- गांव में भी होने लगी है मोतियाबिंद की जांच
औंधी पाटन में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक मेे मोतियाबिंद की जांच के बाद जिला अस्पताल में सफल ऑपरेशन
पाटन,दुर्ग । असल बात न्यूज।
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बढ़ती उम्र के साथ शरीर के कई अंग कमजोर होने लगते हैं और शरीर में आमतौर पर आंख की रोशनी, ब्लड प्रेशर, शुगर,हड्डियों से संबंधित बीमारियां घर करने लगती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तक यह धारणाएं रही है कि ऐसी बीमारियों की जांच परीक्षण और इलाज की सुविधाएं सिर्फ शहरों में ही उपलब्ध है और वास्तव में ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं ना के बराबर रही हैं तब लोगों के मन में यह बात बैठ जाना स्वभाविक ही रहा है कि इन बीमारियों का ग्रामीण इलाकों में इलाज नहीं हो सकता।यहां तक की गंभीर बीमारियों के जांच परीक्षण की सुविधाएं तक भी ग्रामीण क्षेत्र में उपलब्ध नहीं रही हैं। ऐसे में ग्रामीण जनों को इन बीमारियों के इलाज के लिए भागकर शहर आना पड़ता रहा है।इससे ग्रामीण क्षेत्रों के इन परेशान लोगों के समय और धन की अनावश्यक बर्बादी होती है। संभवत: अब समय बदल रहा है और ग्रामीण क्षेत्रों में भी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य की सुविधाओं में बढ़ोतरी हो रही है। दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड के ग्राम ग्राम औंधी में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक में गांव की महिला मरीज के मोतियाबिंद की समय रहते जांच की गई और बाद में जिला चिकित्सालय में सफल ऑपरेशन किया गया है। मोतियाबिंद की यहां गांव में ही समुचित जांच हो सकेगी, इसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी लेकिन जानकारी के अनुसार ऑपरेशन पूर्णता सफल रहा है।मरीज संतरा बाई को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है।
कोरोना की दूसरी लहर इतनी खतरनाक रहेगी उसके असर से आज भी आम लोग स्वास्थ्य केंद्र में जाने से बचना चाहते हैं। स्वास्थ्य केंद्रों में जाने से कोरोना के संक्रमण के फैलाव का खतरा बढ़ जाने की आशंका बनी हुई है।ऐसे हालात में परिजन अपने परिवार के सदस्यों को भी इलाज के लिए अस्पताल ले जाने से बचना चाहते हैं। इलाज में देरी कई बार जान के लिए खतरा साबित हो सकती है। संक्रमण के खतरे की आशंका के चलते ही आंधी गांव की रहने वाली श्रीमती संतरा बाई के आंखों की जांच भी नहीं हो पा रही थी।
कोविड-19 की लहरों के बीच ग्राम औंधी विकासखंड पाटन की श्रीमती संतरा बाई अपने नेत्र की समस्या से परेशान थी। बुजुर्गों के लिए बहुत कठिन समय था, घर से बाहर निकलना! दूर अस्पताल तक जाकर अपना जांच इलाज कराना! इस बीच जब ग्राम औंधीकी मितानिनों के माध्यम से संतरा बाई को पता चला कि ग्राम औंधी में तहत चिकित्सकों का दल प्रति सप्ताह आता है तो संतरा बाई अपनी आंखों की जांच करवाने हाट बाजार क्लीनिक ग्राम औंधी पहुंची । नेत्र सहायक अधिकारी श्रीमती जसविंदर विरदी द्वारा उनकी आंखों की जांच की गई और जांच में उनके बाएं आंख में मोतियाबिंद होने की पुष्टि की गई। मरीज को मोतियाबिंद का जल्द से जल्द ऑपरेशन कराने की सलाह दी गई।चिकित्सकों ने उसकी जांच की तो पाया कि मोतियाबिंद है और समय पर उपचार नहीं किया गया तो आंखों के लिए खतरा बढ़ सकता है।
मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराना इसलिए आवश्यक माना गया ताकि बाद में नेत्र की ज्योति संबंधित कोई जटिलता ना आवे। संतरा बाई को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भिलाई 3 विकासखंड पाटन ले जाकर कोविड-19 आरटीपीसीआर जांच एवं अन्य जांच निशुल्क हुआ एवं उनके परिवारजनों की भी आरटीपीसीआर आदि जांच करवाई गई । सभी की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर नेत्र सहायक अधिकारी द्वारा संतरा बाई को जिला अस्पताल दुर्ग ऑपरेशन के लिए ले जाया गया। जिला अस्पताल दुर्ग के चिकित्सकों द्वारा ईसीजी एवं अन्य मेडिकल फिटनेस प्राप्त होने पर उनका निशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन जिला चिकित्सालय दुर्ग में सफलतापूर्वक किया गया। अस्पताल से छुट्टी होने के बाद ग्राम औंधी के ही मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक में उनका सतत फॉलोअप जांच किया गया एवं नेत्र ज्योति बहुत अच्छी पाई गई। संतरा बाई ने छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना को बहुत सफल बताया एवं घर के नजदीक ही जांच आदि की सुविधा होने पर क्लीनिक के सभी सदस्यों का धन्यवाद किया एवं छत्तीसगढ़ शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना की सफलता हेतु शुभकामनाएं दी।
खंड चिकित्सा अधिकारी पाटन ने बताया कि कलेक्टर जिला दुर्ग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं नोडल अधिकारी (मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना) जिला दुर्ग के मार्गदर्शन में विकासखंड में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना हेतु दो डेडिकेटेड वाहन की व्यवस्था की गई है एवं चिकित्सकीय दल के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को चिकित्सा सेवा एवं सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।