सफलता की चमक, इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ने की इच्छा अब पूरी हुई दुर्ग-भिलाई, पाटन। असल बात न्यूज़। 0 विशेष संवाददाता 0 अशोक त्रिपाठी ...
सफलता की चमक, इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ने की इच्छा अब पूरी हुई
दुर्ग-भिलाई, पाटन। असल बात न्यूज़।
0 विशेष संवाददाता
0 अशोक त्रिपाठी
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स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, ग्रामीण इलाकों में, अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कराने के इच्छुक अभिभावकों- पालकों के लिए नई खुशियां लेकर आया है। अंग्रेजी माध्यम के ये स्कूल राज्य सरकार की नई योजना के तहत अब प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में खुलते जा रहे हैं।इससे अंग्रेजी माध्यम स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए चिंतित रहने वाले अभिभावकों को बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए नए अवसर मिल रहा है और इससे उन के चेहरे पर नई खुशियां और मुस्कान दिख रही है।
अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ाना स्टेटस सिंबॉल को बढ़ाने वाला तो माना ही जाता रहा है तथा धारणा भी बनी रही है कि इससे भविष्य में तरक्की के नए रास्ते खुलने की संभावनाये बढ़ जाती है। ऐसे में अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ाई के प्रति आकर्षण स्वाभाविक तौर पर बढ़ता जा रहा है। कई बार पैसों की कमी तथा स्कूल दूर होने की वजह से यह सपना साकार नहीं हो पाता था। अब गांव में भी सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के खुल जाने से यह दिक्कतें दूर होती नजर आने लगी है। इसमें अच्छी बात यह है कि गांव के कमजोर वर्ग के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करने का मौका मिलने लगा है। स्कूल दूर होने की वजह से पहले जो अभिभावक, अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम स्कूल में दाखिला नहीं दिला पाते थे उनकी यह समस्या लगभग खत्म होने लगी है। अंतर्राष्ट्रीय भाषा होने की वजह से अंग्रेजी माध्यम का अपना अलग महत्व है तथा यह माना जाता है कि इस मीडियम से पढ़ाई करने के बाद बच्चों की तरक्की का नया रास्ता खुल सकेगा।
छत्तीसगढ़ प्रदेश का सबसे बड़ा एजुकेशन हब माने जाने वाले दुर्ग जिले में अभिभावकों, पालकों में अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाने के प्रति हमेशा जागरूकता रही है और बच्चों को बेहतर पढ़ाई के लिए अच्छे स्कूल में एडमिशन दिलाने यहां हमेशा जी जान लगा देने के जैसी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा नजर आई है। ऐसे माहौल ने इस पूरे इलाके को एजुकेशन हब बनाने में मदद की है। शिक्षा के प्रति बेहतर सार्थक वातावरण वाले इस इलाके में लोगों में अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पढ़ाने के प्रति हमेशा से बड़ा आकर्षण रहा है। आर्थिक दिक्कतों की वजह से जो परिवार,अभिभावक अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम में दाखिला नहीं दिला पाते थे अब गांव में भी स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय स्कूल खुल जाने के बाद उसमें अपने बच्चों को प्रवेश दिला रहे हैं। इन अभिभावकों का स्वप्न अब अब साकार होता नजर आ रहा है। ऐसे अभिभावकों के चेहरे पर उनके बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूल में प्रवेश मिल जाने से बड़ी खुशी हो रही है।
इस जिले के पाटन विकासखंड में छह स्थानों पर स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खुल गए हैं। पहले हीी वर्ष में इन विद्यालयों में प्रवेश के लिए लोगों में भारी उत्साह नजर आया है। जानकारी केे अनुसार प्रत्येेक अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में निर्धारित समय अवधि के भीतर पूरी सीटें भर गई हैं।
यहां के विकास खंड शिक्षा अधिकारी श्री टी आर जगदल्ले बताते हैं कि यहां स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में भिलाई 3 में कक्षा बारहवीं, जामगांव आर और पाटन में कक्षा पहली से नवी, रानी तराई और सेलूद और जामगांव एम में कक्षा पहली से आठवीं, तक की कक्षाएं प्रारंभ की गई है। इन कक्षा में अभी तक 80% से अधिक प्रवेश हुआ है। Class 1, में अधिक प्रवेश दिलाया गया है। कई सारे बच्चों ने दूसरी कक्षा में हिंदी मीडियम से इंग्लिश मीडियम कक्षा ओ मेे प्रवेश लिया है। अपने बच्चों की इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाई शुरू हो जाने से अभिभावकों में बहुत खुशी व उत्साह नजर आया है। शायद उनके सपने पूरे हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में सभी कक्षा में पढ़ाई के लिए पर्याप्त टीचर्स उपलब्ध हैं।ये सभी टीचर्स उच्च प्रशिक्षित हैं।प्रत्येक विकासखंड में इंग्लिश माध्यम स्कूलों को आकर्षित बनाने वहां करोड़ों रुपए की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं वाले भवन बनाये जा रहे हैं तथा इन स्कूलों में शिक्षा के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यहां के स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में भिलाई 3 में 460, जामगांव एम में. 271, जामगांव आर में 347, रानी तराई में 316, सेलूद, पाटन स्कूल में 446 बच्चों ने अब तक प्रवेश लिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सभी वर्ग के बच्चों को निःशुल्क अंग्रेजी शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश में 172 स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल शुरु किए गए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा इन अंग्रेजी स्कूलों में निजी स्कूलों के तर्ज पर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। छत्तीसगढ़ सरकार इन अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों के साथ-साथ शासकीय हिंदी माध्यम स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को भी आधुनिक साधन-सुविधाएं मुहैया करा रही है।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम ने हम से बातचीत करते हुए कहा है कि अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा आज समय की मांग है। अंग्रेजी वैश्विक भाषा है। खासकर वैज्ञानिक, मेडिकल, इंजीनियरिंग पढ़ाई में अंग्रेजी का महत्व अधिक है। अंग्रेजी अच्छी तरह से नही जानने के कारण बच्चे वैश्विक प्रतियोगिता में शामिल नही हो पाते। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विचार किया कि गांव-गरीब का बच्चा भी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ सके। इसके लिए हमारी सरकार ने प्रदेश भर में सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। प्रथम चरण में गतवर्ष प्रदेश में 52 अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले गए। वर्तमान में प्रदेश में 171 उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित हो रहे हैं। इन विद्यालयों में पर्याप्त संसाधन जैसे-भवन, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, आधुनिक क्लास रूम उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए एक समान गणवेश, लोगो, बैच निर्धारित किया गया है। बच्चों को पढ़ाने के लिए अच्छे शिक्षकों की भर्ती की जा रही है।
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