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महिलाएं सोशल मीडिया में अनावश्यक कॉमेंट करने वालों को करे ब्लॉक- डॉ. नायक

  पुलिस विभाग में कार्यरत पति ने आयोग की समझाइश पर पत्नी एवं बच्चो को बारह हजार रूपए प्रतिमाह भरण पोषण देना स्वीकार किया पत्नी एवं पुत्री को...

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पुलिस विभाग में कार्यरत पति ने आयोग की समझाइश पर पत्नी एवं बच्चो को बारह हजार रूपए प्रतिमाह भरण पोषण देना स्वीकार किया

पत्नी एवं पुत्री को एक मुश्त भरण पोषण राशि तीन लाख रुपये देना आयोग के समक्ष पति ने किया स्वीकार


रायपुर । असल बात न्यूज़।

 छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक द्वारा  महिला उत्पीड़न से सम्बंधित शिकायत आवेदनों पर जनसुनवाई  शास्त्री चौक रायपुर स्थित आयोग कार्यालय में किया। सुनवाई के प्रकरण में पत्नी ने पति के ऊपर शराब पीकर मारपीट करने और दूसरी औरत से सम्बंध होने की शिकायत की।इस पर पति का कथन है कि वह पहले आरटीओ में काम करता था, फिर जनपद सदस्य बना।वर्तमान में बेरोजगार है, तथा कहा कि मेरा खर्च मेरी माँ उठा रही है। आयोग द्वारा पति पत्नी को समझाइश दिए जाने पर अनावेदक चार हजार रुपये प्रतिमाह देने तैयार हुआ।

आयोग में प्रस्तुत एक अन्य प्रकरण में पति आयोग के समक्ष उपस्थित होकर पत्नी और चार बच्चों को बारह हजार रुपये प्रतिमाह देने तैयार हुआ।आगामी सुनवाई को पति पत्नी उपस्थित रहेंगे।इसके साथ ही पत्नी अपने चारों बच्चों को लेकर उपस्थित रहेंगी,जिससे पति उन बच्चों से मिल सकेंगे। इस भरण पोषण राशि से बच्चों की पढ़ाई लिखाई शुरू हो सकेगी तथा पति ने आयोग के समक्ष तीन माह तक भरण पोषण राशि देगा। इसके बाद माह दिसम्बर में इस प्रकरण का निराकरण किया जा सकेगा।

एक अन्य प्रकरण में पति पत्नी सुनवाई के दौरान आपसी रजामंदी से सहमत होते हुए अपने पत्नी एवं पुत्री जिसकी आयु लगभग चार वर्ष है को एक मुश्त भरण पोषण राशि तीन लाख रुपये देना आयोग के समक्ष स्वीकार किया है। शादी का सम्पूर्ण सामान को भी पत्नी को वापस लौटाने स्वीकार किया है। पति भरण पोषण राशि को दो किस्तों में पत्नी को देगा।

एक अन्य प्रकरण में अनावेदकगण के माता पिता के मध्य पारिवारिक सम्पत्ति का कथन है कि दोनों अनावेदक पुलिस सेवा में कार्यरत होने के कारण आवेदिकागण को अपनी जान का भय है। जिस पर अनावेदकगण लिखकर देने को तैयार है कि आवेदिकागण की सम्पत्ति से उनका कोई लेना देना नही है। इस प्रकरण का निराकरण आगामी सुनवाई में किया जाएगा।

एक अन्य प्रकरण में ग्राम पंचायत  सचिव के पद पर कार्यरत हैं उन्होंने जनपद सीईओ व अपने ग्राम पंचायत सरपंच के खिलाफ आयोग में शिकायत की थी, जिसमे आयोग ने दोनों पक्षो को सुना।आवेदिका ने सीईओ के खिलाफ कोई शिकायत विशिष्टतः उल्लेखित नही किया है, आवेदिका का ट्रांसफर आदेश 26 सितंबर 2021 को निकल गया है। ऐसी स्थिति में आवेदिका का उद्देश्य पूर्ण हो चुका है और विभागीय कार्यों और जिम्मेदारी से बचने के लिए महिला आयोग में शिकायत मात्र करने से उनके सरकारी दायित्वों से बचा नही जा सकेगा। इस आधार पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

एक अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों के मध्य पूर्व में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। सोशल मीडिया की दो पोस्ट पर लगातार दो घंटे से गाली गलौच और वाद विवाद होता गया। जिसे लेकर दोनों पक्षों को समझाईश दिया गया। और अनावेदक गणों ने आयोग के समक्ष माफी भी मांगी है आवेदिकागणों को समझाईश भी दिया गया कि सोशल मीडिया में अनावश्यक कमेंट लिखने के बजाय ऐसे लोगो को ब्लॉक करना सीखें इस आधार पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।एक प्रकरण में आवेदिका की शिकायत पर अनावेदक क्रमांक एक जेल में बंद है तथा अनावेदक क्रमांक दो के खिलाफ भी थाने में शिकायत दर्ज है, आवेदिका ने अपने पति और अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ शिकायत की है, यह प्रकरण आयोग के क्षेत्राधिकार से बाहर होने के कारण प्रकरण नस्तीबद्ध हो गया।