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राजधानी में फिर प्रतिबंधित पैंगोलिन स्केल्स की तस्करी करते एक को पकड़ा गया , कीमत ढाई लाख रूपए तक

  *वन विभाग की बड़ी कार्रवाई: आरोपी गिरफ्तार रायपुर । असल बात न्यूज।। राजधानी रायपुर में वन विभाग द्वारा बड़ी कार्रवाई करते हुए एक आरोपी से लग...

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*वन विभाग की बड़ी कार्रवाई: आरोपी गिरफ्तार


रायपुर ।

असल बात न्यूज।।

राजधानी रायपुर में वन विभाग द्वारा बड़ी कार्रवाई करते हुए एक आरोपी से लगभग ढाई लाख रूपए मूल्य के लगभग  3.50 किलोग्राम पैंगोलिन स्केल्स की जप्ती की गई है। मामले में आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।

वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार विभाग द्वारा राज्य में वन अपराधों की रोकथाम के लिए अभियान लगातार जारी है। इस तारतम्य में अपराध रोकने के लिए चलाए जा रहे अभियान के दौरान यह सफलता मिली है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार मुखबिर से सूचना प्राप्त हुई थी कि एक संदिग्ध व्यक्ति मोटर सायकल में नीला काले रंग के बैग में वन्यप्राणी से संबंधित सामग्री बेचने के फिराक में है। सूचना मिलते ही प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी, क्षेत्रीय उप निदेशक श्री अभिजीत राय, मुख्य वन संरक्षक श्री जे.आर. नायक के निर्देश पर वन मंडलाधिकारी रायपुर श्री विश्वेस कुमार के मार्गदर्शन में वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो मध्य क्षेत्र जबलपुर, वाईल्ड लाईफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया, कन्जर्वेशन कोर सोसायटी व वन विभाग छत्तीसगढ़ की संयुक्त टीम का गठन किया गया। टीम के द्वारा तुरंत कार्यवाही करते हुए संदिग्ध व्यक्ति की तालाश शुरू कर दी गई। 


कार्यवाही के दौरान जयस्तंभ चौक पर एक संदिग्ध व्यक्ति को देखा गया। जिसके पीठ में नीले काले रंग का बैग टंगा हुआ था। टीम ने जाकर उस संदिग्ध व्यक्ति से पूछताछ की व बैग खोलकर दिखाने के लिए कहा। संदिग्ध व्यक्ति ने बैग खोलकर दिखाया। जिसमें एक प्लास्टिक की थैली में अनुसूची प्रथम के अंतर्गत आने वाला सालखपरी का शल्क पैंगोलिन स्केल्स पाया गया जो कि लगभग 3.50 किलोग्राम था। व्यक्ति को पूछताछ के लिए वन परिक्षेत्र कार्यालय पंडरी रायपुर लाया गया। संदिग्ध व्यक्ति द्वारा वन्य जीव से संबंधित सामग्री को अपने अभिरक्षा में रखने का कोई प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया तथा उसने इसे बेचने के लिए जहां से उसे पकड़ा गया था वहां खरीददार की तलाश में घूमते हुए पाया गया। वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत कार्यवाही करते हुए उसे हिरासत में लिया गया।