नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज।। देश के प्रमुख सरसों और तिलहन उत्पादक राज्यों के चिन्हित जिलो को रेपसीड और सरसों के बीज का किट निशुल्...
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) - तिलहन और तेल पाम योजना के तहत शुरू किया गया है। केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने बताया है कि देश के प्रमुख सरसों उत्पादक राज्यों के लिए सूक्ष्म स्तरीय योजना के बाद इस वर्ष रेपसीड और सरसों के बीज के मिनी किट वितरण को लागू करने की स्वीकृति दी गई है. मंत्रालय ने 15 राज्यों के 343 चिन्हित जिलों में वितरण के लिए 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर से अधिक उत्पादकता वाली किस्मों के 8,20,600 बीज मिनी किट को मंजूरी दी है। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, असम, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा जैसे सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों के विभिन्न जिलों को शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम के लिए 1066.78 लाख रुपए आवंटित किए गए हैं।
श्री तोमर ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुरैना और श्योपुर, गुजरात में बनासकांठा, हरियाणा के हिसार, राजस्थान के भरतपुर और उत्तर प्रदेश के एटा और वाराणसी जिलों को इस वर्ष के दौरान पायलट प्रोजेक्ट के तहत हाइब्रिड बीज मिनी किट के वितरण के लिए चुना गया है। 5 राज्यों के इन 7 जिलों में कुल 1615 क्विंटल बीज से 1,20,000 बीज मिनी किट तैयार कर वितरण किया जाएगा. प्रत्येक जिले को 15 हजार से 20 हजार बीज मिनी किट दी जाएगी। नियमित कार्यक्रम के अलावा, सरसों की तीन टीएल हाइब्रिड उच्च उपज देने वाली किस्मों को बीज मिनी किट वितरण के लिए चुना गया है। चयनित किस्में जेके-6502, चैंपियन और डॉन हैं। सीड मिनी किट कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च उपज क्षमता और अन्य उपयोगी विशेषताओं के साथ नई किस्मों का ध्रुवीकरण करना है।
कृषि सचिव श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि आत्मनिर्भर कृषि के माध्यम से आत्मानिर्भर भारत का निर्माण होगा। इस दिशा में काम करते हुए मंत्रालय द्वारा कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। पहली बार हाईब्रिड बीजों का नि:शुल्क वितरण किया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन संयुक्त सचिव श्रीमती मो. शुभा ठाकुर ने किया।