नई दिल्ली। असल बात न्यूज़।। कई सारे papers leak होने के बाद अब पेंडोरा पेपर्स लीक हुआ है, जिससे पूरे देश में खलबली मची हुई है। केंद्र सरका...
नई दिल्ली।
इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंटरनेशनल जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने 3 अक्टूबर, 2021 को,2.94 टेराबाइट डेटा ट्रोव होने का दावा किया है, जिससे 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों के धनी अभिजात वर्ग के अपतटीय रहस्यों को उजागर होने की खबर है। जांच 14 अपतटीय सेवा प्रदाताओं के गोपनीय रिकॉर्ड के लीक होने पर आधारित है जो कम या बिना कर वाले क्षेत्राधिकार में शेल कंपनियों, ट्रस्टों, फाउंडेशनों और अन्य संस्थाओं को शामिल करने की मांग करने वाले धनी व्यक्तियों और निगमों को पेशेवर सेवाएं देते हैं।
इन घटनाक्रमों पर सरकार ने संज्ञान लिया है। संबंधित जांच एजेंसियां इन मामलों में जांच करेंगी और ऐसे मामलों में कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। इन मामलों में प्रभावी जांच सुनिश्चित करने की दृष्टि से, सरकार प्रासंगिक करदाताओं/संस्थाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए विदेशी क्षेत्राधिकारों के साथ भी सक्रिय रूप से संलग्न होगी। भारत सरकार भी एक अंतर-सरकारी समूह का हिस्सा है जो इस तरह के लीक से जुड़े कर जोखिमों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिए सहयोग और अनुभव साझा करना सुनिश्चित करता है।
उल्लेखनीय है कि आईसीआईजे, एचएसबीसी, पनामा पेपर्स और पैराडाइज पेपर्स के रूप में पहले इसी तरह के लीक के बाद, सरकार ने पहले से ही काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिनियम, 2015 को लागू करने के उद्देश्य से अधिनियमित किया है। ऐसी आय पर उपयुक्त कर और जुर्माना लगाकर काले धन, या अघोषित विदेशी संपत्ति और आय पर अंकुश लगाना। रुपये का अघोषित क्रेडिट। पनामा और पैराडाइज पेपर्स में की गई जांच में लगभग 20,352 करोड़ (15.09.2021 तक की स्थिति) का पता चला है।
मीडिया में अब तक केवल कुछ भारतीयों (कानूनी संस्थाओं के साथ-साथ व्यक्तियों) के नाम सामने आए हैं। यहां तक कि आईसीआईजे की वेबसाइट ( www.icij.org ) ने अभी तक सभी संस्थाओं के नाम और अन्य विवरण जारी नहीं किए हैं। ICIJ की वेबसाइट का सुझाव है कि जानकारी चरणों में जारी की जाएगी और पेंडोरा पेपर्स की जांच से जुड़े संरचित डेटा आने वाले दिनों में इसके ऑफशोर लीक्स डेटाबेस पर जारी किए जाएंगे।
इसके अलावा, सरकार ने आज निर्देश दिया है कि, 'पेंडोरा पेपर्स' के नाम से मीडिया में आने वाले पेंडोरा पेपर्स लीक के मामलों की जांच की निगरानी सीबीडीटी के अध्यक्ष, सीबीडीटी की अध्यक्षता में मल्टी एजेंसी ग्रुप के माध्यम से की जाएगी, जिसमें सीबीडीटी, ईडी आरबीआई और एफआईयू के प्रतिनिधि होंगे।