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समाचार और सूचना की गलत व्याख्या मीडिया के लिए सबसे बड़ी बाधा है"- डॉ गोपी बागची समाचार और सूचना की गलत व्याख्या मीडिया के लिए सबसे बड़ी बाधा है"- डॉ गोपी बागची

                          भिलाई। असल बात न्यूज।। सेंट थॉमस कॉलेज भिलाई के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा  अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार स्मरण ...

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भिलाई।

असल बात न्यूज।।

सेंट थॉमस कॉलेज भिलाई के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा  अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार स्मरण दिवस के उपलक्ष्य में  विषय "पत्रकारिता के वर्तमान परिदृश्य"  पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया


 कॉलेज के प्राचार्य एमजी रॉयमन विभागध्यक्ष डॉ अदिति नामदेव और सह संकाय सदस्य अमिताभ शर्मा और सौम्या द्विवेदी और विभाग के छात्राओं ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी भागीदारी दिखाई |


वेबिनार के प्रमुख वक्ताओं में डॉ गोपा बागची (गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के संस्थापक एचओडी, एसके खंडेलवाल सर और (कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर के एसोसिएट प्रोफेसर) और श्री विभास झा (अग्रसेन कॉलेज रायपुर के प्रमुख) उपस्थित थे। वेबिनार सत्र सबसे पहले श्री विभास झा के शब्दों के साथ शुरू हुआ, जिन्होंने महात्मा गांधी, माधव राव स्पेयर और लाला लाजपत राय जैसे प्रख्यात पत्रकार के योगदान और भूमिका को याद किया और साझा किया और उनके  कई अन्य गहन शोध के मूल्य के बारे में भी बात की और कुछ अंतरराष्ट्रीय लेखक और पत्रकार के उदाहरण के हवाले से विश्लेषण किया । उसके बाद श्री एसके खंडेलवाल ने  वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा  कि संविधान का चौथा स्तंभ अपनी विश्वसनीयता और मूल्यों को कैसे भूलता जा रहा  है  कैसे आज का मीडिया संगठन और मीडियाकर्मी किस तरह से प्रभावित हो चुका है  राजनीतिक एजेंडा या राजनीतिक दलों से  और उन्होंने यह भी कहा कि आज का मीडिया राष्ट्र की गलत छवि निर्माण कर रहा है और राष्ट्र की खराब छवि को विदेशों तक  फैला रहा  है। उन्होंने पाठकों और दर्शकों को तथ्यों की जांच करने  और  माध्यम को बुद्धिमानी से चुनने का भी सुझाव दिया। उन्होंने एंटरटेनमेंट के आधार को न चुनते हुए  सच्ची सूचना के आधार को चुनने का सुझाव दिया  । तत्पश्चात् विशेष मुख्य अतिथि डॉ. गोपा बागची ने सत्र को संबोधित करते हुए पत्रकारिता के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला कि स्वतंत्रता और संचार क्रांति के बाद पत्रकारिता  कैसे बदली  हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित किया कि कुछ अनुशासन या आचार संहिता और द्वारपालन के पहलुओं के कारण प्रिंट मीडिया अधिक प्रासंगिक कैसे है, साथ ही उन्होंने यह भी चिंता व्यक्त की, कि समाचार और सूचना की गलत व्याख्या मीडिया के लिए सबसे बड़ी बाधा है। 


उन्होंने कहा कि वाट्सएप और सोशल मीडिया    किसी  भी  जानकारी को तोड़ मोड़ कर   गलत ढंग से पेश करता है और प्रकाशित करता है । उन्होंने यह भी कहा कि आज की पत्रकारिता  में शोध की भारी कमी देखने को मिलती है और  यह एक  बड़ी समस्या है, आज का मीडिया चैनल  सिर्फ टीआरपी के लिए काम कर रहा है। वो वही समाचार प्रसारित करते है  जो जनता के लिए प्रासंगिक नहीं है और अंत में उन्होंने अपनी बात को खत्म  करते हुऐ कहा  कि कैसे मीडिया जनता के बीच अपनी जवाबदेही खोता जा रहा है । यह आने वाले समय के लिए एक बड़ी चुनौती है।

कार्यक्रम को तकनीकी रूप से सफल बनाने में विभाग के छात्र आकाश वर्मा ने अपना योगदान दिया |