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मुसीबत लेकर आई बारिश

00 किसान धान बेचने की तैयारी में है। वे कतई नहीं चाहेंगे कि  इस समय कहीं भी बारिश हो। आज तड़के से अचानक शुरू हुई बारिश ने किसानों की चिंताएं...

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00 किसान धान बेचने की तैयारी में है। वे कतई नहीं चाहेंगे कि  इस समय कहीं भी बारिश हो। आज तड़के से अचानक शुरू हुई बारिश ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस बारिश से धान को नुकसान होने की आशंका है।

00 अचानक आई आपदा से राज्य सरकार की भी चिंता बढ़ेगी

00  धान खरीदी शुरू  होने में है अभी दस दिन की देर

00 नुकसान से बचाने किसान कर रहे हैं ने भगवान से प्रार्थना
00 नवंबर महीने के शुरुआत से धान की कटाई हुई है तेज
00 छोटे और मझोले ज्यादातर किसानों के घर  के आंगन में खुले में रखा जाता है धान

रायपुर, दुर्ग।
असल बात न्यूज।।

    00 विशेष संवाददाता

छत्तीसगढ़ राज्य के ज्यादातर स्थानों पर आज तड़के से शुरू हुई लगातार बारिश किसानों के लिए मुसीबत की तरह आ गई है। धान की फसल यहां 60% से अधिक कट गई है, और  न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचने की आस में किसानों ने इसे अभी खुली मंडियों में पहुंचाना,बेचना नहीं शुरू किया है। ऐसे में ज्यादातर इलाकों में धान खुले में ही पड़ा हुए हैं। लगातार बारिश से उसके भीगने और किसानों को बड़ा नुकसान होने की आशंका पैदा हो गई हैं।

इसी बात की आशंका थी, इसी बात का डर था कि धान की खरीद में देर होने पर, देर से खरीद शुरू होने से,किसी भी तरह की आपदा आ जाने पर धान को नुकसान हो सकता है, धान की खड़ी फसल बर्बाद हो सकती है। भीगने से, नमी बने रहने से धान को समुचित मूल्य नहीं मिलने की परेशानी खड़ी हो सकती है। असमय बारिश से जुझने का खतरा किसानों को बार-बार उठाना पड़ा है और इसकी आशंका इस साल भी बनी हुई थी। और आज अचानक असमय बारिश शुरू हो गई। यह बारिश छत्तीसगढ़ के ज्यादातर स्थानों पर होने की खबर है। ऐसे में धान के भीगने, उसके अंकुरित हो जाने, खराब होने की आशंका पैदा हो गई है।

अभी टमाटर, बरबटी, शिमला मिर्च, गोभी, गवार फली लगाने वाले सब्जी उत्पादक किसानों को अपनी उपज का भारी मूल्य मिल रहा है जिससे किसानों को भारी फायदा मिल रहा है और उनमें  अच्छी खुशी है। धान की फसल भी लगभग कट गई है और किसान इस को बेचने की तैयारी में हैं। इस साल लगभग चारों तरफ धान की फसल काफी अच्छी हुई है। बंपर उत्पादन हुआ है और किसानों को इससे भी अच्छी खासी कमाई होने की उम्मीद है। फायदा होने की आस जगी है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने से अधिक फायदा मिल जाता है क्योंकि  इस पर राज्य सरकार के द्वारा अतिरिक्त बोनस दिया जा रहा है। ऐसे में किसान अपना धान किसी भी हालत में खुले बाजार में बेचने केकई छुप नजर नहीं आए हैं। 1 शब्दों में धान की मंडी आज जरूर सज रहे हैं लेकिन धान की आवक वहां भी कम बताई जा रही है।
राज्य में धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर  एक दिसंबर से खरीद शुरू होने वाली है । धान की फसल इसके पहले से कट गई है और आज अचानक होने लगी बारिश ने किसानों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है। राज्य बारदाने  की कमी के संकट से भी जूझ रहा है। सरकार के द्वारा कहा गया है कि किसानों के बरदाने में भी धान खरीद लिया जाएगा। किसानों को महंगे दर पर बारदाना खरीदना पड़ रहा है। ऐसी कठिन विषम परिस्थितियों में यह बारिश और मुसीबत लेकर आ गई है। किसान अपने धान की देखभाल और सुरक्षा के लिए परेशान हैं तो अब उन्हें धान को भीगने से बचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ रही है और साधन नहीं होने की वजह से धान को भीगने से बचाना बहुत कठिन भी हो गया है। किसानों ने बताया है कि कई क्षेत्र में धान की कटाई हो गई है। जिन किसानों ने फसल को काट लिया है उन्हें धान काटकर अपने घर ले आना पड़ा है अथवा किसी गोदाम में रखना पड़ा है और उसकी देखरेख करनी पड़ रही है। ज्यादातर किसानों के धान खुले में उनके घर के आंगन में पड़े हैं। वहीं कई किसानों ने खेतों में मिंजाई कर फसल को वही छोड़ दिया है। खेतों में भी फसल के भीतर खराब होने का खतरा बना हुआ है। भीगे हुए धान की तो मंडी में खरीद होगी नहीं। यह भी किसानों की चिंता का कारण बन गया है।
 तड़के से शुरू हुई बारिश ज्यादातर क्षेत्रों में सुबह 10:00 बजे तक भी जारी है। मौसम विभाग के सूत्र के अनुसार यह बारिश चक्रवाती प्रभाव की वजह से हो रही है। ऐसे में या वारिस रिमझिम ना होकर तेज हो रही है। बूंदे बड़ी-बड़ी गिर रही हैं, जिससे नुकसान का खतरा और बढ़ गया है।










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