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छत्तीसगढ़ के दूरस्थ, पहुंचविहीन गांवो में शुरू होगी 4G मोबाइल सेवाएं

  केंद्रीय कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के पांच राज्यों में दूरस्थ सुदूर गांवों में मोबाइल सेवाओं के प्रा...

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केंद्रीय कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के पांच राज्यों में दूरस्थ सुदूर गांवों में मोबाइल सेवाओं के प्रावधान के लिए यूएसओएफ योजना को मंजूरी दी

लगभग 6, हजार 466 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 4जी  मोबाइल सेवाएं  उपलब्ध कराने पांच राज्यों के 44  जिलों के 7,287 गांवों को चिन्हित किया गया

नई दिल्ली, छत्तीसगढ़।
असल बात न्यूज।।
छत्तीसगढ़ राज्य  के पहुंचविहीन सुदूर गांवो में अब 4G मोबाइल की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज इसकी मंजूरी दे दी है। प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में  आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के पांच राज्यों के विभिन्न  जिलों के अनकवर्ड गांवों में मोबाइल सेवाओं के प्रावधान के लिए अपनी मंजूरी दे दी है।

इस परियोजना में आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के पांच राज्यों के 44 आकांक्षी जिलों के 7,287 गांवों में 4जी आधारित मोबाइल सेवाएं प्रदान करने की परिकल्पना की गई है, जिसके कार्यान्वयन की अनुमानित लागत लगभग 6,466 करोड़ रुपये है, जिसमें 5 वर्षों के लिए परिचालन खर्च भी शामिल है। इस परियोजना को यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (USOF) द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। यह परियोजना समझौते पर हस्ताक्षर के 18 महीने के भीतर पूरी हो जाएगी और इसके 23 नवंबर तक पूरा होने की संभावना है।

पहचान न किए गए गांवों में 4जी मोबाइल सेवाओं के प्रावधान से संबंधित कार्य मौजूदा यूएसओएफ प्रक्रियाओं के अनुसार खुली प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से प्रदान किया जाएगा।

आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र और ओडिशा के पांच राज्यों के जिलों के दूरस्थ और कठिन अछूते क्षेत्रों में मोबाइल सेवाओं के प्रावधान से माना जा रहा है कि  आत्मनिर्भरता, सीखने की सुविधा, सूचना और ज्ञान के प्रसार के लिए उपयोगी डिजिटल कनेक्टिविटी में बढ़ोतरी होगी। कौशल उन्नयन और विकास, आपदा प्रबंधन, ई-गवर्नेंस पहल, उद्यमों और ई-कॉमर्स सुविधाओं की स्थापना, ज्ञान साझा करने और नौकरी के अवसर की उपलब्धता के लिए शैक्षिक संस्थानों को पर्याप्त समर्थन का प्रावधान और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और पूरा करने के लिए डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण को पूरा करने और आत्म निर्भर  भारत आदि के उद्देश्यो  को पूरा करने के लिए सही है योजना बनाई गई है।