दुर्ग। असल बात न्यूज़।। प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों के संचालक मंडल के चुनाव पर आज रोक लगा दी गई है। इस चुनाव के संबंध में दायर मा...
दुर्ग।
असल बात न्यूज़।।
प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों के संचालक मंडल के चुनाव पर आज रोक लगा दी गई है। इस चुनाव के संबंध में दायर मामले पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा व्यवस्था दी गई है कि प्रकरण पर अगली सुनवाई की तारीख 13 दिसंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में की जाएगी। इसके बाद राज्य सहकारी निर्वाचन आयोग रायपुर के द्वारा इस चुनाव को फिलहाल स्थगित करने संबंध में आज आदेश जारी कर दिया गया है। इसके साथ दुर्ग जिले की 38 प्राथमिक सहकारी साख समितियों के साथ प्रदेश में होने जा रहा है सभी सहकारी समितियों का चुनाव म फिलहाल स्थगित हो गया है। उच्च न्यायालय में इस मामले में अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होगी।
यहां यह चुनाव दो चरणों में होने जा रहा था । इसके प्रथम चरण के चुनाव के लिए 4 दिसंबर और दूसरे चरण के चुनाव के लिए 6 दिसंबर को मतदान होने वाला था। इसमें सभी स्थानों पर नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और अभ्यर्थियों को चुनाव चिन्ह भी आवंटित कर दिया गया है।इस चुनाव को लेकर ग्रामीण इलाकों में भारी जोर आजमाइश का दौर शुरू हो गया था और चुनाव लड़ने के लिए अभ्यर्थियों के द्वारा व्यापक तैयारियां शुरू कर दी गई थी। वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक ए सिंह ने हमें जानकारी देते हुए बताया है कि बताया गया है कि निर्वाचन से संबंधित जो प्रक्रिया पूरी कर ली गई है वह यथावत रहेगी। इसमें कोई फेरबदल नहीं होगा। जो नामांकन दाखिल कर दिया गया है और जो चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया गया है वह यथावत रहेगा। अगली चुनाव तारीख घोषित होने पर इसी के अनुसार से चुनाव कराए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि दुर्ग जिले में नामांकन प्रक्रिया भरने के दौरान ही कई लोग निर्विरोध घोषित हो चुके हैं। इनके खिलाफ दूसरा कोई अभ्यर्थी चुनाव मैदान में नहीं होने की वजह से उन्हें निर्विरोध घोषित किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दुर्ग जिले में चार प्राथमिक सोसायतियों में निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति है। इसमें प्रथम चरण में होने वाले तीन सोसाइटियो में ऐसी स्थिति है जिसमें कोड़िया दुर्ग, करंजा भिलाई और कोलिहापुरी शामिल है। वही दूसरे चक्र में नंदौरी प्राथमिक सोसाइटी में चुनाव होने वाला था जहां भी 11 सदस्यों ने ही नामांकन दाखिल किया है और यहां भी निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति है। हालांकि इनके निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा अगले चुनाव कार्यक्रम के अनुसार की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि यह महत्वपूर्ण चुनाव राजनीतिक दलों के लिए काफी प्रतिष्ठा पूर्ण है। सहकारी समितियों का यह चुनाव पूरी तरह से किसानों का चुनाव है और इस समय राज्य में खेती-किसानी की गतिविधियां काफी अधिक बढ़ गई हैं। किसान अभी अपना धान बेचने की तैयारी कर रहे हैं। वही लगभग 7 महीने बाद पूरे राज्य में सभी सोसाइटी में भी चुनाव होने वाले हैं। इसमें किसान चुनाव लड़ेंगे और वे ही वोट करेंगे और राजनीतिक दलों को मालूम है कि यहां के सभी चुनाव में किसानों की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इसके चलते राजनीतिक दलों के द्वारा सोसाइटियो में अपने प्रतिनिधियों की जीत के लिए अब तक कड़ी मेहनत की जा रही थी और चुनाव के प्रत्येक कार्यक्रम पर बारीक नजर रखी जा रही थी।
दुर्ग जिले में अभी दो महत्वपूर्ण चुनाव होने हैं। एक चुनाव तो प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों के सदस्यों प्रतिनिधियों को होने जा रहा था दूसरा चुनाव स्थानीय निकाय का चुनाव होगा जोकि नगर निगम भिलाई, नगर निगम रिसाली, नगर निगम भिलाई 3 चरोदा, और नगर पालिका जामुल में होना है जिसकी और सभी की नजर लगी हुई है और अभी प्राथमिक सहकारी समितियों का चुनाव फिलहाल आगे बढ़ गया है।
अभी प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों का चुनाव सिर्फ उन सोसाइटी में होने जा रहा था जो कि नई बनी है। दुर्ग जिले के पाटन विकासखंड में पहले अठाईस सोसायटी थी। बाद में 6 नई सोसाइटी बनाई गई है । अभी इन्हीं छह नई सोसाइटी में चुनाव होने जा रहा था। इसमें फेकारी, गाड़ाडीह, सोनपुर, पाटन, सांकरा, घुघुआ, सावनी और झींट सोसाइटी शामिल है। पूरे दुर्ग जिले में प्रथम चरण में - कोड़िया (दुर्ग), कोलिहापुरी, करंजा भिलाई, मचांदुर, भेड़सर, डोड़की, घोटवानी, रौंदा, रहटादाह, बरहापुर, खिलोराकला, पाहरा, मुरमुंदा, बिरेझर, बोरीगारका, पंदर, डंगनिया, घुघवा, सावनी और दूसरे चरण में आलबरस, नवागांव, राजपुर, माटरा, नंदौरी, फेकारी, गाड़ाडीह, सोनपुर जमराव, रिसामा, चंदखुरी, पाटन, सांकरा, झींट, टेमरी, पेन्ड्रावन, लिटिया, कन्हारपुरी, देवरी सोसाइटी के सदस्यों का चुनाव होने जा रहा था।
हम सबको मालूम है कि अभी राजनीतिक तौर पर दुर्ग जिले का महत्व कितना अधिक बढ़ गया है। यह चुनाव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के प्रतिनिधियों किसी को भी प्रभावित करने वाला साबित हो सकता है। बताया जाता कि आने वाले जुलाई महीने तक दुर्ग जिले में सभी सोसाइटियो के चुनाव कराए जा सकते हैं। तब अभी जो सदस्य सोसाइटी में निर्वाचित होंगे उनकी काफी महत्वपूर्ण रहेगी।
ग्रामीण स्तर के इस चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दोनों मुख्य राजनीतिक दलों के द्वारा जीत हासिल करने के लिए जमकर तैयारियां की जा रही थी। दोनों पार्टियों के द्वारा एक, एक सदस्य को टटोला जा रहा था। अपनी अपनी पार्टी के सदस्यों को पार्टी के समर्थित उम्मीदवारों को ही वोट देने को कहा जा रहा था।
सहकारी समितियों के चुनाव संचालन के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों के द्वारा चुनाव संचालकों की घोषणा कर दी गई थी। कांग्रेस की अंदरूनी तैयारियां काफी पहले से चल रही है। कांग्रेस के लिए यह चुनाव कई वजहों से और अधिक महत्वपूर्ण बना हुआ है।
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