Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


झीरम घाटी जांच.... झीरम घाटी जांच में नया मोड़, राज्य शासन ने इस मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग में दो नए सदस्यों की नियुक्ति की

  0 0  बहुत दुखद घटना झीरम घाटी कांड में अब होंगे और नए खुलासे, 0  कई नए मुद्दों पर होगी नए सिरे से जांच 0 जांच आयोग में दो और नए सदस्यों की...

Also Read

 0 0 बहुत दुखद घटना झीरम घाटी कांड में अब होंगे और नए खुलासे,

0  कई नए मुद्दों पर होगी नए सिरे से जांच

0 जांच आयोग में दो और नए सदस्यों की नियुक्तियां 

0 राज्य सरकार का बड़ा निर्णय 

0 नए बिंदुओ पर आयोग के द्वारा 6 महीने के भीतर सौंपी जाएगी रिपोर्ट

 रायपुर ।

 असल बात न्यूज।।

राज्य सरकार ने झीरम घाटी कांड की जांच कर रहे न्यायिक आयोग में आज दो अन्य सदस्यों की नियुक्तियां की हैं। इस तरह से लग रहा है कि इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है। उल्लेखनीय है कि न्यायिक आयोग के द्वारा अपने जांच की रिपोर्ट राज्य के राज्यपाल को सौंप दी गई है, जिस पर प्रदेश की कांग्रेस पार्टी में गहरा असंतोष व्यक्त करते हुए तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है तथा इसे निर्धारित मापदंडों के विपरीत बताया है। राज्य सरकार के द्वारा ऐसी परिस्थितियों, विरोध आरोप-प्रत्यारोप के बीच में इस न्याय आयोग में आज दो अन्य सदस्यों की नियुक्तियां कर दी गई है।

इन दो नई नियुक्तियों के साथ आयोग के द्वारा तीन नए बिंदु पर नए सिरे से जांच की जाएगी। इस आयोग ने लगभग 8 साल के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी है। आयोग के द्वारा अपनी रिपोर्ट और राज्यपाल को सौंपी जाने के बाद प्रदेश कांग्रेश ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि जब आयोग का गठन किया गया था तब इसका कार्यकाल 3 महीने का था तीन महीने के लिए गठित आयोग को जांच में 8 साल कैसे लग गया ? आयोग ने हाल ही में यह कहते हुए सरकार से कार्यकाल बढाने की मांग की थी कि जांच रिपोर्ट रिपोर्ट तैयार नही है इसमें समय लगेगा ।जब रिपोर्ट तैयार नही थी आयोग इसके लिए समय मांग रहा था फिर अचानक रिपोर्ट कैसे जमा हो गयी ?यह भी शोध का विषय है।

इस न्यायिक आयोग में दो अन्य सदस्यों की नई नियुक्ति के संबंध में राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा आदेश जारी किया गया है। इस आदेश में कहा गया है कि इस न्यायिक जांच आयोग के अध्यक्ष प्रशांत कुमार मिश्रा स्थानांतरित होकर आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण चुके हैं। राज्य सरकार के द्वारा इसलिए इस न्यायिक जांच का यग में दो नवीन  सदस्यों की नियुक्तियां की गई है। नवीन सदस्यों की नियुक्तियों का यह आदेश आज जारी किया गया है। इन नियुक्तियों के बाद उक्त न्यायिक जांच आयोग की टीम 3 नए  बिंदु पर जांच करेगी। ये बिंदु है कि क्या घटना के बाद पीड़ितों को समुचित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई गई थी ? ऐसी घटनाओं की पुनरावृति को रोकने के लिए क्या समुचित कदम उठाए गए थे ? अन्य बिंदु माननीय न्यायिक आयोग और राज्य शासन के द्वारा पारिस्थितिक स्थितियों को देखते हुए तय किए जाएंगे।

राज्य शासन के द्वारा इस तरह से जांच आयोग अधिनियम 1952, 1960 की धारा 3 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए लोक महत्व के इस विशेष प्रकरण की विशेष जांच करने हेतु दो नवीन सदस्यों की नियुक्तियां की गई हैं।इस न्यायिक जांच आयोग के माननीय न्यायमूर्ति सतीश चंद्र के अग्निहोत्री अध्यक्ष होंगे। वहीं बिलासपुर उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति जी मिनहाजुद्दीन इसके सदस्य होंगे। यह जांच आयोग आगामी छह महीनों के भीतर अपनी जांच पूरी कर लेगा तथा उसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा।

उल्लेखनीय है कि न्यायिक जांच आयोग के द्वारा अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपे जाने के बाद इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी कि राज्य सरकार ke dwara इस मामले की जांच के लिए नए सिरे से न्यायिक जांच आयोग की नियुक्तियां कर सकती है।