Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


गोधन न्याय मिशन‘ के संचालन के लिए 50 लाख रूपए की राशि जारी

   *छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना का संचालन मिशन मोड में *गोबर संग्राहकों को अधिकतम लाभ पहुंचाने और योजना के व्यवसायिक और वैज्ञानिक क्रियान्...

Also Read

  

*छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना का संचालन मिशन मोड में

*गोबर संग्राहकों को अधिकतम लाभ पहुंचाने और योजना के व्यवसायिक और वैज्ञानिक क्रियान्वयन हेतु गठित किया गया है ’गोधन न्याय मिशन‘

*वैज्ञानिकों और प्रबंधन-विपणन में विशेषज्ञता रखने वाली संस्थाओं की ली जाएंगी सेवाएं


रायपुर ।

असल बात न्यूज़।।

छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना को मिशन मोड पर संचालन किया जाएगा। इसके लिए राज्य शासन द्वारा ‘गोधन न्याय मिशन‘ का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण कार्यक्रम में ‘गोधन न्याय मिशन‘ के सुचारू संचालन के लिए 50 लाख रूपए की राशि जारी की। 

इस अवसर पर गोधन न्याय मिशन के अध्यक्ष कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार और गोधन न्याय मिशन के उपाध्यक्ष श्री प्रदीप शर्मा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू और जनसम्पर्क आयुक्त श्री दीपांशु काबरा सहित सम्बंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

कृषि विभाग के विशेष सचिव और गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. एस. भारतीदासन ने गोधन न्याय मिशन पर प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर संग्राहकों को योजना का अधिकतम लाभ पहुंचाने एवं गोबर के लाभदायी उपयोग सुनिश्चित करने के लिए योजना के व्यवसायिक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से क्रियान्वयन के उद्देश्य से गोधन न्याय मिशन का गठन किया गया है। इस मिशन के संचालन में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछली पालन, नगरीय प्रशासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग की भागीदारी होगी। गोधन न्याय योजना को मिशन मोड में संचालित करने के लिए वैज्ञानिकों, प्रबंधन एवं विपणन विशेषज्ञता रखने वाली संस्थाओं, एनजीओ, कम्पनियों के कन्सलटेंट आदि की सेवाएं ली जाएंगी।

 गोधन न्याय मिशन के माध्यम से वर्मी खाद एवं अन्य जैविक उर्वरक के विक्रय, गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करने के लिए कार्ययोजना तैयार कर उसका क्रियान्वयन किया जाएगा। साथ ही गौठानों में स्व-सहायता समूह द्वारा तैयार उत्पादों की ग्रेडिंग और मानकीकरण की व्यवस्था भी की जाएगी। मिशन के माध्यम से गौठान में छोटी-छोटी उत्पादन इकाईयां स्थापित करने, उन्हें बैंक लिंकेज उपलब्ध कराने, स्व-सहायता समूह के सदस्यों के प्रशिक्षण और उनके कौशल विकास करने में सहायता दी जाएगी तथा गौठानों में तैयार किए जाने वाले उत्पादों के भण्डारण, पैकेजिंग और विपणन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। 

ज्ञातव्य है कि राज्य में पशुपालन और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2020 से गोधन न्याय योजना का संचालन किया जा रहा है। इसके तहत पशुपालकों एवं किसानों से दो रूपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जाती है। इस गोबर से महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा सुराजी गांव योजना के तहत स्थापित गौठानों में जैविक खाद का निर्माण किया जा रहा है। क्रय किए गए गोबर से कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट के अतिरिक्त विद्युत उत्पादन तथा अन्य अनेक प्रकार की वस्तुओं का निर्माण किया जा रहा है।