जैविक खेती के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है नई दिल्ली, छत्तीसगढ़। असल बात न्यूज़।। देश में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने तथा किसा...
जैविक खेती के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है
जैविक खाद्य पदार्थ सुरक्षित, स्वस्थ और रासायनिक और कीटनाशकों से मुक्त होते हैं। युवा पीढ़ी सहित उपभोक्ताओं में जैविक खाद्य के बारे में जागरूकता बढ़ने के कारण शहरों में जैविक उत्पादों, विशेष रूप से फलों और सब्जियों की मांग में बदलाव आया है।
भारत सरकार (जीओआई) 2015 से परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) और मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट इन नॉर्थ ईस्ट रीजन (एमओवीसीडीएनईआर) की समर्पित योजनाओं के माध्यम से देश में जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। किसानों को 31हजार रुपये की वित्तीय सहायता / हेक्टेयर / 3 वर्ष PKVY में और 32500 / हेक्टेयर / 3 वर्ष MOVCDNER के तहत) जैविक आदानों जैसे बीज, जैव / जैविक उर्वरक, जैव-कीटनाशक, वानस्पतिक अर्क आदि के लिए प्रदान की जाती है।उनके जैविक उत्पादों का मूल्यवर्धन और विपणन, क्षमता निर्माण यानी किसानों के प्रशिक्षण, प्रमाणन के लिए भी सहायता प्रदान की जाती है। । इसके अलावा, गंगा नदी के दोनों ओर जैविक खेती, बड़े क्षेत्र प्रमाणन और व्यक्तिगत किसानों के लिए समर्थन भी पीकेवीवाई के तहत शुरू किया गया है। सरकार ने एक समर्पित वेब पोर्टल- www.Jaivikkheti.in/ भी लॉन्च किया है जिससे देश भर के उपभोक्ताओं को जैविक उत्पादों की सीधी बिक्री के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसके अलावा जैविक खेती को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई), मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (एमआईडीएच) और नेशनल प्रोजेक्ट ऑन ऑर्गेनिक फार्मिंग (एनपीओएफ), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत ऑर्गेनिक फार्मिंग पर नेटवर्क प्रोजेक्ट के तहत भी समर्थन दिया जाता है।
यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।