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राज्य में पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों से नही लिया जाता किसी भी तरह का शुल्क

    9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों से शाला की विभिन्न गतिविधियों के संचालन के लिए ली जाती है सहयोग राशि रायपुर । असल बात न्यूज़।। छत्तीसग...

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 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों से शाला की विभिन्न गतिविधियों के संचालन के लिए ली जाती है सहयोग राशि

रायपुर ।

असल बात न्यूज़।।

छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शाला में अध्ययनरत कक्षा पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम अंतर्गत निःशुल्क शिक्षा का प्रावधान लागू होने के कारण किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता है। 

शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार केवल शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों से विभिन्न मद में शासन द्वारा निर्धारित राशि स्कूलों में विभिन्न गतिविधियों के संचालन के लिए ली जाती है। यह फीस अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ली जा रही है, जो स्कूल संचालन की गतिविधियों में सहयोगात्मक सहयोग के रूप में है। कक्षा 9वीं से 12वीं तक के बच्चों से शैक्षणिक शुल्क नहीं लिया जाता है, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल शासन की विशेष योजना के तहत प्रारंभ किए गए हैं। जिससे इनमें फीस की छूट विशेष तौर पर प्रदाय की गई है। 

विद्यार्थियों के हित के मद्देनजर गर्मी की छुट्टी में कटौती,कोरोना के चलते छात्रों के लर्निंग लॉस की हो सकेगी पूर्ति    

शिक्षा विभाग द्वारा गर्मी की छुट्टी में कटौती किए जाने का फैसला छात्रों के हित में है। विभाग के इस निर्णय से पालक और छात्र खुश हैं। 

शिक्षा विभाग ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण काफी लम्बे समय से स्कूलों की पढ़ाई अव्यवस्थित रही है, जिसके कारण छात्रों के अधिगम की हानि (लर्निंग लास) हुआ है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए छात्रहित के अनुरूप गर्मियों की छुट्टियों को कम किया गया है, जिससे सामान्य तौर पर पालक और बच्चे प्रसन्न है। इस दौरान शिक्षक अधिगम की हानि (लर्निंग लास) को ध्यान में रखते हुए बच्चों को अध्यापन करायेंगे, जिससे उनका स्तर समरूप हो पायेगा, ताकि वे अगली कक्षा में पूरे उत्साह एवं उमंग के साथ भाग ले सकेंगे। इस दौरान छात्रों की उपस्थिति शत् प्रतिशत करने की कोशिश की जायेगी, परन्तु अनिवार्य नहीं किया जायेगा। स्कूलों की समय सारिणी को मौसम के अनुरूप तैयार किया जायेगा, जिससे अनावश्यक परेशानी नहीं होगी। यह निर्णय छात्रहित को ध्यान में रखकर लिया गया है।