Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


स्वरूपानंद महाविद्यालय में अतिथि व्याख्यान का आयोजन

  भिलाई। असल बात न्यूज़।। स्वरूपानंद महाविद्यालय में 25 फरवरी को शिक्षा मनोविज्ञान विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। अतिथि वक्ता के...

Also Read

 भिलाई।

असल बात न्यूज़।।

स्वरूपानंद महाविद्यालय में 25 फरवरी को शिक्षा मनोविज्ञान विषय पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। अतिथि वक्ता के रूप में शासकीय कमला देवी महाविद्यालय राजनांदगांव से डॉ. बसंत सोनबेर, विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की संयोजिका डॉ पूनम शुक्ला ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा मनोविज्ञान का मुख्य उद्देश्य मानव व्यवहार के संबंध में सामान्य नियमों का पता लगाना,  उन्हें समझना, नियंत्रित करना एवं भविष्यवाणी करना,  स्वयं की योग्यता को पहचानना, अतिथि व्याख्यान से  विद्यार्थियों को मनोविज्ञान विषय का व्यवहारिक ज्ञान होगा। 

कार्यक्रम का प्रारंभ डॉ. बसंत सोनबेर द्वारा मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। बी.एड. विद्यार्थी दीप शिखा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

डॉ. बसंत सोनबर ने अपना व्याख्यान प्रारंभ करते ही महाविद्यालय में मनोविज्ञान विषय प्रारंभ होने पर बधाई दी। शिक्षा जगत में आने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी और कहां जो सम्मान शिक्षा जगत में मिलता है वह सम्मान कहीं और नहीं मिलता। शिक्षक का स्थान हमेशा ऊंचा रहता है क्योंकि शिक्षक ज्ञान देता है। उन्होंने प्रायोगिक कार्य एवं शोध प्रबंध विषय पर  महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। किस तरीके से विद्यार्थियों को प्रायोगिक कार्य कराया जाए सरलता से समझाया और लद्यु शोध प्रबंध में जब फील्ड वर्क करते हैं तो उसकी प्रक्रिया क्या होनी चाहिये  इसके लिए भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। किसी भी क्षेत्र में स्थापित ज्ञान में यदि किसी प्रकार का अधूरापन दिखाई देता है। तब हमें उस ज्ञान की पुनः खोज की आवश्यकता होती है। ज्ञान के प्रवाह को स्पष्ट करने के लिए खोज करते है। किसी ज्ञान को पुनः जांचने के लिए अनुसंधान करते हैं । विद्यार्थी  डेनिस ने सर द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर दिए। हम शोध कार्य का शुरुआत कहां से करते हैं। इस पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। परिकल्पना का निर्माण किस प्रकार करते हैं। परिकल्पना निर्माण का आधार क्या होता है। इस प्रश्न के उत्तर   में डॉ. सोनबेर ने कहा परिकल्पना रिव्यू पर आधारित होती है । साथ ही हाइपोथेसिस के प्रकारों पर भी चर्चा हुई और मनोविज्ञान में टेस्ट और प्रयोग पर भी जानकारी मिली दी गयी। उन्होंने कहा मनोविज्ञान विषय की शिक्षा स्कूल के समय से ही प्रारंभ की जानी चाहिए। 

महाविद्यालय के सीओओ डॉ दीपक शर्मा ने कहा इस तरह के अतिथि व्याख्यान के द्वारा विद्यार्थी मनोविज्ञान विषय को पढ़ने से क्या फायदा होता है तथा व्यवहार में किस प्रकार परिवर्तन आता है। इसकी जानकारी प्राप्त होती है। अतः मनोविज्ञान सभी विद्यार्थियों को पढ़ना चाहिए।

प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला ने कहा यह व्याख्यान विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण एवं प्रेरणादायक है। मनोविज्ञान के अध्ययन से हम दूसरों के मन के भाव को आसानी से समझ सकते है तथा अपने व्यवहार में परिवर्तन लाने में सरलता होती है।

उप प्राचार्य डॉक्टर अज़रा हुसैन ने कहा मनोविज्ञान विषय पर अतिथि व्याख्यान बीएड, बीए के विद्यार्थियों के लिए बहुत ही ज्ञानवर्धक रहा। इस व्याख्यान द्वारा विद्यार्थियों के व्यवहार में परिवर्तन लाना संभव है।

अतिथि व्याख्यान में समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

मंच संचालन बी.एड विद्यार्थी रोमीका मनकर द्वारा किया गया ।