नई दिल्ली। असल बात न्यूज़।। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर में मध्यम दूरी की सतह से...
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (MRSAM) के भारतीय सेना संस्करण के दो सफल उड़ान परीक्षण किया है। उड़ान परीक्षण हाई-स्पीड हवाई लक्ष्यों के खिलाफ लाइव फायरिंग ट्रायल के हिस्से के रूप में बाहर किए गए।दोनो मिसाइलों ने सीमाओं पर सीधे हिट दर्ज करते हुए हवाई लक्ष्यों को रोक दिया और उन्हें पूरी तरह से नष्ट कर दिया। इसमें पहला प्रक्षेपण एक मध्यम ऊंचाई लंबी दूरी के लक्ष्य को रोकना था और दूसरा प्रक्षेपण कम ऊंचाई वाली छोटी दूरी के लक्ष्य की क्षमता को साबित करने के लिए था।दोनों सफल परीक्षणों ने महत्वपूर्ण सीमाओं पर लक्ष्य को भेदने में हथियार प्रणाली की क्षमता को स्थापित किया।
यह एमआरएसएएम संस्करण भारतीय सेना द्वारा उपयोग के लिए डीआरडीओ और इज़राइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई), इज़राइल द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। MRSAM आर्मी वेपन सिस्टम में मल्टी-फंक्शन रडार, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम और अन्य वाहन शामिल हैं। उड़ान परीक्षण सुपुर्दगी योग्य विन्यास में हथियार प्रणाली के साथ किए गए थे। हथियार प्रणाली के प्रदर्शन को आईटीआर, चांदीपुर द्वारा तैनात रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलीमेट्री जैसे रेंज उपकरणों द्वारा कैप्चर किए गए उड़ान डेटा के माध्यम से मान्य किया गया था। उड़ान परीक्षण DRDO और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने एमआरएसएएम के सेना संस्करण के सफल उड़ान परीक्षण में शामिल टीमों की सराहना की और कहा कि ये परीक्षण 'आत्मनिर्भर भारत' के लिए प्रमुख मील के पत्थर हैं।