ऑनलाइन एग्जाम में भी एक प्रश्न पत्र अपलोड करने के बाद दूसरे प्रश्न पत्र के लिए कुछ गैप देना चाहिए रायपुर, दुर्ग। असल बात न्यूज़।। 00 वि...
ऑनलाइन एग्जाम में भी एक प्रश्न पत्र अपलोड करने के बाद दूसरे प्रश्न पत्र के लिए कुछ गैप देना चाहिए
रायपुर, दुर्ग।
असल बात न्यूज़।।
00 विशेष प्रतिनिधि
महाविद्यालयों तथा स्कूलों में आयोजित हो रही ऑनलाइन परीक्षा की कमियां धीरे-धीरे दूर की जा रही । चालू शैक्षणिक सत्र में ऑनलाइन परीक्षा की कमियों को जिस तरह से दूर किया गया है उससे कई तरह की शिकायतें दूर हुई है। ऐसे ही अत्याधुनिक सुधार होते रहे तो माना जा रहा है कि शैक्षणिक जगत में ऑनलाइन परीक्षा को धीरे-धीरे पूरी तरह से अपनाया जा सकता है। ऑनलाइन परीक्षा के कई फायदे गिना जा सकते हैं। इसकी वजह से बुद्धिजीवी वर्ग के लोग अब ऑनलाइन परीक्षा को प्रोत्साहित करने के पक्ष में दिख रहे हैं।
दुनिया और देश में कोरोना का संकट आया तो महाविद्यालय, स्कूलों में ऑनलाइन परीक्षा के प्रयोग की शुरुआत हुई है। हालांकि ऑनलाइन परीक्षा का प्रयोग एक वैश्विक महामारी के फैलने की वजह से सामने आया है लेकिन इसके जो कई फायदे हैं उससे लग रहा है कि इस सिस्टम को शैक्षणिक संस्थानों के द्वारा लगातार अपनाने की वकालत की जा सकती है। ऑनलाइन परीक्षा का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे एक ही समय मैं हालिया कमरे में भीड़ जमा होने को रोकने का फायदा मिलता है। भीड़ जमा होने से अभी भी किसी भी तरह के संक्रमण के फैलने का खतरा बना हुआ है। ऐसे में भीड़ को जमा होने से रोकना बहुत जरूरी हो गया है। नहीं तो खतरा कभी भी खतरनाक रूप ले सकता है।
शुरुआत में जब ऑनलाइन परीक्षाएं आयोजित की गई तो उसमें कई तरह की समस्याएं सामने आई और कई तरह की शिकायतें रही है। सबसे बड़ी शिकायत रही है कि ऑनलाइन परीक्षा में बच्चे नकल मारकर उत्तर लिख रहे हैं और कमजोर बच्चे बिना पढ़े लिखे भी अधिक नंबर पा ले रहे हैं। यह वास्तविकता है । ऑनलाइन परीक्षा में बच्चों को स्कूल प्रशासन के द्वारा उत्तर पुस्तिका प्रदान की जाती है और उत्तर घर में लिखना होता है। ऐसे में नकल मारने की पूरी आशंका रहती है। और जब उत्तर लिखने की कोई निर्धारित सीमा ना हो तब तो यह आशंका और अधिक बढ़ जाती है।
ऐसी शिकायतों को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा ऑनलाइन परीक्षा के आयोजन में अब तमाम तरह के सुधार किए जा रहे हैं। इस शैक्षणिक सत्र में जो ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जा रही है उसमें सुधार दिख रहे हैं। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं ऑनलाइन कराने का निर्णय लिया है लेकिन प्रशासन के द्वारा जो सुधारात्मक कदम उठाये गये हैं, उसके बाद छात्रों को परीक्षा देने के पहले अच्छी पढ़ाई जानी पड़ेगी, तैयारी करनी पड़ेगी। इसके बिना उनके लिए पास होना कठिन बना रहेगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा जारी आदेश के अनुसार ऑनलाइन परीक्षा देने वाले छात्रों को निर्धारित समय के भीतर उत्तर पुस्तिका प्रदान की जाएगी। विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर प्रश्न पत्र भी निर्धारित समय के भीतर अपलोड कर दिया जाएगा और छात्रों को इसे समय सीमा के भीतर डाउनलोड करना होगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने उत्तर पुस्तिका जमा करने के संबंध में नियम परिवर्तित किया है। विद्यार्थियों को अब प्रश्न पत्र अपलोड करने के दिन ही दोपहर 12:00 से 3:00 तक उत्तर पुस्तिका जमा करने का समय दिया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा साफ-साफ निर्देश दिया गया कि इस समय सीमा के बाद उत्तर पुस्तिका नहीं ली जाएगी। माना जा रहा है कि इस समय सीमा को निर्धारित करने से छात्रों को नकल करने से काफी हद तक रोका जा सकेगा और विद्यार्थियों को अपनी उत्तर पुस्तिका निर्धारित समय सीमा के भीतर जमा करने की बाध्यता रहेगी।जो विद्यार्थी इस निर्धारित समय सीमा के भीतर अपनी उत्तर पुस्तिका जमा नहीं कर सकेंगे,उनसे उत्तर पुस्तिका नहीं ली जाएगी। यह नकल की प्रवृत्ति को रोकने में काफी सहायक साबित हो सकता है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह भी आदेश जारी किया है कि परीक्षार्थी अपने निर्धारित परीक्षा केंद्र जिसका उन्होंने अपने परीक्षा पत्र में उल्लेख किया है, में ही उत्तर पुस्तिका जमा कर सकेंगे। दूसरे अन्य किसी परीक्षा केंद्र में उनके उत्तर पुस्तिका स्वीकार नहीं की जाएगी।