भिलाई नगर। असल बात न्यूज़।। छत्तीसगढ़ डड़सेना (सिन्हा) समाज के राजनीति प्रकोष्ठ के संयोजक नोहर सिंह गजेन्द्र का कहना है कि छत्तीसगढ़ मे...
भिलाई नगर।
असल बात न्यूज़।।
छत्तीसगढ़ डड़सेना (सिन्हा) समाज के राजनीति प्रकोष्ठ के संयोजक नोहर सिंह गजेन्द्र का कहना है कि छत्तीसगढ़ में बोरे बासी त्यौहार मना कर यहां के स्वादिष्ट व्यंजनों को नई पहचान देने की कोशिश की गई है। इन व्यंजनों का व्यापारिक रूप से भी प्रचार किया जाना चाहिए ताकि सभी वर्ग के लोगों को उनकी जानकारी मिल सके और इन व्यंजनों से यहां के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर मिल सके।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के काफी प्रसिद्ध स्वास्थ्य वर्धक भोज्य पदार्थों जैसे बासी,मेहरी,खीर ,चीला , के साथ कोदो कुटकी आदि से बनी भोज्य पदार्थ यहां के युवाओं को रोजगार के बड़े अवसर भी उपलब्ध करा सकते हैं। इन सारी चीजों को सभी वर्ग के द्वारा पसंद किया जाता है। सिर्फ जरूरत है इनका व्यावसायिक प्रयोग करने की।
मजदूर दिवस को 'बोरे बासी' दिवस के रूप में मनाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के भोज्य पदार्थों को व्यापार से जोड़ने का प्रयास किया है। इस लिए इस दिवस को साधारण रूप में न देखा जाय , बल्कि इसे बेरोजगारी की समस्याओं के निदान का एक प्रयास के रूप में भी देखा जाना चाहिए। दूसरे प्रदेश के लोगों ने इडली ,दोसा जैसे भोज्य पदार्थों को व्यापारिक रूप देकर सिर्फ जीवन यापन ही नही बल्कि गुणवत्ता के रूप में लाखों रूपयों की कमाई कर रहे हैं। बोरे बासी दिवस के आयोजन के माध्यम से यहां के लोगों को यहां के स्वास्थ्य वर्धक भोज्य पदार्थों जैसे बासी,मेहरी,खीर ,चीला , के साथ कोदो कुटकी आदि से बनी भोज्य पदार्थो को देश विदेश में बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की शुरुआत होनी भी जरूरी है। इससे व्यवसायिक उन्नति के साथ ही बेरोजगारी की समस्याओं में भी कमी आयेगी।इस लिए बोरे बासी दिवस को मजदूर दिवस के साथ जोड़कर मुख्यमंत्री ने दूरदर्शिता का परिचय दिया है।
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