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आदिवासियों के इलाज के लिए ले सकते हैं निजी डॉक्टरों की सेवाएं: मंत्री डॉ. टेकाम

  *आदिम जाति विकास विभाग के काम-काज की समीक्षा *जिला अत्याचार निवारण समिति की बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने दिए निर्देश *तेजी से पूर्ण कर...

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*आदिम जाति विकास विभाग के काम-काज की समीक्षा

*जिला अत्याचार निवारण समिति की बैठकें नियमित रूप से आयोजित करने दिए निर्देश

*तेजी से पूर्ण करें निर्माण कार्य, बजट की नहीं है कमी

  

रायपुर ।

असल बात न्यूज़।।

 आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा है कि जिला स्तरीय अत्याचार निवारण समिति की बैठक नियमित रूप से होने चाहिए। हर तीन महीने के अंतराल पर एक बैठक अनिवार्य रूप से आयोजित होने चाहिए। डॉ. टेकाम  यहां जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में बिलासपुर एवं सरगुजा संभाग के सहायक आयुक्त एवं परियोजना प्रशासकों की संयुक्त बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव श्री डी.डी.सिंह एवं आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी सहित संचालनालय एवं दोनों संभाग के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।


डॉ. टेकाम ने बैठक में जिलेवार संचालित योजनाओं की गहन समीक्षा करते हुए कहा कि आदिवासियों का सर्वांगीण विकास और उनकी समस्याओं का निदान राज्य सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बजट एवं अन्य संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता के बावजूद योजनाओं एवं निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति पर गहरी नाराजगी जाहिर की। डॉ. टेकाम ने कहा कि संविधान की धारा 265 एवं 275 के अंतर्गत आदिवासियों के विकास के लिए केन्द्र सरकार द्वारा पर्याप्त अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इन योजनाओं में जितनी जल्दी काम होगा, उसी गति से और बजट मिलेगा। इसलिए तेज गति से काम किये जाये। उन्होंने अन्य निर्माण कार्याे में भी धीमी प्रगति पर भी असंतोष प्रकट किया और अधिकारियों को स्वयं होकर निर्माण कार्यों की प्रगति की मॉनीटरिंग कर समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। 

डॉ. टेकाम ने कहा कि आदिवासियों के लिए हॉस्टल, आश्रम एवं स्कूल के लिए विभिन्न एजेन्सियों को बजट उपलब्ध कराने से ही हमारा लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता है। निर्माण एजेन्सियों से समन्वय बनाकर समय पर पूर्ण कराकर वास्तविक हितग्राहियों को लाभ दिलाना हमारा उद्देश्य होना चाहिए। डॉ. टेकाम ने कहा कि आदिवासियों के पोषण स्तर और सेहत में सुधार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग से मिलकर काम करें। यदि जरूरत पड़े तो निजी क्षेत्र की विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं भी ली जानी चाहिए। डॉ. टेकाम ने बैठक में वन अधिकार पत्र के निर्माण एवं वितरण की भी समीक्षा करते हुए इस काम में भी धीमी प्रगति पर असंतोष प्रकट किया। उन्होंने कहा कि जिन-जिन ग्रामों में संभावना हैं, वहां का दौरा कर वनवासियों को आवेदन के लिए प्रोत्साहित करें और उन्हें समझाएं। डॉ. टेकाम ने नगरीय क्षेत्रों में भी वन अधिकार पत्र बांटने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि वनवासियों को अधिकार प्रमाण पत्र के साथ ऋण पुस्तिका भी दिएं ताकि वे विकास कार्यों के लिए बैंक से लोन प्राप्त कर सकें। 

आदिम जाति मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि स्कूल खुलने के पहले आश्रम एवं छात्रावासों की जरूरी मरम्मत के काम पूर्ण कर लिए जाएं ताकि बच्चों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने पहाड़ी कोरवा, बैगा, बिरहोर एवं पण्डो विकास प्राधिकरण के कार्यों की भी समीक्षा करते हुए तेज गति से उनको शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। बैठक में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के एडिशनल डॉयरेक्टर श्री आर.एस.भोई एवं श्री संजय गौड़ भी उपस्थित थे। 



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