नई दिल्ली. दुनियाभर में हर साल 31 मई को नो टोबैको डे यानी विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस दिन तंबाकू या इसके उत्पादों के उपभो...
नई दिल्ली. दुनियाभर में हर साल 31 मई को नो टोबैको डे यानी विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस दिन तंबाकू या इसके उत्पादों के उपभोग पर रोक लगाने या इस्तेमाल को कम करने के लिए लोगों को जागरुक किया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को तंबाकू से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान के बारे में सचेत करना है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में तंबाकू के सेवन के कारण हर साल 10 मिलियन से ज़्यादा मौतें होती हैं और दुनिया के 12 फीसदी धूम्रपान करने वाले भारत में ही रहते हैं। तंबाकू उत्पाद कैंसर, फेफड़े की बीमारी, हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं। आइए जान लेते हैं तंबाकू उत्पाद का सेवन, खासतौर पर धूम्रपान करना किस तरह की गंभीर बीमारियों को बुलावा देता है...
हाई ब्लड प्रेशर - तंबाकू उत्पाद, खासतौर पर धूम्रपान रक्तचाप को बढ़ा देता है जिससे रक्त वाहिकाओं की दीवार कमजोर हो जाती हैं और खून के थक्के बढ़ने का भी खतरा रहता है।
प्रजनन क्षमता होती है प्रभावित - महिला और पुरुष, दोनों की प्रजनन क्षमता के लिए धूम्रपान की आदत को काफी नुकसानदायक माना जाता है। तंबाकू या सिगरेट का सेवन करने से प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। इसके अलावा पुरुषों द्वारा अधिक धूम्रपान करने से उनके शुक्राणुओं में डीएनए के क्षतिग्रस्त होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
फेफड़े से जुड़ी बीमारियां - जो व्यक्ति तंबाकू का नियमित रूप से या अत्याधिक सेवन करते हैं, उनमें फेफड़े या माउथ कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। धूम्रपान का सीधा असर फेफड़ों पर होता है। स्मोकिंग से निकलने वाला धुंआ आपके फेफड़ों में मौजूद एल्वियोली को नुकसान पहुंचाता है जो फेफड़ों की बीमारी का कारण बनते हैं। इससे फेफड़ों का कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है।