रायपुर । प्रदेश में होने वाले विकास कार्यों के दौरान पुराने पेड़ों और ऐतिहासिक धरोहरों का विश्ोष ध्यान रखा जाएगा। यह फैसला सोमवार को लोक...
रायपुर । प्रदेश में होने वाले विकास कार्यों के दौरान पुराने पेड़ों और ऐतिहासिक धरोहरों का विश्ोष ध्यान रखा जाएगा। यह फैसला सोमवार को लोक निर्माण मंत्री तामृध्वज साहू की अध्यक्षता में हुई राज्यस्तरीय परियोजना समिति की बैठक में लिया गया।
पीडब्ल्यूडी मंत्री साहू के निवास कार्यालय में हुई इस बैठक में परियोजना समिति के सदस्य वन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डा. शिवकुमार डहरिया भी शामिल हुए। बैठक में सरकार की तरफ से जारी पुनर्विकास नीति के तहत प्रदेश में विभिन्न् विभागों, निगम-मंडलों, कंपनी और बोर्ड के अधीन जर्जर शासकीय भवनों और खाली पड़े जमीनों के व्यवस्थित विकास व सदुपयोग के संबंध में विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
इस दौरान मंत्रियों ने कहा कि प्रदेश के चिन्हांकित जमीनों व जर्जर भवनों पुनर्विकास के दौरान वहां के पुराने पेड़ों और ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित किया जाएगा। बैठक में शांति नगर रायपुर, पुराना शासकीय आवासीय कालोनी, क्लबपारा व गुड्रूपारा महासमुंद, 36 क्वाटर्स और कंगोली जगदलपुर और समता कालोनी स्थित नूतन राईस मिल रायपुर के सुव्यवस्थित विकास और उपयोग के संबंध में भी चर्चा की गई।
मंत्रियों ने कहा कि प्रारंभिक चरण में प्रदेश के इन चिन्हांकित जमीनों का व्यवस्थित विकास किया जाए। उन्होंने कहा कि नया रायपुर विकास प्राधिकरण की गाइडलाइन के अनुरूप इन भूमियों को विकसित किया जाए। अलग-अलग विकल्पों के रूप में व्यावसायिक, आवासीय या केवल व्यावसायिक या केवल आवासीय परियोजना तैयार की जाए। विकसित भूखंडों में बिजली, पानी, सड़क, सिवरेज और ट्रैफिक समस्याओं के संबंध में विस्तारपूर्वक अध्ययन किया जाए ताकि व्यावसायिक अथवा आवासीय रूप में विकसित होने के बाद इन समस्याओं से न जूझना पड़े।
बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह सुब्रत साहू, सचिव लोक निर्माण विभाग सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेसी, राज्य सड़क विकास प्राधिकरण के संचालक हिम शिखर गुप्ता, आयुक्त छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड धर्मेश साहू, रायपुर विकास प्राधिकरण के प्रबंध संचालक चंद्रकांत वर्मा, ईएनसी लोक निर्माण विभाग भतपहरी सहित संबंधित विभागों के इंजीनियर उपस्थित थे।