रायपुर,राजनांदगांव । असल बात न्यूज़।। साइबर धोखाधड़ी का नया मामला सामने आया है। यह है क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी “शा झू पान“।इसमें संदिग्ध त...
रायपुर,राजनांदगांव ।
असल बात न्यूज़।।
साइबर धोखाधड़ी का नया मामला सामने आया है। यह है क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी “शा झू पान“।इसमें संदिग्ध तत्व पहले सोशल नेटवर्क साइट पर दोस्ती करते हैं और संबंध बढ़ाते हैं। इसमें जुड़े लोग एक शैल कंपनी में काम करने वाले लोग होते हैं, जोकि पूरी तरह से सुनियोजित तरीके से काम करते हैं। राजनांदगांव जिले का भी एक व्यक्ति इसी नेटवर्क का शिकार हुआ। फिलहाल राजनांदगांव पुलिस ने इस मामले को सुलझा लिया है।Global Anti Scam Organization के अनुसार, ’शू झू पान’ स्कैमर्स दुनिया भर में पीड़ितों से हर साल अरबों डॉलर की धोखाधड़ी करते हैं।मामले में बड़ी कार्रवाई कर करोड़ों रुपये की क्रिप्टोकरेंसी फ़्रीज़ की गई है।छत्तीसगढ़ पुलिस को इस तरह से क्रिप्टोकरेंसी अपराध के खिलाफ पहला एफआईआर दर्ज कर सफलता प्राप्त की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग तीन महीने पहले राजनांदगांव निवासी पीड़ित डॉ अभिषेक पाल निवासी की शिकायत पर थाना कोतवाली में धोखाधड़ी के इस मामले में धारा 420, 406 भा.दं.वि और 66, 66डी आई.टी. एक्ट के तहत एफ.आई.आर. दर्ज किया गया था तथा जिले के पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के द्वारा नगर पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव गौरव राय आईपीएस को मामले में विवेचना की जिम्मेदारी सौंपी गई ।
संदिग्ध “एना-ली“ ने एक सोशल नेटवर्क साइट पर पीड़ित डॉ अभिषेक पाल से दोस्ती की और फिर पीड़ित को विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म मेटाट्रेडर-5 में निवेश करने के लिए एक ब्रोकर ऑर्डे कैपिटल मैनेजमेंट लिमिटेड जोकि लंदन में पंजीकृत एक शेल कंपनी है और क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर करने के लिए एक्सचेंज बायनेंस से एक फर्जी वेबसाइट insafx.com के माध्यम से बायनेंस से क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर कर धोखा दिया। पीड़ित ने मेटाट्रेडर-5 में 35,000 $ अमरीकी डालर की राशि 31 लाख रुपये का निवेश किया था और उसका पोर्टफोलियो बढ़कर 107825 $ अमरीकी डालर हो गया था। बाद में, जब पीड़ित ने अपना रूपये निकालने की कोशिश की, तो संदिग्ध ने पीड़ित के खाते को फ्रीज कर दिया और उससे 107825 $ अमरीकी डालर की ठगी की।
विवेचना के दौरान, यह पता चला कि संदिग्ध “एना-ली“ ने पीड़ितों को धोखा देने के लिए ताइवान के ताइपे नामक जगह की एक इंस्टाग्राम स्टार स्टेफ़नी तेह की तस्वीरों का उपयोग करके एक नकली खाता बनाया था। फिर क्रिप्टोकरेंसी के प्रवाह का विश्लेषण करने के लिए एक क्रिप्टोकरेंसी ट्रेल का मैप तैयार किया गया और सैकड़ों वॉलेट पते और हजारों लेनदेन का विश्लेषण करने के बाद, तीन वॉलेट पते वापस बायनेंस से जुड़े हुए पाए गए। उपयोगकर्ता खाते लियू कियांग, विंग सैन त्से और गुओ पैन के नाम से पंजीकृत हैं, जो सभी चीनी राष्ट्रीयता के हैं। अनुसंधान अधिकारी के अनुरोध पर, तीनों उपयोगकर्ता के खातों जिसमें रु. 4 करोड़ हैं को फ्रीज कर दिया गया है और पुलिस जब्त करने की प्रक्रिया में है। यह संभव है कि कई भारतीय हैं जो “शू झू पान“ स्कैम के शिकार हो सकते हैं। Honi Global और OKX.com जैसे अन्य क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों ने सूचना साझा करने में कानून प्रवर्तन अनुरोधों के साथ सहयोग नहीं किया, जो इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए अधिक विनियमन की आवश्यकता को दर्शाता है।
’शा झू पान’ घोटाला एक प्रकार का घोटाला है जो आमतौर पर दक्षिण-पूर्व एशिया में उत्पन्न होता है, जो अक्सर चीन से होता है। उक्त ठगी की मुख्य विशेषता यह है कि संदिग्ध पीड़ित को धोखा देने के लिए पीड़ित के साथ धीरे-धीरे दोस्ती का संबंध बनाता है। CipherBlade के अनुसार, ये बड़े कॉरपोरेट हैं, जो कॉरपोरेट जैसी संरचना में चलते हैं, अक्सर इनके अपने कार्यालय होते हैं जिनमें कई कर्मचारी और अधिकारी संगठित रूप से कार्य करते हैं। कोई व्यक्तिविशेष अकेले इसे नहीं चलाते है। इस संगठित अपराध के पैमाने का हवाला देने के लिए, जांच में पाया गया कि 2000 से अधिक शेल कंपनियां लंदन में उसी पते पर पंजीकृत हैं जहां ब्रोकर पंजीकृत था और सभी कंपनियों के डायरेक्टर चीन के निवासी है। CipherBlade के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी फ्रोड में लगभग 40ः जांच ’शू झू पान’ घोटाले से संबंधित हैं। Global Anti Scam Organization के अनुसार, ’शू झू पान’ स्कैमर्स दुनिया भर में पीड़ितों से हर साल अरबों डॉलर की ठगी करते हैं और इस प्रकार का संगठित अपराध सिंडिकेट मानव तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग में भी शामिल है। 2021 में, FBI ने केवल अमेरिका में इस तरह के घोटालों से 1 बिलियन अमरीकी डालर के नुकसान की सूचना दी है। हालांकि ये आंकड़े निचले स्तर पर है क्योंकि ऐसे कई अपराध दर्ज ही नहीं होते हैं।
राजनांदगांव पुलिस द्वारा अपील की गई है कि - इंटरनेट पर किसी व्यक्ति के अनुरोध पर ऐसे किसी भी घोटाले में निवेश न करें। इतना बड़ा मुनाफा देने वाली कोई स्कीम जो ’टू गुड टु बी ट्रू’ होता है, ज्यादातर घोटाले होते हैं। क्रिप्टोकरेंसी स्वयं अत्यधिक अस्थिर और जोखिम भरी संपत्ति हैं। निवेश करने से पहले उचित शोध कर लेने से व्यक्ति ऐसे घोटालों के जाल में फंसने से बच सकता है।