“व्यक्त से अव्यक्त की ओर” योग तपस्या कार्यक्रम का पहला दिन भिलाई । असल बात न्यूज़।। पास्ट इज़ पास्ट आगे बढ़ो,10 साल पुरानी बातों को पकड़ क...
“व्यक्त से अव्यक्त की ओर” योग तपस्या कार्यक्रम का पहला दिन
भिलाई ।
असल बात न्यूज़।।
पास्ट इज़ पास्ट आगे बढ़ो,10 साल पुरानी बातों को पकड़ कर मत बैठे रहो।पवित्रता की शक्ति हमारी सोच और भावनाओं को श्रेष्ठ बनाती है। कुछ भी हो जाये मन से निगेटिव संकल्पों के चाकू को निकाल दो।ये बातें इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर ब्रह्माकुमारी गोपी दीदी लंदन ने यहां प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय सेक्टर 7 के अंतरदिशा भवन के पीस ऑडिटोरियम में आयोजित दो दिवसीय मौन तपस्या कार्यक्रम “व्यक्त से अव्यक्त की ओर” में अपने व्याख्यान में बोलते हुए कही है।
कार्यक्रम का विधिवत दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ हुआ। गोपी दीदी ने आगे मंत्र देते हुए कहा कि आपका मन भारी और अशांत हो गया हो सकता हो। दुख का मूल कारण है मैं और मेरापन, जिसे हमने चित्त पर बसा लिया और चित्त ने शरीर मे मानसिक रोग के रूप में बसा लिया। हमें जीवन मे थकना और रुकना नही है। हमारी तपस्या का आधार है त्याग। सुबह का पहला संकल्प हमारे सारे दिन की नींव है। हमारे मन के मौन से हमारी एनर्जी बचती है, और वह बुद्धि को एकाग्र कर व्यवहार में काम आती है। ज्ञात हो कि गोपी दीदी ने संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका 104 वर्षीय राजयोगिनी दादी जानकी के सानिध्य में कई वर्षों की पालना लेकर उनके साथ के अनुभव भी सभी से साझा किया।