भिलाई। 2018 में डेंगू के दंश से तबाही का मंजर देख चुका भिलाई निगम अभी से अलर्ट हो गया है। डेंगू से निपटने भिलाई निगम ने कार्ययोजना तैया...
भिलाई। 2018 में डेंगू के दंश से तबाही का मंजर देख चुका भिलाई निगम अभी से अलर्ट हो गया है। डेंगू से निपटने भिलाई निगम ने कार्ययोजना तैयार कर ली है। रिसाली में 35 हजार घरों में टेमीफास बांटने की तैयारी की जा रही है। वहीं भिलाई निगम जलजमाव वाली जगहों पर डेंगू के लार्वा की तलाश करेगा। झाड़ियों व खरपतवार में डेंगू के मच्छर पनप न पाए इसके लिए बड़े स्तर पर खरपतवार व झाड़ियों की कटाई शुरू कर दी गई है।
बता दें कि 2018 में झाड़ियों वाले स्थान से भी बड़ी संख्या में डेंगू का लार्वा पाया गया था। इसलिए भिलाई निगम इस बार पहले से ही एहतियात बरत रहा है। 2018 अगस्त व सितंबर ये दो महीना भिलाई के लिए कहर बनकर टूटा था।
डेंगू इतना खरतनाक रुप ले चुका था कि इसके चलते 56 लोगों की मौत हो गई थी। इसलिए भिलाई निगम के स्वास्थ्य विभाग ने पहले से कार्य योजना बना ली है।
इसलिए लगातार बरता जा रहा है एहतियात
2018 के बाद से भिलाई नगर निगम डेंगू से जंग लड़ रहा है। इस बार भी मानसून आते ही डेंगू के लार्वा को समय से पहले खत्म करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। डेंगू का लार्वा ठहरे हुए साफ पानी में पनपता है। इसलिए जलजमाव वाली जगहों को चिन्हित कर उसमें टेमीफास व आयल का छिड़काव शुरू कर दिया गया है। खरपतवार व झाड़ियों की युद्ध स्तर पर सफाई की जा रही है। 30 जून को भिलाई नगर निगम आयुक्त प्रकाश सर्वे के कार्यकाल का आखिरी दिन था, इस दिन भी वे ठेका एजेंसी पीवी रमन के कर्मचारियों के साथ घूमकर झाड़ियों की सफाई करवाते रहे। ठेका एजेंसी के माध्यम से संभावित जगहों को पहले से नष्ट किया जा रहा है।
बारिश का मौसम डेंगू के लिहाज से बेहद खरतनाक होता है। जलजमाव वाले स्थानों पर या झाड़ियों वाले स्थान पर भी लार्वा पनप सकता है। इसलिए सफाई ठेका एजेंसी के माध्यम से झाड़ियों की सफाई कराई जा रही है, ताकि लार्वा को समय रहते नष्ट किया जा सके।