हिमाचल प्रदेश में मानसून सीजन में भारी बारिश से लगातार नुकसान हो रहा है। राज्य में बीते 48 दिनों में 200 लोगों की जान सड़क हादसों, बादल ...
हिमाचल प्रदेश में
मानसून सीजन में भारी बारिश से लगातार नुकसान हो रहा है। राज्य में बीते 48
दिनों में 200 लोगों की जान सड़क हादसों, बादल फटने, बाढ़, भूस्खलन इत्यादि
से हो चुकी है। वहीं, प्रदेश में बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन होने से
100 से अधिक सड़कें भी ठप हो गई हैं। भूस्खलन से लोगों को भारी दिक्कतों का
सामना करना पड़ रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 16,18,19 और 20
अगस्त को भी भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। कहा जा रहा है कि
प्रदेश में 22 अगस्त तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
राज्य आपदा प्रबंधन
प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार सुबह तक प्रदेश में एक एनएच 707
समेत 128 सड़कें यातायात के लिए ठप रहीं। सड़कें बंद होने से ग्रामीणों को
कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर दूर दराज के कई ग्रामीण इलाकों
में सड़कों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। इसके अलावा 382 बिजली
ट्रांसफार्मर व 45 पेयजल परियोजनाएं भी ठप चल रही हैं। कुल्लू जिला में
सबसे ज्यादा 184 ट्रांसफॉर्मर बंद पड़े है। इसी तरह चंबा में सबसे ज्यादा 54
सड़कें अवरुद्ध है।
बारिश
के कारण भट्टू पेयजल योजना क्षतिग्रस्त होने पर पानी की आपूर्ति नहीं हो
पा रही। बताया जा रहा है कि मानसून की भारी बारिश से 1003 करोड़ रुपए की
सरकारी और निजी संपत्ति भी बरसात की भेंट चढ़ गई है। यहीं नहीं, भारी बारिश
के कारण लगभग 90 मकान क्षतिग्रस्त हो गए, वहीं कुछ लोगों का आशियाना उनसे
छीन गया है। इस मानसून सीजन के दौरान आई आपदा में अब तक 200 लोगों को अपनी
जान गवानी पड़ी है। वहीं, 377 घायल हुए हैं और 800 लापता हैं। 116 पशुओं की
भी मौत हुई है।