Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

ब्रेकिंग :

latest

Breaking News

Automatic Slideshow


भाजपा : 10 विधायक कांग्रेस के राजनैतिक सहयोगी वे नहीं चाहते अगले चुनाव में बीजेपी ..

  रायपुर। संसदीय सचिव एवं विधायक विकास उपाध्याय ने पौने चार साल बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन का रास्ता अपनाये जाने को ...

Also Read

 


रायपुर। संसदीय सचिव एवं विधायक विकास उपाध्याय ने पौने चार साल बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन का रास्ता अपनाये जाने को भाजपा के लिए मुद्दाविहिन व हताशा से भरा बताया है। उन्होंने कहा, देश में छत्तीसगढ़ एकमात्र प्रदेश है जिसे केन्द्र की भाजपा सरकार ईडी और आईटी के माध्यम से डरा न सकी। इसलिए पहले तो पार्टी के अंदर ही प्रयोगशाला बनाकर नया माडल का डबल इंजन का प्रयोग हुआ और अब पार्टी उस मुद्दे को लेकर राग अलाप रही है, जिस बेरोजगारी को लेकर केन्द्र की भाजपा सरकार खुद करोड़ों युवाओं के निशाने पर है।

विधायक विकास उपाध्याय ने कल भाजपा के प्रदर्शन के बाद भारतीय जनता पार्टी पर कई सनसनी खेज आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा इसलिए अब सफल नहीं हो सकती, क्योंकि उन्हीं के विधायक नहीं चाहते कि भाजपा सत्ता में वापसी करे। उन्होंने दावे के साथ कहा कि भाजपा के 14 में से 10 विधायक ऐसे हैं,जो कांग्रेस के निकट राजनैतिक सहयोगी हैं और इनकी इच्छा बिल्कुल भी नहीं है कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करे। यही वजह है कि ये पौने चार साल तक चुप्पी साधे बैठे रहे। परन्तु केन्द्र की भाजपा सरकार 2024 में फिर से वापसी करना चाहती है इसलिए एक प्रयोग के तहत् छत्तीसगढ़ की कांग्रेस नेतृत्व को चुनौती देने डबल इंजन को ही बदलकर नया प्रयोग किया, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बदले गए,जो पिकअप नहीं ले पा रहे हैं और ये भी अब पूरी तरह से फेलवर साबित हुए हैं।

विकास उपाध्याय ने भाजपा के बेरोजगारी को लेकर छत्तीसगढ़ में आन्दोलन और पार्टी द्वारा पूरी ताकत झोंकने को अपने आप को आईना दिखाने जैसा बताया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में केन्द्र सरकार ने संसद में बताया है कि अप्रैल 2014 से मार्च 2022 के बीच इन 08 सालों में केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों में नियमित नौकरी पाने के लिए करीब 22 करोड़ लोगों ने आवेदन किया, जिसमें मात्र 7.22 लाख लोगों को नौकरी मिली। आसान शब्दों में कहा जाये तो जितने लोगों ने नौकरी के लिए आवेदन किया उसमें केवल 0.32 प्रतिशत लोगों को ही नौकरी मिल पाई।

उन्होंने कहा, यह तो मात्र एक उदाहरण है जबकि सरकारी आंकड़ा के इतर देखा जाये तो पूरे देश में बेरोजगारी की जो बदहाली इन 08 वर्षों में हुई है और जिस गर्त पर गया वह देश के इतिहास में कभी नहीं हुआ। सीएमआईई के मुताबिक कोविड-19 की पहली लहर में करीब 12 करोड़ लोगों ने नौकरी गवांई वहीं 2021 में दूसरी लहर के चलते एक करोड़ लोगों को नौकरी छोड़नी पड़ी।

विकास उपाध्याय ने कहा, आज देश में महंगाई और आर्थिक बहाली की वजह से निर्मित हुए बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है, जिसे लेकर भाजपा के नेता कुछ बोलने की स्थिति में नहीं हैं। सिर्फ ईडी, आईटी और सीबीआई के माध्यम से चुनी हुई सरकारों को एक साजिश के तहत् गिराने और अस्थिर करने में लगे हैं। चाहे बिहार, झारखण्ड, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ क्यों न हो, सभी जगह अलोक तांत्रिक शक्तियों का प्रयोग किया जा रहा है। भाजपा के अन्दर सच बोलने वालों को भी कुचलने का प्रयास हो रहा है, मोदी-शाह की यह तानाशाही अब 200 वर्षों तक भारत में शासन किये अंग्रेजों से भी बत्तर स्थिति में पहुंच गया है। जिसके गंभीर परिणाम आगे चलकर देश के लिए निर्मित होंगे और फिर से एक बार स्वतंत्र स्वराज को लेकर आम जनता रोड पर उतरेगी।