रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में अब नींबू-मिर्ची की एंट्री हुई है। प्रदेश में बढ़ रहे अपराध को लेकर भाजपा नेताओं ने कहा कि हर थाने में न...
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में अब नींबू-मिर्ची की एंट्री हुई है। प्रदेश में बढ़ रहे अपराध को लेकर भाजपा नेताओं ने कहा कि हर थाने में नींबू-मिर्ची टांग देना चाहिए। पुलिस से अपराध रुक नहीं रहा है, तो कम से कम इस टोटके से अपराध में कुछ कमी आए। दरसअल, भाजपा नेताओं का यह बयान उस समय आया है, जब गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने विभाग की समीक्षा बैठक में जुआ, सट्टा और अवैध काम करने वालों की सूची सार्वजनिक कर दी थी। साहू ने थानेदारों को कमजोर पुलिसिंग के लिए फटकार लगाई है। इसके बाद राजधानी रायपुर में एक दिन पहले ही गांजा तस्करों की गाड़ी में अवैध हथियार मिल गया है। हालांकि भाजपा के निशाना साधने पर कांग्रेस ने पलटवार भी किया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा नेताओं को अपने घर के सामने नींबू-मिर्ची टांगना चाहिए, जिससे उनका पद बचा रह सके।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि प्रदेश का कोई एक थाना नहीं होगा, जहां प्रतिदिन अपराध दर्ज नहीं होता होगा। इन थानों का ग्रह-दोष बिगड़ चुका है, इसलिए अपराध के नियंत्रण के लिए नींबू-मिर्च बांधने की जरूरत है। इसे लेकर प्रदेश सरकार को एक अभियान चलाना चाहिए। कौशिक ने कहा कि यह दुखद है कि प्रदेश के गृहमंत्री को पुलिस अधिकारियों को कार्रवाई के लिए सट्टेबाज और जुआ खिलाने वालों की सूची देनी पड़ रही है। प्रदेश में जिस तरह से अपराध घटित हो रहे हैं, उस पर अंकुश लगाने को लेकर जरा भी संवेदनशीलता नहीं दिखती।
कौशिक के आरोप पर कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा के 15 साल के शासन में अपराध दर्ज नहीं होता था। अपराध के बाद थानों में एफआइआर दर्ज नहीं होना ज्यादा चिंताजनक था। उस समय अपराधी बेलगाम थे। कौशिक क्या चाहते हैं कि अपराधियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज नहीं हो। नींबू-मिर्ची इतनी प्रभावशाली थी, तो कौशिक को अपने घर में टांग लेना था। भाजपा ने असमय उनको नेता प्रतिपक्ष पद से हटाया। नींबू-मिर्ची लगाकर वह बच सकते थे।
नशा रोकने बनाई कमेटी, अब तक कोई कार्रवाई नहीं
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर नशा के कारिडोर के नेटवर्क को तोड़ने के लिए पुलिस अधिकारियों की टीम बनी थी। पड़ोसी राज्य ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से अवैध शराब और गांजा की तस्करी को रोकने के लिए यह टीम बनी थी, लेकिन प्रदेश में अब एक कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है।