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स्वरुपानंद महाविद्यालय में 15 दिवसीय वैल्यू एडेड सर्टिफिकेट कोर्स का समापन

  भिलाई । असल बात न्यूज़।। स्वामी श्री स्वरुपानंद महाविद्यालय में माईक्रोबायोजिस्ट सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘फिसीकोे कैमिकल और माइ...

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भिलाई ।

असल बात न्यूज़।।


स्वामी श्री स्वरुपानंद महाविद्यालय में माईक्रोबायोजिस्ट सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘फिसीकोे कैमिकल और माइक्रोबायोलॉजिकल एनालिसस ऑफ वॉटर’’ के 15 दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स का समापन समारोहपूर्वक सम्पन्न हुआ। इस दौरान विभिन्न एनालिसिस किए गए जिसमें पता चला कि 87 प्रतिशत जलाशयों का पानी पीने योग्य है।

कार्यक्रम का शुभांरभ सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्जवलन से हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ एके श्रीवास्तव, राज्य अध्यक्ष माइक्रोबॉयोलॉजिस्ट सोसायटी थे। कार्यक्रम की संयोजिका माईक्रोबायोलॉजी की विभागाध्यक्ष डॉ शमा ए बेग ने 15 दिनों के कोर्स के बारे में सारगर्भित बताया कि 12 अतिथि व्याख्यान हुए और विभिन्न प्रायोगिक परीक्षण किये गये। जल परीक्षण महाविद्यालय एवं बीआईटी की रसायन शास्त्र प्रयोगशाला में किया गया जिसमें पानी में मौजूद रसायन एवं जीवाणु ज्ञात किये गये।

उन्होंने बताया कि विभिन्न स्थलों से एकत्र किये गये जल में से 13 स्त्रोतों का जल पीने योग्य पाया गया। छात्रों को जलशोधन संयंत्र का भ्रमण व्यावहारिक ज्ञान हेतु कराया गया जहाँ उन्होंने पानी के शुद्धिकरण की प्रक्रिया देखी। छात्रों का मूल्यांकन कौशल परीक्षा द्वारा किया गया जिसमें प्रथम सुश्री सृष्टि सोनी एमएससी तृतीय सेमेस्टर, एमएससी चतुर्थ सेमेस्टर के लोकेश कुमार द्वितीय, सुश्री रोशनी देवांगन तृतीय रही, जिन्हें पुरस्कृत किया गया।

मुख्य अतिथि डॉ एके श्रीवास्तव ने ‘‘नीले ग्रह’’ को विस्तारित करते हुये अपने व्याख्यान में पानी की महत्ता, पानी के उपयोग, दैनिक संचयन एवं पानी के पुर्नउपयोग के बारे में विस्तारपूर्वक बताया और छात्रों का ध्यान पानी के संचयन एवं नई पीढ़ी से नयी तकनीक विकसित करने को प्रेरित किया। उन्होंने छात्रों को इस तरह के कोर्स में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित किया और इसे नई शिक्षा नीति के अंतर्गत उल्लेखित होना बताया।

प्राचार्या डॉ हंसा शुक्ला ने कहा कि आज कि परिप्रेक्ष्य में वैल्यूएडेड कोर्स से विषय का व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त होता है। इन कोर्सेस से आपकी बुद्धिमता का विस्तार होता है वहीं आप शोध के लिये प्रेरित होते है।

महाविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दीपक शर्मा ने सूक्ष्मजीव विज्ञान  विभाग को बधार्इ्र देते हुये कहा कि प्राध्यापकों ने दूरदर्शिता से इस कोर्स का आयोजन किया जो वर्तमान समय की मूल समस्या है और छात्रों को इससे बेहतर सीखने मिला एवं उन्होंने पानी का मोल समझा।

छात्रों को सर्टिफिकेट वितरित किये गये एवं छात्रों ने अपना अनुभव साझा किया। सुश्री सृष्टि सोनी तृतीय सेमेस्टर सूक्ष्मजीव विज्ञान ने कहा कि यह कोर्स मुझे बहुत अच्छा लगा एवं मैंने जल परीक्षण कर उसकी अवस्था ज्ञात की। रुपाली साहू ने कहा कि प्रथम बार पानी की शुद्धिकरण प्रक्रिया को देख बहुत अच्छा लगा एवं सीखने मिला। 

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन सुश्री योगिता लोख्ंाडे सप्रा सूक्ष्म जीवविज्ञान ने किया। 

कार्यक्रम में विज्ञान संकाय छात्र-छात्रओं सम्मलित हुये। कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सप्रा अमित कुमार साहु का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम में डॉ शिवानी शर्मा, डॉ रजनी मुदलियार, श्रीमती सुनीता शर्मा, डॉ श्वेता गायकवाड उपस्थित रहकर छात्रों को प्रोत्साहित किया।