भोपाल. भारतीय जनता पार्टी भले ही दावा करे कि पार्टी में कोई खेमा नहीं है, लेकिन पदाधिकारी ऐसा नहीं मानते हैं। हाल ही में इसका उदाहरण ग...
भोपाल. भारतीय जनता पार्टी भले ही दावा करे कि पार्टी में कोई खेमा नहीं है, लेकिन पदाधिकारी ऐसा नहीं मानते हैं। हाल ही में इसका उदाहरण ग्वालियर भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा ग्रामीण अध्यक्ष रामगोपाल मिलन द्वारा उपाध्यक्ष व मंत्री पद पर चार कार्यकर्ताओं की नियुक्ति के जारी पत्र में सामने आया। इसमें उन्होंने सिंधिया खेमे की इमरती देवी की सहमति से नियुक्ति का उल्लेख किया। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भाजपा ने मोर्चा के ग्रामीण अध्यक्ष रामगोपाल मिलन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इधर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खेमेबाजी के मुद्दे पर इंदौर में कहा कि भाजपा में खेमेबाजी नहीं होती है। हम सब संगठन के कार्यकर्ता हैं। कांग्रेस पार्टी जरूर कई खेमों में बंटी हुई है।
उधर, प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष नरेन्द्र सलूजा ने नियुक्ति पत्र को लेकर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा खेमे में बंट चुकी है। ग्वालियर अनुसूचित जाति मोर्चा की ग्रामीण इकाई के अध्यक्ष रामगोपाल मिलन ने उपाध्यक्ष व मंत्री पद पर नियुक्ति की। इसमें लिखा गया कि मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश जाटव के निर्देशानुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से लघु उद्योग निगम अध्यक्ष इमरती देवी की सहमति से मोर्चा के ग्रामीण इकाई के पदाधिकारियों की घोषणा की जाती है।
ग्वालियर भाजपा ग्रामीण इकाई के अध्यक्ष कौशल शर्मा ने बताया कि इस तरह का पत्र उनके संज्ञान में रविवार को आया था। इस पत्र में खेमे शब्द का उपयोग किया गया है। भाजपा में ऐसी कोई खेमेबाजी नहीं है। जवाब मिलने के बाद निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।