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तिरंगा अभियान ने पूरे देश को एक साथ खड़ा कर दिया मन की बात कार्यक्रम में बोले PM मोदी

   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज 11 बजे अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देश की जनता को संबोधित किया। आज मन की बात का...

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 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज 11 बजे अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देश की जनता को संबोधित किया। आज मन की बात कार्यक्रम के 92वें एपिसोड के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी कई मुद्दों को लेकर देशवासियों के सामने अपने विचार रखें। प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत में कहा कि अगस्त के इस महीने में आप सभी के पत्रों, संदेशों और कार्ड ने मेरे कार्यालय को तिरंगामय कर दिया है। मुझे ऐसा शायद ही कोई पत्र मिला हो, जिस पर तिरंगा न हो, या तिरंगे और आज़ादी से जुड़ी बात न हो। अमृत महोत्सव और स्वतंत्रता दिवस के इस विशेष अवसर पर हमने देश की सामूहिक शक्ति के दर्शन किए हैं, एक चेतना की अनुभूति हुई है।
इतना बड़ा देश, इतनी विविधताएं, लेकिन जब बात तिरंगा फहराने की आई, तो हर कोई, एक ही भावना में बहता दिखाई दिया। अमृत महोत्सव के ये रंग केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी देखने को मिले।
पीएम मोदी ने कहा कि बोत्सवाना में वहां के रहने वाले स्थानीय गायक ने भारत की आजादी के 75 साल मनाने के लिए देशभक्ति के 75 गीत गाए। आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेने वाले अनसुने नायक-नायिकाओं की कहानी है 'स्वराज'। दूरदर्शन पर हर रविवार 'स्वराज' का रात 9 बजे प्रसारण होगा जो 75 सप्ताह तक चलने वाला है। मेरा आग्रह है कि आप इसे खुद भी देखें और अपने बच्चों को भी जरूर दिखाएं।
पीएम मोदी ने इस दौरान कुपोषण, मोटे अनाज के महत्व और ऑनलाइन बिजनेस को लेकर भी कई बातें कही। पीएम मोदी ने कहा कि देश में 4जी सर्विस के कारण ऑनलाइन बिजनेस में तेजी आई है।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि 28 अगस्त के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के लिए विचारों और इनपुट की प्रतीक्षा में हूं। MyGov या NaMo ऐप पर सभी अपने विचार लिखकर भेज सकते हैं या फिर 1800-11-7800 डायल करके भी अपना संदेश रिकॉर्ड कर सकते हैं।
वहीं इससे भी पहले 26 जून के मन की बात कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने आपातकाल का जिक्र किया था और कहा था कि उस समय भारत के लोकतंत्र को कुचल देने का प्रयास किया गया था। देश की अदालतें, हर संवैधानिक संस्था, प्रेस सभी पर शिकंजा कस दिया गया था।