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big news,राजस्व प्रकरणों को निपटाने में दुर्ग संभाग का बड़ा कीर्तिमान, रेवेन्यू ईयर में 16 सौ से अधिक प्रकरणों का निराकरण,, संभागायुक्त महादेव कावरे ने एक दिन में की 160 से अधिक प्रकरणों की सुनवाई

  0" राजस्व के प्रकरणों के निपटारे के मामले में दुर्ग जिला राज्य में अव्वल 0"  अविभाजित मध्यप्रदेश" के समय से चल रहे राजस्व क...

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0" राजस्व के प्रकरणों के निपटारे के मामले में दुर्ग जिला राज्य में अव्वल

0" अविभाजित मध्यप्रदेश" के समय से चल रहे राजस्व के कुछ प्रकरण अब निपट सके 

 0"  संभागायुक्त महादेव कावरे की लगातार मेहनत  ला रही है रंग

दुर्ग ।

असल बात न्यूज़।। 

        00 special report

दुर्ग संभाग और दुर्ग जिले को कई उपलब्धियों के लिए जाना जाता है। इस संभाग ने अब राजस्व के मामलों को निपटाने में बड़ा कीर्तिमान बनाया है। जहां एक संभाग में तीन सौ- चार सौ प्रकरण भी एक साल में नहीं निपट रहे हैं वही इस संभाग में कमिश्नरी कोर्ट ने  रेवेन्यू ईयर जोकि अब खत्म होने की ओर है उसके अंतिम महीने के चालू दिनों तक एक हजार 600 से अधिक प्रकरणों का निपटारा करने में सफलता हासिल की है। यह अपने आप एक बड़ा रिकॉर्ड है। इसी अवधि में अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से लंबित राजस्व से संबंधित तीन प्रकरण भी निपटाए गए हैं। कहा जा रहा है कि राज्य सरकार ने जैसी उम्मीद की है यह कमिश्नरी उस पर खरी उतर रही है। 

कोई भी सरकार, अपने राज्य में राजस्व के मामलों को शीघ्र से शीघ्र निपटाना चाहती है। राजस्व मामलो में शीघ्र न्याय दिलाना चाहती है। क्योंकि यह आम जनता और ज्यादातर कमजोर वर्ग के लोगों से जुड़े मामले होते हैं। परंतु इसके विपरीत,लगभग हर जगह राजस्व के मामले चलते जाते हैं, चलते रहते हैं, और आगे बढ़ते जाते हैं। व्यवस्था की जो हालत है उससे,आम लोगों के मन में भी धारणा बन गई है कि राजस्व के मामले एक बार शुरू हो जाने के बाद, साल दर साल चलते रहेंगे और इस पर कब अंतिम फैसला हो सकेगा कोई कुछ कहने की स्थिति में नजर नहीं आता। यह मुद्दा राज्य सरकारों के लिए हमेशा चिंता का विषय बना रहा है। लेकिन दुर्ग संभाग ने ऐसी सोच को बदलते हुए राजस्व के प्रकरणों के निपटारे के मामले में रिकार्ड बनाया है। दुर्ग संभाग राजस्व पकड़ो को निपटाने के मामले में जो सिरमौर बना है उसका दावा हम नहीं कर रहे हैं बल्कि यह अधिकृत रिकॉर्ड राज्य के रेवेन्यू डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर उपलब्ध है। यह वेबसाइट बता रही है कि दुर्ग संभाग राजस्व प्रकरणों के निराकरण के मामले में कैसे आगे बढ़ता जा रहा है। 

जानकारी के अनुसार दुर्ग संभाग में न्यू रेवेन्यू ईयर की शुरुआत से याने कि वर्ष 2021 के अक्टूबर महीने तक राजस्व के लगभग 2हजार 667 मामले लंबित थे। रेवेन्यू ईयर राजस्व वर्ष, अक्टूबर महीने से शुरू होते हैं। उक्त अवधि में प्रकरणों में  से 1625 मामलों का निराकरण किया गया है। हालांकि चालू राजस्व वर्ष की इसी अवधि में बड़ी संख्या में नए मामले भी दर्ज किए गए हैं जिसके बाद अभी कमिश्नरी कोर्ट दुर्ग में लंबित मामलों की संख्या बढ़कर अट्ठारह सौ 67 हो गई है। लेकिन फिर भी, दुर्ग संभाग ने राजस्व प्रकरणों को निपटाने के मामले में दूसरे संभागों को काफी पीछे छोड़ दिया है। इसकी तुलना में आप रायपुर संभाग जैसे बड़े क्षेत्र को देखेंगे तो वहां यह  देखकर चौक जाएगे कि वहां इस अवधि में राजस्व के सिर्फ 7 मामलों का ही निराकरण हो सका है। 

कैसे यह रिकॉर्ड बन सका, किसी प्लानिंग के तहत क्या काम किया गया? यह पूछे जाने पर संभागायुक्त महादेव कावरे कहते हैं कि हमने देखा कि आम लोग, राजस्व से संबंधित प्रकरणों के लिए निपटारे के लिए परेशान हो रहे हैं। बहुत सारे लोग दूर-दूर से आते हैं प्रकरणों का निपटारा नहीं होने पर उन्हें भटकते रहना पड़ता है। सबसे पहले हमने रेगुलर कोर्ट शुरू किया। Commissionary court को दो के बजाय तीन दिन लगाना  शुरू किया गया। इससे हमें फायदा मिला। अधिक समय मिलने लगा, पेशी की तारीख भी नजदीक की जाने लगी। एक ही दिन में 200 तक प्रकरणों में सुनवाई की गई। इसके अच्छा रिजल्ट आए। अब हम सैकड़ों की संख्या में प्रकरणों को निपटाने में सफल हुए हैं। 

राजस्व प्रकरणों के निपटारे के मामले में दुर्ग संभाग चालू राजस्व वर्ष में शुरू से आगे बढ़ता गया। पिछले जुलाई महीने तक ही यहां 1हजार 417 प्रकरण निपटा लिए गए। इसके बाद अगस्त और सितंबर महीने में क्रमशः 117 और 96 प्रकरण निपटाए गए।इस संभाग में राजस्व के नए प्रकरण आने भी बंद नहीं हुए हैं। बल्कि कहा जा रहा है कि प्रकरणों के निपटारे की खबर से नए प्रकरण और अधिक संख्या में यहां पहुंचे। जुलाई महीने तक यहां 740 नए मामले दर्ज किए गए। अगस्त और सितंबर महीने में क्रमश 65 और 24 मामले आए हैं। दुर्ग संभाग राजस्व के प्रकरणों को मिटाने के मामले में अव्वल बन गया है तो वही राज्य के दूसरे संभागों की  इस मामले में हालत काफी पतली नजर आ रही है। रायपुर संभाग पर इस मामले में सबसे पिछड़ा हुआ नजर आ रहा है। राज्य रेवेन्यू डिपार्टमेंट का जो डेटा  है उसके अनुसार इस संभाग में चालू राजस्व वर्ष में सिर्फ 7 प्रकरण निपटाए जा सके हैं और यहां 1694 मामले लंबित हैं। हैरत कर देने वाली बात है कि पिछले 2 महीने में यहां इसका कोई भी प्रकरण नहीं मिटाया जा। 

हालात इसके इतर हम राज्य के वन क्षेत्रों को देखते हैं तो वहां भी अब राजस्व के प्रकरणों को निपटाने के प्रति सजगता बढ़ रही है। चालू राजस्व वर्ष में बस्तर संभाग में 238 और सरगुजा संभाग में 327 प्रकरणों का अब तक निपटारा किया गया है। इस तरह से इस मामले में दुर्ग संभाग अव्वल बना हुआ है।

राजस्व प्रकरणों के निपटारे के मामले में दुर्ग संभाग ने चालू रेवेन्यू ईयर में शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इस संभाग का हमेशा ऐसा ही प्रदर्शन बना रहा है। इस संभाग में भी ऐसी स्थिति बनी रही है कि कई मामले सालों साल लंबित रहे हैं। जानकारी के अनुसार यहां इसी रेवेन्यू ईयर में तीन ऐसे भी प्रकरण निपटाए गए जो कि अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से लंबित थे। काम में तेजी लाने की मुहिम के साथ इन मामलों को इस राजस्वास्थ्य में निपटाया गया है। ऐसे कामों में तेजी लाए जाने के लिए यहां लोग, संभागायुक्त श्री कावरे को धन्यवाद दे रहे हैं। जो प्रकरण अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से लंबित था उसमें से  एक मामला अतिक्रमण से संबंधित था जिसमें अपील को खारिज किया गया। अतिक्रमण जैसे मामले भी सालों साल चलते दिखते हैं। जबकि ऐसे मामलों में उम्मीद की जानी है कि इनका  शीघ्र निराकरण हो सकेगा। राजस्व प्रकरणों के निपटारे के मामले में रायपुर संभाग आश्चर्यजनक तरीके से काफी पिछड़ा हुआ नजर आ रहा है।इन संभागों में अपने अधीन कार्यों को निपटाने में तेजी लाई गई तो निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ की आम जनता की समस्याओं के निराकरण के दिशा में बेहतरीन शुरुआत हो सकेगी।