*वित्त सचिव द्वारा लंबित पेंशन एवं सामान्य भविष्य निधि के ऋणात्मक शेष वाले प्रकरणों में समीक्षा *महालेखाकार कार्यालय में शिकायत निवारण प्र...
*वित्त सचिव द्वारा लंबित पेंशन एवं सामान्य भविष्य निधि के ऋणात्मक शेष वाले प्रकरणों में समीक्षा
*महालेखाकार कार्यालय में शिकायत निवारण प्रकोष्ठ स्थापित
रायपुर।
असल बात न्यूज़।।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों के निपटारे में अब संभवत अनावश्यक विलंब नहीं होगा। ऐसे पेंशन प्रकरणों का परीक्षण किया जाएगा और उसमें जो भी कमियां, आपत्तियां नजर आएगी उन सारी आपत्तियों को एक ही बार में दर्ज किया जाएगा। इस प्रक्रिया को अपनाने से पेंशन के लिए लंबे समय तक पढ़ने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है।वित्त सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी. ने लंबित पेंशन प्रकरणों एवं सामान्य भविष्य निधि के ऋणात्मक शेष की आज समीक्षा की है। उन्होंने इस बैठक में विभागीय अधिकारियों को जिस तरह से निर्देश दिया है, उससे लग रहा है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन भुगतान के लिए जिस तरह से भटकना पड़ता है वह अब खत्म हो सकता है। उन्होंने ऐसे मामलों को निपटाने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाने को कहा है।
पेंशन के मामले को लेकर सबसे अधिक शासकीय कर्मचारियों को ही भड़कना पड़ता है। ये शासकीय कर्मी जब तक पद पर बने रहते हैं तब तक सब काम चलते रहता है। लेकिन पद से उतरने के बाद उन्हें ही शासकीय कर्मियों का ही रंग ढंग, व्यवहार बुरा लगने लगता है। तब समझ में आता है कि शासकीय कामों में कहां क्या कमियां हैं और लोगों को किस तरह से परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सेवानिवृत होने के बाद उन्हें भी अपने काम को लेकर भटकना पड़ता है। कई भाई बार तो पेंशन के लिए महीने महीने ऑफिस का चक्कर काटना पड़ जाता है। बैठक में महालेखाकार कार्यालय द्वारा वर्ष 2018 में जीपीएफ ऑनलाईन होने के पूर्व की अवधि के ऋणात्मक शेष के प्रकरण लंबित होने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। आहरण-संवितरण अधिकारियों द्वारा प्रकरणों के निराकरण पर समुचित ध्यान नहीं दिए जाने के बारे में अवगत कराया गया। समीक्षा बैठक में संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन, समस्त संभागीय संयुक्त संचालक एवं वित्त विभाग के अधिकारी के साथउप महालेखाकार श्रीमती जी.एलीलरसी एवं महालेखाकार कार्यालय के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
गया।
सचिव वित्त द्वारा सभी संभागीय पेंशन कार्यालय में प्राप्त पेंशन प्रकरण एवं उनके निराकरण की समीक्षा की गई। संभागीय अधिकारियों को इस संबंध में कड़ी फटकार लगाई गई तथा चेतावनी दी गई कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों में अनावश्यक विलंब के प्रति जीरो-टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। इसके लिए पेंशन प्रकरणों का परीक्षण कर एक ही बार में समस्त आपत्तियां दर्ज की जाए। सामान्य आपत्तियों के संबंध में डीडीओ से समन्वय कर उनका निराकरण पेंशन कार्यालय में ही कराया जाए। ऐसे ऑनलाईन प्रकरण जिनमें पेंशन प्रकरण भौतिक रूप से नहीं प्रेषित किया गया है, के संबंध में संबंधित विभाग के संभागीय अधिकारियों को अर्द्धशासकीय पत्र लिखकर प्रकरण मंगाने की कार्यवाही की जाए। साथ ही आगामी समीक्षा बैठक के समय वर्तमान में लंबित प्रकरणों का शत्-प्रतिशत निराकरण कर उपस्थित होने के निर्देश दिए गए।
आहरण-संवितरण के मामलों में अधिकारियों द्वारा प्रकरणों के निराकरण पर समुचित ध्यान नहीं दिए जाने के बारे में सचिव वित्त द्वारा महालेखाकार कार्यालय एवं संभागीय संयुक्त संचालक, पेंशन के समन्वय से जिला स्तर पर सभी डीडीओ हेतु कार्यशाला आयोजित करने के लिए निर्देशित किया गया। प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए ई-कोष पोर्टल पर महालेखाकार कार्यालय की शिकायत निवारण प्रणाली एवं सम्पर्क दूरभाष क्रमांक सभी अभिदाताओं एवं डीडीओ के लिए उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में महालेखाकार कार्यालय के अधिकारियों द्वारा *हेल्पलाईन 0771-2281499, 094255-27697* तथा महालेखाकार कार्यालय में *शिकायत निवारण प्रकोष्ठ क्रमांक-123 (जीपीएफ अभिदाताओं हेतु हेल्प डेस्क)* उपलब्ध कराया