नई दिल्ली . हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि का त्योहार मनाया जा...
नई दिल्ली. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इन नौ दिनों में मां अम्बे के 9 स्वरूपों को पूजा जाता है। इस साल 26 सितंबर से 4 अक्टूबर 2022 तक शारदीय नवरात्रि पर्व मनाया जाएगा। वहीं महानवमी तिथि 4 अक्टूबर 2022 को पड़ रही है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा का विधान है। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा और ध्यान से सभी प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति होती है। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दुर्गा नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री के इस मंत्र का जाप और आरती करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है...
मां सिद्धिदात्री के मंत्र- महानवमी के दिन पूजन के बाद इस मंत्र का जाप करें
सिद्धगन्धर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि, सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी
या देवी सर्वभूतेषु सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम
जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है
तू जगदंबे दाती तू सर्व सिद्धि है
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो
तू सब काज उसके करती है पूरे
कभी काम उसके रहे ना अधूरे
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली
जो है तेरे दर का ही अंबे सवाली
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता